अयोध्या भूमि विवाद सुलझाने को 5 सदस्यीय संविधान पीठ गठित
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद की भूमि के मालिकाना हक संबंधी विवाद की सुनवाई के लिए मंगलवार को पांच सदस्यीय संविधान पीठ गठित कर दी। यह पीठ 10 जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली इस पांच सदस्यीय संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एनवी रमण, न्यायमूर्ति उदय यू ललित और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़ शामिल हैं। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई सूचना में यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि अयोध्या भूमि विवाद में याचिकाएं 10 जनवरी, 2019 को सुबह 10,30 बजे प्रधान न्यायाधीश के न्यायालय में संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होंगी। शीर्ष अदालत ने 4 जनवरी को कहा था कि इस मामले में गठित होने वाली उचित पीठ 10 जनवरी तक अगला आदेश देगी।
अयोध्या में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से संबंधित 2.77 एकड़ भूमि के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 30 सितंबर, 2010 के 2:1 के बहुमत के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में 14 अपीलें दायर की गयी हैं। हाईकोर्ट ने इस फैसले में विवादित भूमि सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ अपील दायर होने पर शीर्ष अदालत ने मई 2011 में हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगाने के साथ ही विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था।