सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस प्रमुख की गिरफ्तारी पर लगाई रोक, कहा- सीबीआई के समक्ष पेश हों
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में ममता सरकार, कोलकाता पुलिस और सीबीआई के बीच चल रहे घमासान के बीच सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया है। राजीव कुमार मेघालय के शिलांग में सीबीआई के सामने पेश होंगे। लेकिन कोर्ट ने साथ में यह हिदायत भी दी कि फिलहाल राजीव कुमार की गिरफ्तारी नहीं होगी।
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दलील पेश करते हुए डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम राज्य सरकार को अपमानित और प्रताड़ित करने के लिए है। सीबीआई को सबसे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट जाना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए ममता बनर्जी ने इसे नैतिक जीत बताया। सीबीआई कार्रवाई को लेकर कोलकाता में धरने पर बैठीं ममता ने कहा कि इससे साबित होता है कि उन्होंने जो कदम उठाया वह सही था।
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गई थी कि वह विपक्षी पार्टियों को परेशान करने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है। बीते तीन फरवरी की शाम को कोलकाता में तब यह नाटकीय घटनाक्रम शुरू हुआ था जब सीबीआई के 40 अधिकारियों की एक टीम चिट फंड घोटाला मामले में सबूतों को नष्ट करने के आरोप में शहर के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की भूमिका की जांच के लिए पहुंची थी।
इसके जवाब में कोलकाता पुलिस ने पांच सीबीआई अधिकारियों को यह जानने के लिए हिरासत में ले लिया कि उनके पास पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करने के लिए आवश्यक मंजूरी है या नहीं। तभी से, आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला शुरू हुआ। सीबीआई पर पश्चिम बंगाल सरकार को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कई विपक्षी दलों ने ममता बनर्जी का समर्थन किया।