नोटबंदी के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस लोकसभा में लायेगी स्थगन प्रस्ताव
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बैनर्जी की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमण्डल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिला। इसके बाद संवाददाताओं से बातचीत में ममता ने कहा कि उनकी पार्टी केन्द्र के नोटबंदी फैसले के विरोध में लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव लायेगी। दरअसल, ममता ने अन्य प्रमुख पार्टियों के साथ राष्ट्रपति भवन तक नोटबंदी के विरोध में मार्च निकाला था। इसमें नेशनल कांफ्रेंस, शिवसेना और आम आदमी पार्टी भी शामिल हुई।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता ने कहा कि उन्होंने अपना विरोध राष्ट्रपति से दर्ज करा दिया है। उन्होंने कहा- चूंकि राष्ट्रपति स्वयं भी देश के वित्त मंत्री रहें हैं सो उन्हें किसी और के मुकाबले देश के हालात बेहतर तरीके से पता हैं। मुझे यकीन है कि वो सही कदम उठायेंगे।
गौरतलब है कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था और उसके बाद से ही ममता बनर्जी इसका विरोध कर रही हैं। सरकार के इस फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए ममता अपने चिर प्रतिद्वंद्वी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सहित कई विपक्षी दलों के साथ ले आईं हैं।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने मंगलवार को कहा, ममता बुधवार को राष्ट्रपति भवन तक विरोध मार्च निकालेंगी और हम राष्ट्रपति से भी मुलाकात करेंगे। अरविंद केजरीवाल और उमर अब्दुल्ला भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा, हमने वाम दलों से बात की है। इसके अलावा हमने शिवसेना सहित कई अन्य दलों से भी बात की है। यह राजनीति करने का समय नहीं है। यह समय आम आदमी का साथ देने का है, जो मुसीबत में है।
ममता ने नोटबंदी के मुद्दे पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की, हालांकि माकपा के इस मार्च में शामिल होने की संभावना नहीं है। माकपा के इस मार्च में शामिल होने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी मोदी सरकार को पहले संसद में घेरेगी और सरकार से मिलने वाली प्रतिक्रिया के आधार पर अपने अगले कदम के बारे में फैसला करेगी।
ममता ने नई दिल्ली रवाना होने से पहले कोलकाता में हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, 'मैं नोटबंदी के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मिलूंगी। मैं अपने 40 सांसदों के साथ उनसे मिलने जाऊंगी। मैंने अन्य राजनीतिक दलों से बात की है। अगर वे साथ चलना चाहते हैं, तो अच्छी बात है। अगर नहीं तो मैं अपने सांसदों के साथ जाऊंगी। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला मेरे साथ आ सकते हैं।'
इस मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात को थोड़ा जल्दबाजी बताने वाले कुछ राजनीतिक दलों के बयानों के बारे में पूछे जाने पर ममता ने कहा, 'यह उनकी मर्जी है। रोगी की मौत से पहले आपको डॉक्टर को दिखाना होता है। रोगी के मर जाने के बाद डॉक्टर को बुलाने का कोई मतलब नहीं है। आपको अभी राष्ट्रपति से मिलना जरूरी है। मैं चाहती हूं कि सभी राजनीतिक दल राष्ट्रपति से मुलाकात करें।'