मोदी सरकार पर विपक्षी दलों के सीएम का हमला, कहा- सहकारी संघवाद का पालन करे केंद्र
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : नीति आयोग की बैठक में रविवार को गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एकता देखने को मिली। विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों ने जोर देकर कहा कि केंद्र को सहकारी संघवाद (को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म) का पालन करना चाहिए और राज्यों के मामले में 'अनावश्यक हस्तक्षेप' नहीं करना चाहिए।
केंद्रीय धन के आवंटन और 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट जैसे मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर चुके विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों ने एनडीए सरकार पर संविधान के संघीय ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया। वहीं पीएम मोदी ने नीति आयोग के अपने संबोधन में सहकारी और प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद को देश के विकास की कुंजी बताया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक के बाद कहा, 'मेरे ख्याल से केंद्र को सहकारी संघवाद का पालन करना चाहिए और राज्य के मामलों में गैरजरूरी दखल नहीं देना चाहिए। केंद्र को सहकारी संघीय ढांचे को मजबूत बनाना चाहिए।' बनर्जी का केंद्र के खिलाफ यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले एक हफ्ते से एलजी हाउस में धरने पर हैं। केजरीवाल का आरोप है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एलजी के जरिए दिल्ली सरकार के कामकाज में रोड़ा अटका रही है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने अपने संबोधन में इस योजना को लागू करने के लिए केंद्र की तरफ से 50 प्रतिशत मदद की मांग की। 15वें वित्त आयोग के मुद्दे पर विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने अपनी शंकाएं जाहिर कीं और केंद्र से इसकी शर्तों को नए सिरे से परिभाषित करने का आग्रह किया। इस बीच, ममता बनर्जी ने नीति आयोग के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि यह राज्यों के लिए कुछ नहीं करता है। विपक्षी नेताओं की इन कोशिशों को 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।