मध्यस्थों से पहले उमा भारती ने सुनाया फैसला; जहां पर रामलला हैं वहां सिर्फ राम मंदिर बनेगा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले को मध्यस्थता पैनल के जरिए सुलझाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि जहां पर रामलला हैं वहां राम मंदिर के अलावा किसी और धार्मिक स्थल कैसे बन सकता है।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थता के फैसले के बाद विभिन्न पक्षों एवं राजनीतिक व धार्मिक संगठनों की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसी क्रम में भाजपा की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं। इसके साथ ही हम राम भक्त भी हैं। हम एक ही बात कहेंगे कि जैसे वेटिकन सिटी में मस्जिद नहीं बन सकती, मक्का-मदीना में मंदिर नहीं बन सकता, उसी तरह से रामलला जहां पर हैं वहां दूसरा कोई धार्मिक स्थल नहीं बन सकता है।
श्री श्री को मध्यस्थ बनाए जाने पर ओवैसी ने उठाए सवाल
अयोध्या विवाद के सर्वमान्य समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यस्थता पैनल में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर को शामिल किए जाने पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि श्री श्री रविशंकर को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थ बनाया है लेकिन उनका पहले का एक बयान सबके सामने है जिसमें वह कहते हैं कि अगर मुसलमान अयोध्या पर अपना दावा नहीं छोड़ते हैं तो भारत सीरिया बन जाएगा। ओवैसी ने कहा कि बेहतर होता कि सुप्रीम कोर्ट ने किसी निष्पक्ष व्यक्ति को मध्यस्थ बनाया होता। उन्होंने कहा, श्री श्री का 4 नवंबर 2018 का ऑन रिकॉर्ड स्टेटमेट हैं, जिसमें वह सीरिया बनने की मुसलमानों को धमकी दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट ने श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थ बनाया है तो उन्हें निष्पक्ष रहना होगा। ओवैसी ने कहा कि मेरी पार्टी का स्टैंड यह है कि एक मध्यस्थ का पहले का बयान अगर विवादित है तो उसे मध्यस्थ नहीं बनाया जाना चाहिए था लेकिन अब हम उम्मीद करते हैं कि श्री श्री अपने पुराने बयान को दिमाग से निकाल देंगे और उम्मीद है कि श्री श्री अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के किसी सदस्य को मध्यस्थ नहीं बनाए जाने के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट का अधिकार है कि वह किसे मध्यस्थ नियुक्त करता है।
राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रहीं उमा भारती ने कहा कि कोर्ट ने तो शुरू से कहा है कि यह भूमि विवाद का मामला है। आस्था का तो विवाद ही नहीं है। भूमि का केस होता है तो दोनों पक्ष अगर समझौता कर लेती हैं तो कोर्ट उसे मानता है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी परंपरा का निर्वहन किया है। उमा ने कहा है कि अच्छा होगा कि सभी मिलकर राम मंदिर निर्माण के लिए काम करें।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल नहीं उठाएंगे। पहले भी समाधान तक पहुंचने के प्रयास हुए हैं लेकिन सफलता नहीं मिली। भगवान राम का कोई भक्त या संत राम मंदिर के निर्माण में देरी नहीं चाहता है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य व बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा, हमने पहले ही कहा है कि हम मध्यस्थता प्रक्रिया में सहयोग करेंगे। अब जो कुछ भी हमें कहना है, हम मध्यस्थता पैनल को कहेंगे, बाहर नहीं। हिंदू महासभा के स्वामी चक्रपाणि ने एक चैनल से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हम स्वीकार करते हैं। हम सकारात्मक तरीके से सोच रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि पैनल में श्रीश्री रविशंकर का नाम शामिल है। हमें पूरा विश्वास है कि हिंदू-मुसलमान मिलकर काम करेंगे।