भाजपा के परंपरागत स्टैंड से मोदी सरकार पलटी, सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी FDI को दी हरी झंडी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार ने अपने परंपरागत स्टैंड से यू-टर्न लेते हुए एकल ब्रांड खुदरा कारोबार और निर्माण क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा सरकार ने एयर इंडिया में भी 49 फीसदी एफडीआई की मंजूरी देकर इसके निजीकरण का रास्ता खोल दिया। 2014 में सरकार बनने से पहले भाजपा इसका जोर-शोर से विरोध कर रही थी। ऑल इंडिया ट्रेडर्स कंन्फेडरशन (महासंघ) (कैट) ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि ऐसा करके भाजपा ने अपना चुनावी वादा तोड़ा है क्योंकि इससे बाहर की बड़ी कंपनियां भारतीय बाजार पर कब्जा कर लेंगी।
As BJP Govt allows 100% FDI in Single Brand Retail by doing away the requirement of 30% sourcing through ‘Make in India’, PM & FM’s duplicity & doublespeak stand exposed.
Modiji’s professed ‘harm of manufacturing & traders’ & Jaitleyji’s ‘last breath’ have proved to be ‘Jumlas’! pic.twitter.com/Ve5yhUc7d3
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) January 10, 2018
कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने ही स्टैंड से पलटकर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के पुराने बयानों को ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा सरकार द्वारा सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी विदेशी निवेश की मंजूरी से पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की दोहरी नीति सामने आ गई है। मोदी जी का व्यापारियों और निर्माण क्षेत्र को नुकसान और जेटली जी के अंतिम सांस वाले बयान अंततः जुमला साबित हुए हैं।
Deception, Dishonesty & Dodginess of BJP leadership unmasked on FDI in Retail.
Dupe, lie & vilify when out of power.
Do the opposite on gaining power.BJP’s ‘Booklet on FDI’-:
Govt of Foreigners - Narendra Modi
End Consumer Interests-Arun Jaitley
Betrayal- Sushma Swaraj pic.twitter.com/QhmuuEZD8x
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) January 10, 2018
भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के तहत मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए एफडीआई के नियमों में बदलावों को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सिंगल ब्रांड रिटेल में ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी है। पहले 49 प्रतिशत तक निवेश की अनुमति थी। उसके ऊपर के निवेश के लिए सरकार की इजाजत चाहिए होती थी। एविएशन, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी एफडीआई के नियमों में ढील दी गई है। कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी गई है। एयर इंडिया के लिए भी सरकार ने 49 प्रतिशत निवेश की मंजूरी दी है। माना जा रहा है कि इससे एयर इंडिया में विनिवेश करने में आसानी होगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एयरइंडिया की बडी हिस्सेदारी भारतीय नागरिक के हाथों में बनी रहेगी। एयर इंडिया को लेकर मंत्रिमंडल ने सरकारी प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है। मालूम हो कि 2014 में सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी गई थी, तब नाइक जैसी कई बड़ी ग्लोबल कंपनियों ने भारत का रुख किया था। माना जा रहा है कि ऑटेमैटिक रूट से इजाजत मिलने के बाद अब बाकी कई कंपनियां भी भारत की तरफ आकर्षित होंगी क्योंकि अब क्लीयरेंस लेने में आसानी होगी। इससे विदेशी कंपनियों के लिए काम करने का बेहतर माहौल तैयार होगा जिससे अर्थव्यवस्था को फायदा होगा और नौकरियों के अवसर भी पैदा हो सकते हैं। फिलहाल मल्टी ब्रांड रिटेल के बारे में कुछ नहीं कहा गया है क्योंकि उसका कई राजनीतिक पार्टियों और व्यापार संगठनों द्वारा विरोध किया जा चुका है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने विदेशी संस्थागत निवेशकों और पोर्टफोलियो निवेशकों को पॉवर एक्सचेंज में प्राथमिक बाजार के माध्यम से मौका दिया जाने और और एफडीआई नीति में 'मेडिकल उपकरणों' की परिभाषा में बदलाव करने का भी फैसला लिया है। ये सभी निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए। यहां सबसे आश्चर्य की बात ये है कि कुछ साल पहले तक केंद्र में यूपीए सरकार के दौरान वर्तमान पीएम और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी एफडीआई के सबसे मुखर विरोधी थे। वर्तमान में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी विदेशी निवेश का जबरदस्त तरीके से विरोध किया था।