किसानों पर सरकार मेहरबान; अब हर किसान को मिलेंगे 6000 रुपये सालाना, पेंशन स्कीम की भी घोषणा
प्रवीण कुमार
नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार ने चुनाव में किए गए वादों के तहत केंद्रीय मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में प्रधानमंत्री किसान योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसके तहत सभी किसानों को 6,000 रुपये सालाना देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके अलावा करोड़ों किसानों को पेंशन कवरेज प्रदान करने का ऐतिहासिक फैसला भी बैठक में लिया गया। तीन वर्षों में पांच करोड़ परिवारों का जीवन सुरक्षित बनाने के लिए पेंशन योजना की घोषणा की गई है। यह योजना पीएम-किसान मौद्रिक सहायता के अतिरिक्त होगी।
यह ऐतिहासिक निर्णय देश भर के किसानों को सशक्त बनाएगा। यह अग्रणी योजना राष्ट्र को अनाज मुहैया कराने के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले परिश्रमी किसानों को पेंशन की सुविधा उपलब्ध कराएगी। आजादी के बाद यह पहला मौका है, जब किसानों के लिए पेंशन कवरेज की परिकल्पना की गई है। अनुमान है कि प्रारंभिक तीन वर्षों में पांच करोड़ छोटे और सीमांत किसान इससे लाभांवित होंगे। केन्द्र सरकार इस योजना के अंतर्गत परिकल्पित सामाजिक सुरक्षा कवर मुहैया कराने के लिए तीन वर्ष की अवधि के लिए अपने अंशदान के रूप में 10774.50 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगी।
प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत अब 14.5 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे। इससे सरकारी खजाने पर 87,000 करोड़ रुपये सालाना बोझ पड़ेगा। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल ने पीएम-किसान योजना का दायरा बढ़ाकर सभी किसानों को इसमें अंतर्गत लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में 75,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत सरकार ने दो हेक्टयर तक की जोत वाले करीब 12 करोड़ छोटे एवं सीमांत किसानों को 6,000 रुपये सालाना तीन किस्तों में देने की घोषणा की थी। आधिकारिक आंकड़े के अनुसार प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत अब तक 3.11 करोड़ छोटे किसान 2,000 रुपये की पहली किस्त प्राप्त कर चुके हैं। वहीं 2.75 करोड़ कृषकों को दूसरी किस्त मिल चुकी है।
किसान पेंशन योजना की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
- यह देश भर के छोटे और सीमांत किसानों (एसएमएफ) के लिए स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है।
- इसमें प्रारंभिक आयु 18 से 40 वर्ष है और 60 वर्ष की आयु होने पर 3000 रूपये की न्यूनतम निर्धारित पेंशन देने का प्रावधान है। उदाहरण के लिए लाभार्थी किसान को 29 वर्ष की प्रवेश आयु में 100 रुपये प्रतिमाह का अंशदान करना अपेक्षित है। केंद्र सरकार भी पात्र किसान द्वारा किए गए अंशदान के बराबर राशि पेंशन निधि में जमा कराएगी।
- अंशदानकर्ता की पेंशन लेने के दौरान मृत्यु होने के बाद एसएमएफ लाभार्थी की पत्नी/पति परिवार पेंशन के रूप में लाभार्थी द्वारा प्राप्त की जा रही पेंशन की 50 प्रतिशत पेंशन राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे। बशर्ते कि वे इस योजना के पहले से ही एसएमएफ लाभार्थी न हों। अगर अंशदानकर्ता की मृत्यु अंशदान अवधि को दौरान हो जाती है तो उसके पत्नी/पति के सामने नियमित अंशदान भुगतान द्वारा योजना को जारी रखने का विकल्प खुला होगा।
- इस योजना की दिलचस्प बात यह है कि किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना से प्राप्त लाभ से सीधे ही इस योजना में अपना मासिक अंशदान करने का विकल्प चुन सकता है। एक अन्य विकल्प यह भी है कि कोई भी किसान ‘मैती’ के तहत कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से पंजीकरण कराकर भी अपने मासिक अंशदान का भुगतान कर सकता है।
पीएम किसान योजना के दायरे में अब 14.5 करोड़ किसान
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस आशय की मंजूरी दी है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के दायरे को व्यापक रूप से बढ़ाया जाएगा। इस निर्णय के साथ ही अब सभी भूमि जोत वाले पात्र किसान परिवार (सामान्य अपवाद मानदंड को छोड़कर) इस योजना से लाभान्वित हो सकेंगे।
- संशोधित योजना से लगभग 2 करोड़ और किसानों को कवर किये जाने की आशा है। इससे पीएम-किसान योजना का दायरा बढ़ जाएगा और इसके दायरे में तकरीबन 14.5 करोड़ लाभार्थी आ जायेंगे। वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार द्वारा इस पर अनुमानित 87,217.50 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा।
- पीएम-किसान योजना का दायरा बढ़ाने से संबंधित आज के कैबिनेट निर्णय से आम चुनाव 2019 के दौरान देश की जनता से प्रधानमंत्री द्वारा किया गया एक प्रमुख वायदा पूरा हो गया है। भाजपा के चुनाव संकल्प पत्र में भी इस प्रमुख नीतिगत निर्णय का उल्लेख किया गया था।
- पीएम-किसान योजना के तहत देश भर में 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि वाले छोटे एवं सीमांत भूमिधारक किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की आय सहायता देने का उल्लेख किया गया है (अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है)।
- इस योजना के तहत पूरे साल के दौरान प्रत्येक चार महीने में 2000-2000 रुपये की तीन किस्तों में यह राशि जारी की जा रही है। यह राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण विधि के माध्यम से लाभार्थियों के निर्दिष्ट बैंक खाते में जमा की जा रही है।
- इस योजना का शुभारंभ तीन हफ्तों की रिकॉर्ड अवधि में 24 फरवरी, 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान किया गया था। इस दौरान निर्धारित पहली किस्त अनेक किसानों के बैंक खातों में जमा कर दी गई थी।