'धर्मांतरण पसंद नहीं है तो कानून लाए विपक्ष'
सत्ता विमर्श ब्यूरो
कोलकाता : केंद्र द्वारा प्रस्तावित धर्म परिवर्तन विरोधी विधेयक की वकालत करते हुए सरसंघ चालक मोहन भागवत ने विपक्षी दलों से कहा कि अगर वे धर्म परिवर्तन पसंद नहीं करते हैं तो संसद में कानून बनाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि अगर कोई हिंदू नहीं बनना चाहता है तो इसी तरह हिंदुओं का भी धर्म परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए।
भागवत ने यहां शनिवार को एक हिंदू सम्मेलन में कहा, ‘हम हिंदू समाज बनाने का प्रयास कर रहे हैं। जो लोग भटक गए हैं वे खुद से नहीं गए। उन्हें लालच दिया गया और उन्हें जबरन ले जाया गया। जब चोर पकड़ा जा रहा है और मेरी संपत्ति बरामद हो गयी है, जब मैं अपनी संपत्ति वापस ले रहा हूं तो इसमें नया क्या है?’
उन्होंने कहा, ‘अगर आप इसे पसंद नहीं करते तो इसके खिलाफ कानून बनाइए। आप इसे नहीं लाना चाहते। अगर आप हिंदू नहीं बनना चाहते तो आपको भी हिंदुओं का धर्म नहीं बदलना चाहिए। हमारा रूख दृढ़ है।’ उन्होंने कहा, ‘डरने की जरूरत नहीं है। हम अपने देश में हैं। हम घुसपैठिया नहीं हैं। यह हमारा देश है, हमारा हिंदू राष्ट्र। कोई हिंदू अपनी जमीन नहीं छोड़ेगा। पहले जो हम खो चुके हैं उसे हम वापस लाने का प्रयास करेंगे। हिंदुओं के उत्थान से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। जो लोग हिंदुओं के उत्थान के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं वे स्वार्थी हैं और उनके निहित स्वार्थ हैं।’
भागवत ने कहा कि हिंदू समाज किसी को दबाने में विश्वास नहीं करता है। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश या पाकिस्तान की तरफ से किए जा रहे अपराधों को हिंदू बर्दाश्त करते रहे हैं। हमारे भगवान कहते हैं कि सौ अपराधों के बाद हिंदुओं के खिलाफ अपराध को बर्दाश्त मत करो।’ उन्होंने कहा कि बंटवारे से पहले पाकिस्तान भी भारत का हिस्सा था और वहां हिंदुओं की ज्यादा उपस्थिति नहीं है इसलिए पाकिस्तान शांति से नहीं रह सकता।
भागवत ने कहा, ‘जब तक हिंदू यहां भारत में हैं, तब तक वह देश है। अगर वहां हिंदू नहीं होते तो यहां रहने वाला हर आदमी कष्ट में होता।’ उन्होंने कहा कि अपनी संपति और गरिमा बचाने के लिए हिंदू काफी मजबूत हैं। उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया की बेहतरी के लिए मजबूत हिंदू समाज की जरूरत है।’