जेटली बोले; नोटबंदी एक ऐतिहासिक क्षण पर इससे भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म नहीं होगा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : 8 नवंबर की तैयारी सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से हो रही है। कांग्रेस के दावे को भारतीय जनता पार्टी अपने तरीके से खारिज कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद में नोटबंदी को जहां एक काला अध्याय बताया, वहीं केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास का महत्वपूर्ण क्षण बताया। साथ ही माना कि नोटबंदी हर समस्या का एकमात्र समाधान नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस को 2जी और कोलगेट की भी याद दिलाई।
नोटबंदी लागू होने के एक साल पूरे होने के अवसर पर मंगलवार को यहां आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जेटली बोल रहे थे। वित्त मंत्री ने विरोधियों खासकर कांग्रेस को निशाने पर रखते हुए कहा कि नोटबंदी ने देश में स्वच्छ, पारदर्शितापूर्ण और ईमानदार वित्तीय प्रणाली प्रदान की है जिस पर आने वाली पीढ़ी गर्व करेगी। उन्होंने कहा यह दिवस देश से कालाधन की गंभीर बीमारी के उपचार के इस सरकार के संकल्प को प्रदर्शित करता है।
पॉलिसी पैरालिसिस- कांग्रेस की देन
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा नोटबंदी को संगठित लूट और कानूनी डाका करार दिए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि असली लूट तो कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए सरकार के दौरान 2जी घोटाले, कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले और राष्ट्रमंडल घोटाले में हुई थी। कांग्रेस ने 10 साल के अपने शासनकाल में कुछ नहीं किया। इस दौरान नीतिगत पंगुता (पॉलिसी पैरालिसिस) की स्थिति रही। मनमोहन सिंह को नोटबंदी पर कुछ भी कहने से पहले अपने कार्यकाल में अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता की आज से तुलना करनी चाहिए थी। हैरानी की बात है कि कांग्रेस काले धन के खिलाफ उठाए गए इस कदम को लूट बता रही है, जबकि असली लूट तो यूपीए के कार्यकाल में हुई थी।
'नोटबंदी नैतिक तौर पर सही कदम'
मोदी सरकार का नोटबंदी का कदम नैतिक रूप से बिल्कुल दुरुस्त था और जो नैतिक रूप से सही होता है वह राजनीतिक रूप से भी ठीक होता है। लेकिन कांग्रेस को यह समझ में नहीं आएगा क्योंकि उसका असली मकसद एक परिवार की सेवा करना है जबकि भाजपा देश की सेवा कर रही है। नोटबंदी के फैसले को अभूतपूर्व बताते हुए जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार यह मानती है कि यूपीए के 10 साल के शासनकाल में चली आ रही यथास्थिति को देश की अर्थव्यवस्था और उसके भविष्य के लिए बदलना अनिवार्य था। इसके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं।
भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा पर कम जरूर होगा
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में नकदी का प्रयोग कम हुआ है। टैक्स का आधार बढ़ा है और टैक्स देने वालों की संख्या भी बढ़ी है। नकदी कम होने से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा लेकिन ऐसा करना मुश्किल जरूर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी हर समस्या का हल नहीं है लेकिन अगर देश को विकसित अर्थव्यवस्था बनाना है तो उसे कम नकदी वाली और साफ-सुथरी व्यवस्था की ओर बढ़ना होगा। एक साल के अनुभव के बाद भाजपा और केंद्र सरकार दृढ़ता के साथ इस फैसले के पीछे खड़ी है।