मानव विकास सूचकांक में भारत ने किया एक पायदान का सुधार
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : मानव विकास सूचकांक (ह्यूमन डिवेलपमेंट इंडेक्स) के मामले में इस बार भारत की रैकिंग में एक पायदान का सुधार हुआ है। यूनाइटेड नेशंस डिवेलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) की तरफ से शुक्रवार को जारी की गई ह्यूमन डिवेलपमेंट रैकिंग में कुल 189 देशों में भारत 130वें स्थान पर है। 2017 के लिए भारत का एचडीआई वैल्यू 0.64 रहा जो मध्यम एचडीआई कैटिगरी में आता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 1990 से 2017 के बीच भारत का एचडीआई वैल्यू 0.427 से बढ़कर 0.640 हो गया है यानी इसमें करीब 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। UNDP ने लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की दिशा में भारत की उल्लेखनीय प्रगति का अहम संकेतक बताया है। रैकिंग में नॉर्वे, स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और जर्मनी टॉप पर हैं जबकि नाइजर, सेन्ट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, साउथ सूडान, चाड और बुरुंडी काफी कम एचडीआई वैल्यू के साथ फिसड्डी देशों में शुमार हैं। भारत का एचडीआई वैल्यू (0.640) दक्षिण एशिया के औसत 0.638 से थोड़ा सा ऊपर है। भारत के पड़ोसी देशों बांग्लादेश और पाकिस्तान के एचडीआई वैल्यू क्रमशः 0.608 और 0.562 हैं। बांग्लादेश की रैकिंग जहां 136 है, वहीं पाकिस्तान की रैकिंग 150 है।
क्या है मानव विकास सूचकांक : मानव विकास सूचकांक यानी ह्यूमन डिवेलपमेंट इंडेक्स जीवन प्रत्याशा, शिक्षा, और आय सूचकांकों का एक संयुक्त सांख्यिकीय सूचकांक है। इस मेथड को अर्थशास्त्री महबूब-उल-हक ने तैयार किया था। पहला मानव विकास सूचकांक 1990 में जारी किया गया था। तब से हर साल संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा इसे प्रकाशित किया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर सूचकांक में सुधार हुआ है। जिन 189 देशों के एचडीआई की गणना की गई, उनमें से आज 59 देश 'वेरी हाई ह्यूमन डिवेलपमेंट' की श्रेणी में हैं जबकि 38 देश लो एचडीआई श्रेणी में हैं। सिर्फ 8 साल पहले 2010 में 46 देश ही उच्च एचडीआई ग्रुप में थे जबकि 49 देश निम्न एचडीआई ग्रुप में थे।
जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेक्टंसी) के मामले में भारत की स्थिति बेहतर हुई है। 1990 से 2017 के बीच भारत में जन्म के वक्त जीवन प्रत्याशा में करीब 11 सालों की बढोतरी हुई है। भारत में जीवन प्रत्याशा 68.8 साल है जबकि 2016 में यह 68.6 साल और 1990 में 57.9 साल थी। लैंगिक आधार पर अगर जीवन प्रत्याशा की बात करें तो भारत में महिलाओं की जीवन प्रत्याशा पुरुषों से ज्यादा है। महिलाओं की जीवन प्रत्याशा जहां 70.4 वर्ष है, वहीं पुरुषों की जीवन प्रत्याशा 67.3 वर्ष है। खास बात यह है कि भारत में जीवन प्रत्याशा दक्षिण एशिया के औसत से कम है। इस मामले में बांग्लादेश की स्थिति हमसे बेहतर है जहां जीवन प्रत्याशा 72.9 वर्ष है।