प्रणब की तारीफ में आडवाणी ने पढ़े कसीदे, कहा- उनका संघ मुख्यालय जाना इतिहास की अहम घटना
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय जाने और भारतीय राष्ट्रवाद पर विचार व्यक्त करने को देश के समसामयिक इतिहास की महत्वपूर्ण घटना बताया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार खुलेपन की भावना और आपसी सम्मान के साथ विचारों के आदान-प्रदान से देश में सहिष्णुता और सौहार्द की भावना तैयार करने में मदद मिलेगी। दशकों तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी द्वारा आरएसएस और उसके प्रमुख मोहन भागवत के न्योते को स्वीकार करने के लिए आडवाणी ने उनकी जी-भरकर प्रशंसा की।
आरएसएस के आजीवन स्वयंसेवक और भाजपा के दिग्गज नेता आडवाणी ने कहा कि उनका मानना है कि मुखर्जी और भागवत ने वैचारिक संबद्धताओं और मतभेदों दरकिनार कर संवाद का एक प्रशंसनीय उदाहरण सामने रखा है। एक बयान में उन्होंने कहा, 'दोनों ने भारत की एकता की जरूरत को रेखांकित किया है जो विविधताओं (जिसमें धार्मिक बहुलता शामिल है) को स्वीकार और सम्मान करती है।'
आपको बता दें कि आडवाणी लंबे समय तक बीजेपी के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने भागवत के नेतृत्व में आरएसएस के विस्तार और संवाद के जरिए देश के तमाम वर्गों तक पहुंच बनाने के गंभीर प्रयासों पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा, 'एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना के साथ इस तरह का खुला संवाद निश्चित ही सहिष्णुता, सद्भाव और सहयोग का माहौल पैदा करने में मदद करेगा जिसकी काफी जरूरत है।'
मुखर्जी की तारीफ करते हुए आडवाणी ने उनके साथ अपने संबंधों को याद करते हुए कहा कि आरएसएस के न्योते को स्वीकार करते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने सद्भावना का परिचय दिया। उन्होंने कहा, सार्वजनिक जीवन में लंबे अनुभव और उनके अपने स्वभाव ने मिलकर उन्हें एक ऐसा स्टेट्समैन बना दिया है जो दृढ़तापूर्वक यह मानता है कि तमाम वैचारिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों के बीच संवाद और सहयोग बेहद जरूरी है।