राफेल डील को लेकर दिए बयान पर राहुल गांधी अडिग, बोले- फ्रांस मुकर रहा है तो मुकरने दें
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अपने भाषण के दौरान राफेल डील पर दिए गए अपने बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अब भी कायम हैं। फ्रांस सरकार द्वारा राहुल के आरोपों को खारिज करने के कुछ देर बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्रकारों से कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने उनसे डील को सार्वजनिक करने को लेकर बयान दिया था। अब अगर फ्रांस इससे मुकर रहा है तो उसे मुकरने दें।
राहुल ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा था कि राफेल डील में घपला हुआ है और विमानों की कीमत ज्यादा कर दी गई है। राहुल ने आरोप लगाया कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल डील को लेकर देश से झूठ बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि राफेल डील में उनकी सरकार ने 520 करोड़ रुपये प्रति प्लेन की डील की थी, पता नहीं क्या हुआ किससे बात हुई। पीएम फ्रांस गए और जादू से हवाई जहाज की कीमत 1600 करोड़ प्रति प्लेन हो गई। रक्षा मंत्री ने पहले कहा कि मैं देश को हवाई जहाज का दाम बताऊंगी। उसके बाद रक्षा मंत्री ने साफ कह दिया कि मैं यह आंकड़ा नहीं दे सकती हूं क्योंकि फ्रांस और भारत की सरकार के बीच सीक्रेसी एग्रीमेंट है।
राहुल ने संसद ने बाहर निकलते हुए कहा, 'अब अगर फ्रांस इससे इनकार करता है तो उसे करने दीजिए। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने मुझसे कहा था कि डील की जानकारी सार्वजनिक की जा सकती है। जब बातचीत हुई थी तब मैं अकेला नहीं था। मेरे साथ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और आनंद शर्मा भी मौजूद थे।
राहुल के बयान के तुरंत बाद फ्रांस सरकार ने बयान जारी कर कहा कि 2008 के सिक्यॉरिटी एग्रीमेंट के तहत दोनों देश गुप्त सूचना को सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं। हम कानूनी तौर पर इससे बंधे हुए हैं। डील की जानकारी सार्वजनिक करने से सुरक्षा और ऑपरेशनल क्षमता पर असर पड़ सकता है। ऐसे में यह प्रावधान 2016 में किए गए 36 राफेल लड़ाकू विमानों पर भी लागू होता है। 9 मार्च 2018 को एक टीवी चैनल को दिए गए फ्रांस के राष्ट्रपति ने इंटरव्यू में साफ कहा था कि यह समझौता काफी गोपनीय है और इसके डिटेल का खुलासा नहीं किया जा सकता है।