शाह और गोयल पर कांग्रेस का बड़ा आरोप, नोटबंदी घोटाले को छिपाने के लिए नाबार्ड पर डाला दबाव
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : नोटबंदी घोटाले को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नाबार्ड ने जानबूझकर आरटीआई के जरिए सामने आए तथ्यों को हटा दिया है जिसमें 3,118.51 करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोट महज 5 दिनों के दौरान गुजरात के 11 सहकारी बैंकों में जमा होने का खुलासा हुआ है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नोटबंदी घोटाले को छिपाने के लिए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को बयान जारी करने के लिए बाध्य किया। कांग्रेस ने इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, पीयूष गोयल ने नाबार्ड पर बयान जारी करने के लिए दबाव डाला। नाबार्ड की वेबसाइट पर जारी बयान भाजपा का बयान प्रतीत होता है, जो कि अमित शाह का बचाव करता है। पवन खेड़ा का आरोप है कि नाबार्ड ने जानबूझकर सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जरिये सामने आए तथ्यों को हटा दिया, जिसमें 3,118.51 करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोट महज पांच दिनों के दौरान गुजरात के 11 सहकारी बैंकों में जमा होने का खुलासा हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता इन बैंकों के साथ जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा, भाजपा और उसके सहयोगियों की सरकारों वाले राज्यों के जिला सहकारी बैंकों में महज पांच दिनों में कुल प्रतिबंधित नोटों का 64.18 फीसदी यानी 22,270.80 करोड़ रुपये मूल्य के नोट जमा हुए।
नाबार्ड द्वारा अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में नोटबंदी के दौरान भारी मात्रा में नोट जमा होने के मामले में आरबीआई द्वारा जारी केवाईसी के दिशा निर्देशों का पालन होने का दावा किए जाने के एक दिन बाद शनिवार को कांग्रेस नेता का यह बयान आया है। आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार जिला सहकारी बैंकों में जिस बैंक में नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा प्रतिबंधित नोट जमा हुए थे, अमित शाह उस बैंक के निदेशक हैं।
पवन खेड़ा ने कहा, गोयल ने 'पीत पत्रकारिता' पर एक बयान ट्वीट किया है, जो कि संघ के इको-सिस्टम से सीधे लिया गया है और उन्होंने इस तरह की बचकानी बातें कर एक तिनके को पकड़ने के लिए कड़ी मेहनत की है, जो कि आरएसएस-भाजपा के बौद्धिक जगत का एक हॉलमार्क है। उन्होंने कहा, मोदी सरकार के लिए यह उचित होगा कि हमारे सीधे सवालों का जवाब दें और जिला सहकारी बैंकों में प्रतिबंधित नोटों की जमा में बढ़ोतरी की पूरी जांच का आदेश दें। उन्होंने पीयूष गोयल से बतौर अस्थायी वित्त मंत्री मामले की निष्पक्ष जांच का आदेश देने की मांग की।
खेड़ा ने कहा, अमित शाह जी! पीयूष गोयल आपको बचा नहीं पाएंगे। वो तो अपने आपको बचा नहीं पाते, आपको क्या बचा पाएंगे। जब उन पर आरोप लगते हैं तो कोई और मंत्री आकर उनका उत्तर देता है। हम तो वित्त मंत्री अरूण जेटली से भी पूछते हैं कि अरे आप बता दीजिए कि अमित शाह जी के बैंकों में घोटाला कब हुआ और कैसे हुआ। तब तो आप ही वित्त मंत्री थे, अब आप लोग इंचार्ज हैं। खेड़ा ने मोदी सरकार में विवाद की तरफ इशारा करते हुए कहा, पीयूष गोयल जी कुर्सी खाली नहीं करना चाह रहे हैं। अरूण जेटली जी कब से कुर्सी वापस पाने के लिए तड़प रहे हैं। इसमें कौन पिस रहा है, देश की अर्थव्यवस्था बुरे दौर में है।