अपना गांव वडनगर पहुंचने में PM मोदी को लग गए तीन साल
सत्ता विमर्श ब्यूरो
वडनगर (गुजरात) : प्रधानमंत्री बनने के तीन साल बाद पहली बार अपने गांव वडनगर पहुंचे नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और कांग्रेस पर निशाना साधा। अपने संबोधन में विकास पागल हो गया है, जैसे सवालों का पीएम मोदी ने जवाब दिया। भाषण के दौरान मोदी ने गुजराती भाषा में लोगों से विकास का मतलब भी पूछा। कहा, क्या अस्पताल का निर्माण विकास है तो लोगों ने हां में जवाब दिया। विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी जी के शासनकाल में स्वास्थ्य नीति बनी थी। 10 साल तक जो सरकार रही, विकास से उसे नफरत थी। अब जाकर हमारी सरकार ने नई नीति बनाई है।
मोदी ने कहा कि आज मैं जो कुछ भी हूं, इसी मिट्टी के संस्कारों के कारण हूं। मैं इसी मिट्टी में खेला हूं। आप लोगों के बीच पला-बढ़ा हूं। एक बार जनरल करिअप्पा कर्नाटक में अपने गांव गए थे तो उन्होंने कहा था, 'दुनिया में मुझे बहुत स्वागत, सम्मान मिला लेकिन अपनों के बीच जब सम्मान होता है तो उसकी अनुभूति कुछ और होती है।' मोदी ने कहा कि जिस प्रकार से पूरे क्षेत्र के लोगों ने मुझे अपार प्यार में भिगो दिया है, मैं आपको और इस धरती को नमन करता हूं। हाटकेश्वर मंदिर जाते समय पुरानी यादें ताजा हो गईं। मैंने आज कई पुराने दोस्तों को देखा। कुछ के दांत भी नहीं बचे हैं। कुछ पुराने दोस्तों को देखा, हाथ में लकड़ी लेकर चल रहे हैं।
माथे पर लगाया स्कूल की मिट्टी का तिलक
वडनगर में पीएम मोदी सबसे पहले अपने स्कूल बीएन हाईस्कूल गए जहां उन्होंने मौजूद सभी लोगों का अभिवादन स्वीकार किया और जमीन पर बैठकर स्कूल की मिट्टी का तिलक अपने माथे पर लगाया। वडनगर स्थित बीएन हाईस्कूल में मोदी ने वर्ष 1963 से 1967 तक पढ़ाई की। इस स्कूल के प्रिसिंपल ने एसेंबली में रोज की तरह बच्चों की लाइनें लगवाईं और उन्हें एक मंत्र दिया- अभ्यास-ए-मुख्य कार्यक्रम छे (आज का मुख्य कार्यक्रम पढ़ाई ही है)। वडनगर में पीएम मोदी ने अस्पताल और मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया। मोदी ने मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं से भी बातचीत की। उन्हें ऑल द बेस्ट कहा। ये मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल 600 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है। मोदी के स्वागत में पूरे शहर को सजाया संवारा गया है। वडनगर रेलवे स्टेशन के पास के उस पेड़ को भी सजाया गया है जहां वह बचपन में चाय बेचते थे। इसके अलावा जगह-जगह उनके बचपन और युवावस्था से जुडी तस्वीरों और घटनाओं वाले होर्डिंग्स भी लगाए गए हैं। इससे पहले शनिवार को गुजरात दौरे के दौरान वे सबसे पहले द्वारका पहुंचे। पहले ही दिन प्रधानमंत्री ने 6000 करोड़ की परियोजनाओं की शुरुआत की। गुजरात दौरे के पहले दिन पीएम मोदी ने कहा कि हम विकास को उन ऊंचाइयों पर ले जाएंगे जहां आने वाली पीढ़ियों को गरीबी नहीं देखना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज मैं अपने गांव की मिट्टी से नई ऊर्जा लेकर जा रहा हूं। मैं देश के लिए पहले से ज्यादा पुरुषार्थ और मेहनत करूंगा। आपने जो मुझे सिखाया, दिनोंदिन सिर ऊंचा करता रहूं, प्रयास में कमी नहीं रखूंगा।' उन्होंने कहा कि वडनगर में हाटकेश्वर के दर्शन करते-करते भोले बाबा की नगरी काशी पहुंच गया हूं। भोले बाबा के आशीर्वाद से मुझे ताकत मिलती है।
मोदी ने कहा कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो राज्य के पुरातत्वविद विभाग से वडनगर में खुदाई के लिए कहा था। वडनगर में खुदाई से जो निकला है, अब वह पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केन्द्र बन चुका है। पुरातत्व विभाग का कहना है कि वडनगर में हमेशा से लोग रहे हैं, यह कभी मृतप्राय नहीं रहा। वडनगर 2500 वर्षों से हमेशा जीवित रहा है। चीन के प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु ह्वेनसांग मेरे गांव वडनगर में आकर रुके थे। वडनगर ढाई हजार साल पहले आनंदपुर नाम से जाना जाता था। पुरातत्व विभाग की खुदाई से यह पता लगवाया गया। इससे वडनगर को नई पहचान मिली।
ह्वेनसांग ने लिखा था कि यहां उस समय बौद्ध भिक्षुओं की शिक्षा-दीक्षा होती थी। चीन दौरे के समय वहां के राष्ट्रपति मुझे अपने गांव ले गए थे। उन्होंने बताया था कि उनके और मेरे गांव के बीच एक अनूठा रिश्ता है। ह्वेनसांग जब वडनगर से लौटे थे तो वह जिनपिंग के गांव में ही रुके थे। जिनपिंग ने ह्वेनसांग के लेखों को पढ़कर सुनाया। उन्होंने बताया था कि वडनगर का पुराना नाम आनन्दपुर था।' यहां आसपास के इलाकों में बुद्ध, जैन मुनियों से जुड़े कई पावन स्थल हैं।