कूड़े में फेंक दी गई राष्ट्रपति पद के लिए आडवाणी की दावेदारी!
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव को लेकर तेज होती सियासत के बीच शनिवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बताते हुए भाजपा मुख्यालय के बाहर गेट पर बड़े-बड़े पोस्टर चिपकाए गए थे। हालांकि अगले ही दिन पार्टी मुख्यालय के लोगों ने इसे उखाड़कर कूड़े में फेंकवा दिया।
यह बात सर्वविदित है कि भाजपा के पितामह आडवाणी की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा दवाब में जरूर है। कहने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दवाब बनाने के लिए पोस्टरबाजी के जरिए आडवाणी ने अपनी दावेदारी पेश की है। शनिवार को दिल्ली के प्रमुख स्थानों पर लालकृष्ण आडवाणी की बड़ी तस्वीर के साथ एक बड़ा पोस्टर लगाया गया है जिसमें लिखा है कि भाजपा के जनक, लोह पुरुष तथा भारत की राष्ट्रीय राजनीति के वरिष्ठ नेता आदरणीय श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी राष्ट्रपति पद के सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं। इसमें निवेदक के रूप में अशोक तंवर का नाम और फोटो लगी है। अशोक तंवर खुद को गुर्जर समाज के संयोजक एवं किसान नेता बता रहे हैं।
पोस्टर में आडवाणी की मुस्कुराती तस्वीर के बगल में भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल भी छापा गया है। इस पोस्टर को भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय 11 अशोका रोड, रफी मार्ग, कांस्टीट्यूशनल क्लब, आईएएनएस, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया जैसे प्रमुख स्थानों पर लगाया गया, ताकि देश की मीडिया और नेताओं की नजर सीधे पोस्टर पर पड़े। हालांकि भाजपा के दफ्तर से इन पोस्टरों को फाड़ दिया गया है और पार्टी ऑफिस के बाहर कूड़े में फेंक दिया गया। जानकारों का मानना है कि आडवाणी या उनके करीबियों की अनुमति के बगैर इतना बड़े स्तर पर पोस्टर नहीं लगाए जा सकते।
आडवाणी राष्ट्रपति उम्मीदवार बन पाते हैं या नहीं, यह तो मोदी की लखनऊ में योग कार्यक्रम के बाद ही पता चलेगा, लेकिन आडवाणी पीएम मोदी और समूची भाजपा पर मानसिक दबाव बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कुछ दिन पूर्व भाजपा के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आडवाणी को राष्ट्रपति पद के लिए सबसे योग्य बताया था। वहीं सुषमा स्वराज और मोहन भागवत ने खुद को उम्मीदवारी की दौड़ से बाहर कर लिया है।