किसान मुक्ति यात्रा के मंच पर दिखी विपक्षी दलों की एकजुटता, मोदी सरकार पर खूब बरसे राहुल, केजरीवाल और येचुरी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : देश भर के 200 से ज्यादा किसान संगठनों ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के बैनर तले 29 और 30 नवंबर को राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर के समीप संसद मार्ग फिर प्रदर्शन किया। इस दो दिवसीय किसान मुक्ति मार्च का समापन तमाम राजनीतिक दलों के भाषण से हुआ। देश की कुल 21 दलों के नेताओं ने किसानों के इस मंच पर आकर उन्हें समर्थन दिया। राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, शरद पवार, धर्मेंद्र यादव, डी. राजा, फारूक अब्दुल्ला जैसे नेताओं ने बड़े तीखे तेवर के साथ मोदी सरकार को चुनौती दी कि अगर वे किसानों का कर्ज माफ नहीं करेंगे तो जनता उन्हें हरा देगी। उन्होंने मोदी सरकार को किसानों के साथ धोखा करने, वादे पूरे न करने और किसान विरोधी होने का आरोप लगाया।
2019 में मोदी सरकार के खिलाफ कयामत ढा देंगे किसान : केजरीवाल
आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं। इस नाते आप लोगों का दिल्ली में स्वागत है। आप बार-बार दिल्ली आइए। लेकिन मुझे दुख इस बात का है कि आप दिल्ली दुख की घड़ी में आए हैं, दुखी होकर आए हैं। सरकार से नाराज होकर आए हैं। केजरीवाल ने कहा, 'मोटे तौर पर तीन मांगें समझ में आती हैं। जितना कर्ज किसानों का है वह सारा कर्ज माफ होना चाहिए। किसानों को उनकी फसल का पूरा दाम मिलना चाहिए। जो वादा किया गया था स्वामीनाथन आयोग का उसे लागू किया जाना चाहिए। किसानों को भीख नहीं चाहिए, किसान अपना हक मांग रहे हैं। सरकारें एमएसपी निर्धारित कर देती हैं लेकिन इस दाम पर कोई नहीं खरीदते। किसान की फसल बर्बाद हो जाए तो सरकार ने जो फसल बीमा है योजना बनाई है यह फ्रॉड है, किसानों के साथ धोखा है। वह बीजेपी की किसान डाका योजना है बीजेपी की। इस बीमा योजना को बंद करो, 3 साल से जितने पैसे लिए हैं किसानों के उसे वापस करो। इसकी जगह किसान मुआवजा योजना लाओ।' केजरीवाल ने कहा, 'हमने दिल्ली के किसानों को 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेअर के हिसाब से मुआवजा दिया। अगर दिल्ली सरकार कर सकती है तो क्या मोदी सरकार नहीं कर सकती? जितनी चिंता उन्हें अंबानी अडाणी की रहती है उसका 10 प्रतिशत किसानों की चिंता कर लो। अगर ऐसा नहीं कर सकते तो अगली बार वोट भी अंबानी-अडाणी से ही मांग लेना।
किसानों के लिए अगर पीएम बदलना पड़े तो वह भी बदलेंगे : राहुल
दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच पहुंचकर कांग्रेस अध्यश्र राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जोरदार तरीके से हमला बोला। राहुल ने कहा है कि अगर पीएम मोदी अपने 15 सबसे अमीर दोस्तों का लाखों करोड़ रुपये का कर्जा माफ कर सकते हैं तो उन्हें देश के करोड़ों किसानों का कर्जा भी माफ करना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'किसान कोई फ्री गिफ्ट नहीं मांग रहा, अपना हक मांग रहा है। पीएम ने वादा किया था बोनस का, एमएसपी का। आप बीमा का पैसा देते हो, अनिल अंबानी की जेब में जाता है। किसान ये भी नहीं चुन सकता कि कौन सा बीमा ले। मोदी ने हिंदुस्तान को बांट रखा है, कहीं अंबानी को कहीं अडाणी को।' राहुल गांधी यही नहीं रुके। उन्होंने राफेल डील पर अपने पुराने आरोपों के संदर्भ में कहा, 'हिंदुस्तान का किसान मोदीजी से अनिल अंबानी का हवाई जहाज नहीं मांग रहा है। किसान पूछ रहा है कि अगर अनिल अंबानी को वायुसेना का पैसा दे सकते हो, 15 अमीर मित्रों का कर्जा माफ कर सकते हो तो हमारा भी माफ करो।' राहुल ने विपक्षी एकता की बात करते हुए कहा, 'हम सबकी विचारधारा भले ही अलग है, लेकिन किसानों और युवाओं के लिए हम एक हैं। चाहे कानून बदलना पड़े, सीएम बदलना पड़े, या पीएम बदलना पड़े, हम बदलेंगे। पूरे देश से हिंदुस्तान के किसान और युवाओं की आवाज है, जिसे आप चुप नहीं कर सकते।' पांच साल पहले हम सबने कहा था कि अगर कोई सरकार हिंदुस्तान के किसान का अपमान करेगी, हिंदुस्तान के युवाओं का अपमान करेगी तो उस सरकार को हिंदुस्तान हटा कर रहेगा। आप देश को भोजन देते हो। आप चार बजे सुबह उठकर देश को अपना खून-पसीना देते हो। इस देश को कोई एक व्यक्ति नहीं चलाता है। कोई एक पार्टी नहीं चलाती है। इस देश को किसान, मजदूर, छोटे व्यवसायी चलाते हैं।'
देश में वैकल्पिक सरकार की जरूरत : सीताराम येचुरी
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा, 'आज एक वैकल्पिक सरकार की जरूरत है। किसान मोदी सरकार को हटाएंगे और ऐसी सरकार लाएंगे जो उनके हित में नीतियां बनाए। हम महाभारत के पांडवों की तरह मोदी सरकार को हराएंगे। कौरव 100 भाई थे, इनमें से दो के नाम ही लोग जानते हैं दुर्योधन और दुशासन। भाजपा भी कहती है कि हम इतनी बड़ी पार्टी हैं, लेकिन उनके बाकी नेताओं को कोई नहीं जानता। दुर्योधन और दुशासन की तरह नरेंद्र मोदी और अमित शाह का नाम ही चलता है।'
नरेंद्र मोदी के जुमले अब नहीं चलेंगे : वीएम सिंह
स्वराज अभियान के अध्यक्ष योगेंद्र यादव कहते हैं कि किसान गरीब है और संख्या में ज्यादा होते हुए भी उतना प्रभावशाली नहीं है. किसानों को अपनी एक समस्या के लिए चार बार आंदोलन करना पड़ता है। एक बार समस्या को समस्या कहने के लिए आंदोलन, फिर समस्या के समाधान के लिए आंदोलन, फिर उसे लागू करने के लिए आंदोलन, फिर उसे जनता तक पहुंचाने के लिए आंदोलन क्योंकि सरकारें किसानों के मसले पर गंभीर नहीं हैं। लेकिन इतने संगठनों का एक साथ आना अपने आप में ऐतिहासिक है। इतने संगठनों का गुस्सा कोई भी सरकार बर्दाश्त नहीं कर सकती। वे अगर किसानों की बात नहीं सुनेंगे तो चुनाव में उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
पिछले वर्षों के लगातार आंदोलनों से क्या हासिल हुआ, इस सवाल पर किसान नेता बीएम सिंह कहते हैं, मोदी सरकार ने बहुत बड़े बड़े वादे किए थे लेकिन कोई भी वादा पूरा नहीं किया। वे लगातार झूठ बोलते रहे और अब भी झूठ बोलते हैं लेकिन ऐसे हमेशा नहीं चलता रहेगा। हम यही बताने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं जो किसानों की मांग नहीं मानेगा, जो किसानों के हित में काम नहीं करेगा, उसे हम उखाड़ फेंकेंगे। हम नरेंद्र मोदी को बताना चाहते हैं कि अब मोदी के जुमले नहीं चलेंगे।