गुजरात के लिए जेटली बोझ, जनता को इस्तीफा मांगने का हक: यशवंत सिन्हा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
अहमदाबाद/नई दिल्ली: पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के बागी नेता यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की काबिलियत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने GST को पूरी तरह असफल बताया। यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा वित्त मंत्री अरूण जेटली को वह गुजरात पर ‘बोझ’ मानते हैं और जनता को उनसे इस्तीफा मांगने का पूरा हक है। इसके साथ ही यशवंत सिन्हा ने राहुल के वन टैक्स संबंधी बयान पर जेटली की चुटकी पर भी अपनी राय रखी।
यशवंत सिन्हा तीन दिन के गुजरात दौरे पर हैं और उन्होंने इस दौरान किसी राजनीतिक बयानबाजी से परहेज करते हुए कहा- कि देश के बिगड़ते आर्थिक हालात पर तुरंत बोलना जरूरी था। सिन्हा गुजरात में आयोजित लोकशाही बचाओ कार्यक्रम में बोल रहे थे। यहां उन्होंने विमुद्रीकरण और जीएसटी पर अपनी राय जाहिर की। उन्होंने कहा- जीएसटी को लागू करने में गड़बड़ी और इस मामले में ‘चित मैं जीता, पट तुम हारे’की तर्ज पर बर्ताव कर रहे इस मंत्री से कुर्सी छोड़ने की मांग का जनता का वाजिब हक मानते हैं।
हालांकि देश में कारोबारी सुगमता यानी इज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में विश्व बैंक की रिपोर्ट में भारत की स्थिति में सुधार का उन्होंने स्वागत किया और कहा कि यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है पर मुश्किल यह है कि देश के बाहर की वाहवाही को स्वीकार करने वाले हम लोग देश के अंदर से होने वाली आलोचना को खारिज कर देते हैं। जबकि जरूरी यह है कि हमे इस बात की अधिक चिंता करनी चाहिए कि दुनिया की तुलना में भारत के लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं।
गुजराती को मौका देना था
देश की आर्थिक स्थिति पर पिछले दिनों अपने लेख में मोदी सरकार पर हमला बोल सियासी तूफान उठाने वाले सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत कहा कि गुजरात से राज्यसभा के लिए चुने गये अरूण जेटली राज्य की जनता के लिए बोझ जैसे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं वित्त मंत्री को गुजराती नहीं मानता। वह गुजरात से राज्यसभा के लिए चुने गए होंगे पर वे आप पर बोझ हैं। अगर वह नहीं चुने जाते तो उनकी जगह किसी गुजराती को मौका मिला होता। अरूण जेतली गुजरात से साल 2012 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। फिलहाल गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रभारी भी हैं।
मोदी ने जीएसटी का किया था विरोध
इस दौरान यशवंत सिन्हा ने जीएसटी के मौजूदा स्वरूप में बदलाव के लिए कई सुझाव भी दिए। एक प्रश्न के उत्तर में सिन्हा ने यह भी स्वीकार किया कि मोदी के गुजरात सीएम रहते जीएसटी का विरोध किया था और राज्य के तत्कालीन वित्त मंत्री सौरभ पटेल का यह बयान कि इससे गुजरात को नौ हजार करोड का नुकसान होगा अब भी संसदीय कार्यवाही की रिकार्ड में है। उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है और अराजकता जैसी स्थिति पैदा की।
डिमोनेटाइजेशन ने ली 20 लाख नौकरियां
सिन्हा ने कहा कि सरकार के विमुद्रीकरण के फैसले से भी देश को नुकसान हुआ। कहां तो एक साल में 20 करोड़ युवाओं को नौकरी देने की बात कही जा रही थी और कहां आज 20 लाख युवा बेरोजगार हो गए हैं। इसका ना सिर्फ आर्थिक बल्कि सामाजिक नुकसान भी देश को झेलना पड़ा। 8 नवंबर को प्रधानमंत्री ने लगातार कहा कि इस प्रक्रिया से कालाधन वापिस आएगा लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं हुआ। हरेक दिन सिर्फ गोल पोस्ट बदलता रहा लेकिन इससे हासिल कुछ नहीं हुआ।
राहुल की जुबान कभी जेटली भी बोले थे
जसवंत सिन्हा ने राहुल गांधी द्वारा सिंगल टैक्स रेट लागू कराने की बात पर जेटली के तंज पर भी अपनी राय जाहिर की। उन्होंने कहा- जेटली जब पहले विपक्ष में थे तो उन्होंने भी एकल कर प्रणाली लागू कराने की वकालत की थी...लेकिन अब जब सत्ता में हैं तो इसे बचकाना बता रहें हैं।
राहुल और जेटली ने ये कहा था
दरअसल, अपने एक चुनावी प्रचार के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि गुजरात की जनता के दबाव में मोदी सरकार को जीएसटी दरों में बदलाव करना पड़ा है। जनता को 5 नहीं, बल्कि एक टैक्स स्लैब चाहिए। अब इसी पर केन्द्रीय वित्त मंत्री का जवाब आया था। उन्होंने गांधी की बात को बचकाना ठहराया और कहा कि जिन्हें जीएसटी की ABCD नहीं पता वो सिंगल टैक्स स्लैब की बात कर रहे हैं।