कानून पर भरोसा कायम रहे इसलिए जस्टिस लोया की मौत की जांच जरूरी : राहुल गांधी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीजेआई जस्टिस दीपक मिश्रा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर कहा कि जजों द्वारा उठाए गए सवाल बेहद गंभीर हैं और उनपर ध्यान देने की जरूरत है। कांग्रेस अध्यक्ष ने जस्टिस लोया की मौत की जांच भी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज से कराने की मांग की।
राहुल गांधी ने कहा कि जस्टिस चेलमेश्वर का लोकतंत्र को लेकर दिया गया बयान बहुत ही महत्वपूर्ण है और जजों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सावधानी से ध्यान देने की जरूरत है। देश में इस तरह की घटना पहली बार हुई है। जजों ने जज जस्टिस लोया के मामले का भी जिक्र किया है। इस मामले की भी निष्पक्ष जांच कराने की जरूरत है। राहुल ने कहा कि जिन्हें न्याय से प्यार है और सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है, वे सभी लोग इस मुद्दे को देख रहे हैं। ऐसे में इसका हल निकालना बहुत जरूरी है। जजों के इस तरह से मोर्चा खोलने के बाद सरकार में हलचल बढ़ गई है। सरकार ने इसे न्यायपालिका का अंदरूनी मामला बताने का साफ संदेश दे दिया है। हालांकि सरकार की निगाहें सीजेआई दीपक मिश्रा के भावी रुख पर है।
सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मीडिया को उस चिट्ठी की कॉपी भी दी जिसे उन्होंने करीब दो महीने पहले सीजेआई जस्टिस दीपक मिश्रा को लिखा था। चिट्ठी में जज ब्रृजमोहन लोया की मौत के मामले का भी जिक्र था। सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज जस्टिस लोया (48) की दिसंबर 2014 में मौत हो गई थी। वह सीबीआई के स्पेशल कोर्ट में सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले को देख रहे थे। इस हाईप्रोफाइल केस में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत गुजरात के कई बड़े अधिकारी नामजद थे। बाद में उस मामले में अमित शाह बरी हो गए थे।
जस्टिस लोया की मौत की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी एक जनहित याचिका दायर हुई है। वकील अनीता शिनॉय ने इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की हैं। संयोग से शुक्रवार को ही उनकी जनहित याचिका पर सुनवाई भी थी। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस लोया की मौत की जांच की मांग वाली याचिका की सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। इस मामले में शीर्ष अदालत में सोमवार को अगली सुनवाई होगी। मालूम हो कि अंग्रेजी पत्रिका 'द कैरवां' में जस्टिस लोया की मौत पर परिवार के संदेह को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। इस रिपोर्ट के बाद देश के कई हिस्सों में जस्टिस लोया की मौत पर सवाल उठने लगे थे।