भारत और नेपाल के रिश्ते हिमालय से भी पुराने : PM मोदी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के भारत दौरे पर गुरुवार को दोनों देशों के बीच दोनों देशों के बीच सड़क, सुरक्षा, बिजली, पानी को लेकर कुल 8 समझौते पर दस्तखत हुए हैं। समझौते के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल और भारत के रिश्तों की बेहतरी के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। साथ ही कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते हिमालय से भी पुराने हैं।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने हर साल आने वाली बाढ़ की समस्या को दूर करने के लिए साथ-साथ कदम उठाए जाने की बात कही। नेपाल में आई बाढ़ के लिए भारत की तरफ से हर मुमकिन मदद करने का भी आश्वासन पीएम मोदी ने दिया। मोदी ने यह भी उम्मीद जताई कि नेपाल में बनने वाला संविधान सभी वर्गों को ध्यान में रखकर तैयार होगा।
मोदी ने नेपाल को इन्फ्रास्ट्रक्चर और दूसरे क्षेत्रों में दी जा रही मदद का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आपसी सहयोग को और बेहतर करने की दिशा में काम कर रहा है। नेपाल के विकास में भारत की भूमिका अहम है। मोदी ने नेपाल में बिजली ट्रांसमिशन के क्षेत्र में भारत के सहयोग के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि नेपाल में पहले से दी जा रही 350 मेगावॉट बिजली को 100 मेगावॉट और बढ़ाया जा सकेगा।
मोदी ने रक्षा और सामरिक क्षेत्र में सहयोग की बात भी कही। मोदी के मुताबिक, दोनों देशों के रक्षा हित एक दूसरे पर निर्भर हैं। खुली सीमाओं का दुरुपयोग रोकने के लिए दोनों देशों की एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाने की बात भी कही। पीएम मोदी ने रामायण टूरिज्म सर्किट को नेपाल से जोड़ने, नेपाल में चल रहे हाइड्रो पावर प्रॉजेक्ट्स को वक्त पर पूरा करने, पंचेश्वर प्रॉजेक्ट की डीपीआर को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी लाने आदि की बात कही। नेपाल में हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी प्रॉजेक्ट अरुण 3 के उद्घाटन के लिए न्योता मिलने पर भी मोदी ने नेपाली समकक्ष को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी है।
इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले विदेश दौरे के तहत बुधवार को चार दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए व्यापक चर्चा की। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हवाई अड्डे पर देउबा की अगवानी की जो यह दर्शाता है कि भारत उनकी इस यात्रा को कितना महत्व देता है।
उम्मीद है कि नेपाली प्रधानमंत्री नेपाल की राजनीतिक स्थिति खासतौर पर भारतीय मूल के मधेसी समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उनकी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में मोदी को अवगत कराएंगे। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि नेपाल के प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान आपसी हितों और दोनों देशों के सदियों पुराने मित्रतापूर्ण संबंधों को और गहरा बनाने से जुड़े विषयों पर चर्चा होगी।