भाजपा मुख्यालय का पता बदला, 6 दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर नए दफ्तर का PM मोदी ने किया उद्घाटन
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय का पता बदल गया है। यह मुख्यालय अशोक रोड से पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर नवनिर्मित भवन में शिफ्ट हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इस नए पार्टी मुख्यालय का उद्धाटन किया। पार्टी के नए मुख्यालय का पता 6 दीन दयाल उपाध्याय मार्ग हो गया है। इस मौके पर लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
आधुनिक सुविधाओं से लैस मुख्यालय की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 18 अगस्त 2016 को रखी गई थी। इसे डेढ़ साल के रिकॉर्ड समय में बनाया गया है। नए मुख्यालय के उद्घाटन के साथ भाजपा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपना कार्यालय लुटियंस बंगलो जोन के बाहर स्थानांतरित करने वाली पहली प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। शीर्ष अदालत ने अपने निर्देश में कहा था कि सभी पार्टी कार्यालयों को लुटियंस जोन से बाहर स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
मोदी-आडवाणी ने खींची डोर पर नहीं उठा पर्दा!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी के नए मुख्यालय का उद्धाटन किया। लेकिन उद्घाटन के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया जिसे देख वहां मौजूद सभी नेताओं के लिए असहज स्थिति बन गई। दरअसल हुआ यह था कि कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए जब उद्घाटन स्थल पर पहुंचे तो वहां लगी शिलापट पर लगा पर्दा हटाकर कार्यालय का उद्घाटन करना था। पीएम मोदी के साथ वहां अमित शाह, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, मुरली मनोहर जोशी, नितिन गडकरी आदि खड़े थे। सभी लोग लालकृष्ण आडवाणी का इंतजार करने लगे। कुछ ही पल में आडवाणी भी आ गए। फिर पीएम मोदी और लालकृष्ण आडवाणी शिलापट से पर्दा हटाने के लिए डोर खींचने लगे। शिलापट पर लगा पर्दा थोड़ा सरकने के बाद फंस गया। दोनों नेताओं ने खूब जोर लगाया लेकिन पर्दा टस से मस नहीं हुआ। फिर वहीं मौजूद अन्य नेताओं ने डोर को थोड़ा और जोर से खींचा लेकिन पर्दा नहीं खिसका। जब सारे जतन विफल हो गए तो राजनाथ ने आगे बढ़कर हाथ से ही पर्दे को नीचे की तरफ से खींचकर दूसरी डोर से बांध दिया।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेकॉर्ड समय में मुख्यालय के निर्माण के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा, 'आज श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय की आत्मा को संतुष्टि मिल रही होगी। उन्होंने जिस बीज को बोया था आज वह वट वृक्ष बनकर लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर रही है। आजादी के बाद जितने भी राष्ट्रीय आंदोलन हुए हैं उसका नेतृत्व जनसंघ और बीजेपी ने किया है।'
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि दुनिया की इस सबसे बड़ी पार्टी का भव्य दफ्तर 1 लाख 70 हजार स्क्वायर फीट में फैला है। सभी तरह की आधुनिक सुविधाओं से लैस इस दफ्तर के ग्राउंड फ्लोर पर भाजपा और जनसंघ से जुड़े महापुरुषों की प्रतिमा लगाई गई है। ग्राउंड फ्लोर पर ही आठ प्रवक्ताओं के लिए कमरे बनाए गए हैं। भाजपा अध्यक्ष का दफ्तर इस भव्य इमारत के सबसे ऊपर के हिस्से यानी तीसरी मंजिल पर बनाया गया है। दूसरी मंजिल पर पार्टी के दूसरे नेता, महासचिव, सचिव, उपाध्यक्षों की बैठने की व्यवस्था की गई है। मीडिया के लिए ग्राउंड फ्लोर पर एक हॉल बनाया गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल भी ग्राउंड फ्लोर पर ही बनाया गया है, जिसमें पार्टी की नियमित ब्रीफिंग होगी। इसे दुनिया में किसी भी राजनीतिक दल का सबसे बड़ा मुख्यालय बताया जा रहा है।
लोकतंत्र भाजपा की जड़ों, मूल्यों और रगों में है : मोदी
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह सबसे बेहतरीन तरीके से गठबंधन का नेतृत्व करने में सफल रहे हैं और ऐसा इसलिए हो सका, क्योंकि 'लोकतंत्र' भाजपा की जड़ों, मूल्यों और रगों में है। भाजपा के नए मुख्यालय के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, भारत में बहु-दलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में गठबंधन की राजनीति स्वाभाविक है। निजी हित के चलते गठबंधन बनाना और तोड़ना एक अलग बात है। गठबंधन में सहयोगी दलों को साथ लेकर चलना पड़ता है। उन्होंने कहा, अटलजी (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी) के नेतृत्व में भाजपा ने इसका सफल प्रयोग किया था। ऐसा ही प्रयास 1967 में भी संयुक्त विधायक दल द्वारा किया गया था, लेकिन वह सफल नहीं हो सका था। हम सफल इसलिए हुए, क्योंकि लोकतंत्र हमारी जड़ों, मूल्यों और रगों में है। इसके चलते हम सर्वश्रेष्ठ तरीके से गठबंधन का संचालन कर रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने पार्टी को बनाने में श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीन दयाल उपाध्याय, लालकृष्ण आडवाणी और सुंदर सिंह भंडारी के योगदान को भी याद किया और कहा कि इन लोगों की कार्यशैली और सीख की बदौलत पार्टी में लोकतंत्र की जड़ें गहरी व मजबूत हुईं। मोदी ने कहा कि भाजपा को लोगों की सेवा करने का अवसर मिला और लोकतंत्र पर इन नेताओं से मिली सीख 'सबका साथ, सबका विकास' जैसे मूल्यों के साथ सरकार चलाने में उनकी मदद कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में राजनीतिक दल का गठन मुश्किल काम नहीं है और लोकतांत्रिक व्यवस्था की सुंदरता बहु-दलीय प्रणाली में निहित है।
मोदी ने कहा कि भारत में कई दल हैं, जिनका अपना नजरिया, विचारधारा और कार्यशैली है। यह तथ्य कि देश में कई दल हैं, भारत में लोकतंत्र की सुंदरता दर्शाती है। भाजपा के सफर को याद करते हुए, जिसकी शुरुआत जनसंघ से हुई थी, मोदी ने कहा कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं की वजह से इस मुकाम पर पहुंच सकी है। कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों ने पार्टी को अपना जीवन दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी 'राष्ट्र भक्ति' के प्रति बचनबद्ध है। भाजपा के नए मुख्यालय के बारे में प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे यह कहने में गर्व महसूस करें कि 'यह मेरा कार्यालय है' क्योंकि कार्यकर्ता मुख्यालय की आत्मा हैं। उन्होंने कहा, यह निजी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का स्थान नहीं है, बल्कि करोड़ों लोगों की आकांक्षाएं पूरी करने का एक पवित्र स्थान है।