थरूर ने कन्हैया को भगत सिंह जैसा बताया, हंगामा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के जेएनयू छात्र कन्हैया कुमार की तुलना भगत सिंह से किए जाने संबंधी बयान से विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने जहां इसे थरूर का निजी बयान बताया है, वहीं थरूर अपने बयान पर कायम हैं।
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की तुलना भगत सिंह से कर शशि थरूर अपनी ही पार्टी में घिर गए हैं। थरूर के बयान से किनारा करते हुए कांग्रेस ने इसे थरूर की निजी राय करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि वो आज़ादी का अलग दौर था और ये बर्बादी का अलग दौर है। इसमें लड़ने वालों की अपनी अहमियत है पर ये तुलना ठीक नहीं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने तो इस तुलना के मामले पर और सख़्ती दिखाते हुए कहा कि भगत सिंह जैसा कोई नहीं हो सकता। किसी से उनकी तुलना नहीं हो सकती और आजकल के लड़कों से तो बिल्कुल ही नहीं। भाजपा नेता शहनवाज हुसैन ने थरूर के बयान को सरदार भगत सिंह का अपमान बताया है।
बयान पर हंगामा होने के बाद थरूर ने सफाई देते हुए कहा कि उनका इरादा भगत सिंह की तुलना कन्हैया से करने का बिल्कुल नहीं था। दरअसल हुआ ये कि दर्शकों में एक लड़की ने भगत सिंह का जिक्र किया और मैंने कहा कि हां! भगत सिंह भी कन्हैया की ही तरह थे। मेरा मतलब ये था कि वह भी एक युवा और मार्क्सवादी थे। उन्हें भी अपनी मातृभूमि से प्यार था। कन्हैया में भी वही गुण हैं। इससे ज्यादा मैंने कुछ नहीं कहा।
शशि थरूर ने अपनी सफाई में आगे कहा, भगत सिंह उपनिवेशवादी सत्ता और विदेशी दमन के खिलाफ लड़ रहे थे और कन्हैया कुमार उनके मतों पर यकीन करते हुए बिल्कुल अलग तरह के लोकतंत्र में लड़ रहा है। हालात बिल्कुल अलग हैं लेकिन मैंने तुलना युवा, मार्क्सवादी, आदर्शवादी और प्रतिबद्धता के मामले में की। इससे ज्यादा कुछ नहीं है।
जेएनयू परिसर में छात्रों को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने रविवार को भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि ‘आजकल राष्ट्रवाद इससे तय होता है कि कोई व्यक्ति ‘भारत माता की जय’ कहता है कि नहीं। मुझे यह कहने में खुशी है, लेकिन क्या हमें सभी को ऐसा कहने के लिए मजबूर करना चाहिए।’ शशि थरूर ने जेएनयू में कथित देशद्रोही नारे लगाने के आरोपी कन्हैया कुमार को आज का भगत सिंह बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में लोगों को जो सही लगता है उसे चुनने का अधिकार होना चाहिए और दूसरों के विचारों को सहन किया जाना चाहिए। थरूर ने कहा कि भगत सिंह अपने जमाने में कन्हैया कुमार थे। देश में किशन कन्हैया और कन्हैया कुमार दोनों के लिए जगह है।
थरूर ने कहा कि हमारा देश विविधताओं से भरा पड़ा है। हमारा देश सिर्फ हिंदू, हिंदी और हिंदुस्तान नहीं है। इसे इंडिया भी कहा जाता है। हम चाहते हैं कि यहां कृष्ण और कन्हैया दोनों का साथ हो। थरूर ने महाराष्ट्र विधानसभा में एमआईएम विधायक वारिस पठान के भारत माता की जय बोलने से इंकार करने पर सदन से उनके निलंबन को भी गलत ठहराया। थरूर के इस बयान पर अब विवाद भी शुरू हो गया है।