मोदी पीएम बने तो देश के लिए घातक होगा : PM
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा, 'देश का अगला प्रधानमंत्री यूपीए का होगा।' साथ ही प्रधानमंत्री ने भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के देश के अगले पीएम बनने से इंकार नहीं किया और कहा, 'नरेंद्र मोदी अगर प्रधानमंत्री बनते हैं तो देश बर्बाद हो जाएगा।' प्रधानमंत्री मनमोहन ने यह भी कहा, 'मैं अभी कोई इस्तीफा नहीं देने जा रहा हूं और तीसरी बार मैं प्रधानमंत्री मंत्री नहीं बनूंगा। अगली सरकार में यह जिम्मेदारी किसी और को सौपूंगा।'
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज नेशनल मीडिया सेंटर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि वे अगले प्रधानमंत्री को सत्ता सौंपने को तैयार हैं। उनके इस बयान का यही मतलब निकाला जा रहा है कि उन्होंने खुद को अगली बार प्रधानमंत्री पद की रेस से अलग कर लिया है। इस्तीफे के बारे में मनमोहन ने कहा कि अभी हमारे पास पांच महीने काम करने का समय है। हम इस वक्त का भरपूर इस्तेमाल करना चाहते हैं। अपने शुरुआती संबोधन में प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए तीन खामिया भी गिनाईं जिसमें नौकरियों की कमी, महंगाई और भ्रष्टाचार को गिनाया।
दिल्ली स्थित नेशनल मीडिया सेंटर में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनमोहन सिंह ने मोदी और राहुल के मुकाबले के सवाल पर कहा, 'अहमदाबाद की सड़कों पर नरसंहार कराने वाले को प्रधानमंत्री बनाना देश के लिए विध्वंसकारी होगा।' इसके बाद कमोजर पीएम साबित होने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शक्तिशाली पीएम का मतलब यह नहीं होता कि आप निर्दोष जनता का नरसंहार करवाएं। अपनी कॉन्फ्रेंस के अंत में उन्होंने कहा कि मोदी का कांग्रेस मुक्त भारत का सपना कभी पूरा नहीं होगा। यह पहला मौका है, जब मनमोहन ने मोदी पर इतनी सख्त भाषा का इस्तेमाल किया है। इससे पहले मनमोहन ने गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान सरदार पटेल के मुद्दे पर मोदी को उनके सामने ही जवाब दिया था, लेकिन इस तरह का सख्त रुख पहली बार नजर आया।
पीएम उम्मीदवार के नाम के ऐलान पर पूछे जाने पर मनमोहन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पहले ही कह चुकी हैं कि समय आने पर पीएम उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया जाएगा। उन्होंने राहुल बनाम मोदी के सवाल पर भी सीधे-सीधे राहुल का नाम नहीं लिया और कहा कि मुझे उम्मीद है कि अगला पीएम यूपीए का ही होगा। तीसरे कार्यकाल के लिए अपनी अनिच्छा जताते हुए उन्होंने कहा कि मैं अगले पीएम को अपनी विरासत देने को तैयार हूं और मुझे उम्मीद है कि अगला पीएम भी यूपीए का ही होगा।
मनमोहन ने माना कि उनकी सरकार नौकरियां पैदा करने, भ्रष्टाचार को प्रभावी तरीके से रोकने और महंगाई रोकने में नाकाम रही। उन्होंने कहा कि मैं ईमानदारी से कहूंगा कि महंगाई एक वजह रही जिसके चलते कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा। हालांकि, मैं पहले भी बता चुका हूं कि महंगाई की वजहें हमारे कंट्रोल के बाहर थीं। अंतरराष्ट्रीय कारक थे, ईंधन की कीमतों में इजाफा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां तक भ्रष्टाचार के आरोपों की बात हैं, उनमें से ज्यादातर यूपीए के पहले कार्यकाल के समय लगे। कोयला घोटाला और 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन में अनियमितता के आरोप भी यूपीए-1 के समय लगे। मनमोहन ने कहा, 'उसके बाद हम चुनावों में गए और अपने प्रदर्शन के दम पर चुनाव जीता। लोगों ने हमें जनादेश दिया। इसलिए ये जो मुद्दे जिन्हें समय-समय पर सीएजी, कोर्ट या मीडिया ने उठाया है। यह याद रखना चाहिए कि ये यूपीए-1 के दौरान के हैं। इस देश के लोगों ने करप्शन के इन आरोपों पर ध्यान नहीं दिया।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष के अपने स्वार्थ हैं और मीडिया उनके हाथों में कई बार खेल जाता है। इसलिए मेरे पास हर किस्म का यकीन है कि जब इस वक्त का इतिहास लिखा जाएगा तो हम बिना दाग के निकलेंगे। कुछ गड़बड़ियां हुई हैं मगर इन्हें सीएजी और मीडिया द्वारा बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। जब हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर सवाल किया गया तो पीएम ने कहा कि मुझे 29 दिसंबर को इस बारे में अरुण जेटली का एक पत्र लिखा है, लेकिन समय के अभाव में मैं इस बारे में जानकारी हासिल नहीं कर पाया हूं। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ अखबारों में इन आरोपों के बारे में पढ़ा है, पर अभी मैं इस पर कॉमेंट करने की स्थिति में नहीं हूं।
मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने यह साबित किया है कि पार्टी गठबंधन सरकार सफलतापूर्वक चला सकती है। उन्होंने कहा कि 10 सालों के कार्यकाल में कुछ समझौते भले ही करने पड़े हैं, लेकन वे सतही रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या 2004 में सरकार का नेतृत्व संभालने के बाद से उनकी छवि प्रभावित हुई है, उन्होंने कहा, 'आप मेरे बारे में क्या सोचते हैं और देश क्या सोचता है. मैं इसके बारे में कोई अनुमान नहीं लगा सकता, लेकिन जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि मैंने पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण की भावना के साथ देश की सेवा करने की कोशिश की है।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं जब पीएम बना तो आम धारणा यह थी कि कांग्रेस पार्टी गठबंधन सरकार चलाने में सक्षम नहीं है। कांग्रेस की गठबंधन सरकार चलाने की क्षमता जांची गई और हमने यह साबित किया कि कांग्रेस पार्टी गठबंधन सरकार एक बार नहीं, बल्कि दो बार सफलतापूर्व चला सकती है।' उन्होंने कहा, 'इस प्रक्रिया में कुछ समझौते करने पड़े, लेकिन मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि ये समझौते सतही तौर पर ही थे, जो राष्ट्रीय समस्या को सुलझाने की हमारी क्षमता को किसी भी रूप में प्रभावित नहीं करते।'