7 राज्यों की 12 सीटों पर उप-चुनाव सम्पन्न, त्रिपुरा में 90 फीसदी मतदान
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: शनिवार को 7 राज्यों की 8 विधानसभा और 4 लोकसभा सीटों पर उपचुनावों के लिए वोटिंग संपन्न हुई। सभी सीटों पर 22 नवंबर को नतीजे आएंगे। असम, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, त्रिपुरा, पुड्डुचेरी में आठ विधानसभा और चार लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान हुआ। सबसे अधिक मतदान प्रतिशत त्रिपुरा का रहा। यहां 90 फीसदी से ज्यादा मतदान रिकॉर्ड किया गया। गौरतलब है कि इन चुनावों को केन्द्र के नोटबंदी फैसले के बाद काफी अहम माना जा रहा है।
असम में 60 फीसदी मतदान की खबर है। लखीमपुर सीट असम के मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद सर्बानंद सोनोवाल ने खाली की है। तामलुक सीट पश्चिम बंगाल मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद मई में सुवेंदु अधिकारी ने खाली की है जबकि भाजपा सांसद दलपत सिंह परस्ते के जून में निधन से शाहडोल सीट खाली हुई है और कूचबिहार सीट तृणमूल कांग्रेस की नेता रेणुका सिन्हा के अगस्त में निधन के बाद खाली हुई है।
त्रिपुरा की दो विधानसभा सीटों के लिए शनिवार को हुए उपचुनाव में कुल 78,400 मतदाताओं में से 90 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। त्रिपुरा के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी देबाशीष मोदक ने शाम चार बजे मतदान खत्म होने के तुरंत बाद कहा, दोनों विधानसभा क्षेत्रों में 90 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने मतदान किया। मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ और दोनों विधानसभा क्षेत्रों से एक भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
वहीं, मध्यप्रदेश के शहडोल संसदीय क्षेत्र और नेपानगर विधानसभा के उपचुनाव में शनिवार को मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। शहडोल में जहां 61 फीसदी, वहीं नेपानगर में 71 फीसदी मतदाताओं ने शाम पांच बजे तक मतदान किया। मतदान केंद्रों पर पांच बजे के बाद भी मतदाताओं की कतार लगी रही। सोनवर्षा में नोटबंदी से नाराज लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया।
असम की दो सीटों पर 25-30 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल की दो सीटों पर करीब 60 फीसदी वोटिंग हुई है। तमिलनाडु की तीन विधानसभा सीटों पर लगभग 40 फीसदी वोटिंग हुई है और पुड्डूचेरी में 75.97 फीसदी वोटिंग हुई। इन सभी क्षेत्रों में हुए उपचुनाव में जहां सत्तारूढ़ पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, वहीं केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले की परीक्षा भी होनी है।