योग को PM ने बताया जोड़ने वाली ताकत, पटना में जदयू अध्यक्ष ने कार्यक्रम में नहीं की शिरकत तो केरल के CM ने कहा ये!
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: 21 जून यानी विश्व योग दिवस पर देश के विभिन्न राज्यों और शहरों से योग को लेकर गजब उत्साह दिखा। खासकर देहरादून में जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और करीब 55,000 लोग शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री ने विशाल जन समूह को योग की गुणवत्ता और महत्ता को लेकर संबोधित भी किया। मोदी ने इसे समाज को जोड़ने वाली क्रिया करार दिया। यह आयोजन वन अनुसंधान संस्थान में आयोजित किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग व्यक्ति-परिवार-समाज-देश-विश्व और सम्पूर्ण मानवता को जोड़ता है। योग आज दुनिया की सबसे Powerful Unifying Forces में से एक बन गया है। योग एक ऐसा प्रस्ताव था, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने सबसे कम समय में मंजूरी दी- पीएम मोदी
उत्तराखंड कई दशकों से योग का मुख्य केंद्र रहा है। यहां के पर्वत- वायु भी योग के लिए प्रेरित करते हैंं। ये हम सभी भारतियों के लिए गौरव की बात है कि आज जहां सूर्य की किरणें पहुंच रही हैं। वहां लोग सूर्य से योग का स्वागत कर रहे हैं। दुनिया के कोने-कोने तक आज योग ही योग है।।।हिमालय से रेगिस्तान तक योग लोगों के जीवन को समृद्ध कर रहा है। देहरादून से डबलिन तक और जकार्ता से लेकर जोहानिसबर्ग तक योग ही योग है। विश्व का हर नागरिक योग को अपना मानने लगा है। योग से परिवार, समाज और राष्ट्र में शांति का माहौल बनता है। बिखराव के बीच जोड़ने का काम करता है योग- पीएम मोदी
देश के अलग अलग शहरों से भी योग दिवस मनाने की खबर आई। इस बीच बिहार में जदयू अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार की योग कार्यक्रम से गैर मौजूदगी कई सवाल खड़े कर गई। पटना में गर्वनर सत्य पाल मलिक ने योग दिवस कार्यक्रम की शुरूआत की जिसमें नीतीश उपस्थित नहीं रहें। हालांकि उनके सहयोगी दल के दिग्गज अच्छी खासी संख्या में दिखे। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी भी नजर आए। वहीं दोनों ही दलों ने लोगों को कयास ना लगाने को कहा।
जदयू ने कहा कि 2015 के पहले से भी नीतीश कुमार योग करते रहें हैं और उनकी दिनचर्या में योग शामिल है। रविशंकर और सुशील मोदी ने प्रदेश के सीएम की नामौजूदगी का कोई ठोस कारण तो नहीं बताया लेकिन इतना जरूर कहा कि किसी भी सार्वजनिक व्यक्तित्व की अनुपस्थिति को किसी राजनीतिक चश्मे से देखा नहीं जाना चाहिए। गौरतलब है कि खुद योग में मास्टर्स करने वाले नीतीश योग के सार्वजनिक प्रदर्शन को सही नहीं मानते हैं, इसे लेकर वो अपनी राय पहले जाहिर कर चुके थे। लेकिन गठबंधन के बाद समझा जा रहा था कि उनके रवैये में बदलाव आएगा।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने योग को कुछ लोगों द्वारा हाइजैक करने की कोशिश को गलत करार दिया। उन्होंने कहा कि उनके प्रदेश में योग और नैचुरोपैथी को लेकर सरकार ने काफी काम किया है। ये शरीर और दिमाग के लिए बेहतरीन कसरत है। जिसे हर धर्म के लोगों को खुले दिमाग से धर्मनिरपेक्ष होकर अपनाना चाहिए।