नहीं रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियरंजन दासमुंशी, 9 साल से कोमा में थे
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 9 साल से कोमा में चल रहे थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी दीपा दासमुंशी और बेटा प्रियदीप हैं। वे आखिरी बार 2004 में पश्चिम बंगाल की रायगंज सीट से लोकसभा के लिए चुने गए थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दासमुंशी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा, उनके पास लंबा राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव था। उन्होंने भारत में फुटबाल को लोकप्रिय बनाने के लिए कई कोशिशें की थीं। उनके निधन से मुझे दुख हुआ है। सोनिया गांधी ने कहा- पश्चिम बंगाल में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए पांच दशक तक काम किया। उनके जमीनी स्तर पर लंबे वक्त तक किये गये काम को हमेशा याद रखा जायेगा। वह लोगों में खासे लोकप्रिय थे और उनके निधन से पार्टी तथा देश को क्षति हुई है।
प्रियरंजन दासमुंशी को 2008 में स्ट्रोक पड़ा और लकवा मार गया। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। लकवा मारने के बाद से ही उनके ब्रेन में ब्लड की सप्लाई बंद हो गई थी। हालांकि, शरीर के बाकी हिस्से को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। लेकिन, चूंकि ब्रेन ही बॉडी के बाकी अंगों को नियंत्रित करता है, लिहाजा दासमुंशी 9 साल तक बेड पर ही कोमा में रहे।
सांस लेने के लिए दासमुंशी के गले में एक ट्यूब डाली गई थी। इसके अलावा पेट में एक नली डाली गई थी जिसके जरिए उन्हें लिक्विड डाइट दी जाती थी। वह अपने आसपास के लोगों को पहचान भी नहीं पाते थे। 2014 में जब एनडीए सत्ता में आई तो केंद्र ने कहा कि सरकार दासमुंशी के इलाज का खर्च उठाना जारी रखेगी।
प्रियरंजन दासमुंशी का जन्म पूर्वी बंगाल के चिरी बांदेर (अब बांग्लादेश) में 13 नवम्बर 1945 को हुआ था। वे जब कॉलेज में थे तब ही राजनीति में आ गए थे। 1970 से 1971 तक वेस्ट बंगाल में इंडियन यूथ कांग्रेस के प्रेसिडेंट रहे। 1971 में वे कोलकाता साउथ से पहली बार सांसद बने थे। इसके बाद वह 1984 और 1996 में हावड़ा सीट से लोकसभा चुनाव जीते। बाद में 1999 और 2004 में राजगंज लोकसभा सीट से चुने गये।
उन्हें यूपीए सरकार में 1985 में केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। तब उन्हें वाणिज्य राज्य मंत्री बनाया गया था। उन्हें मिनिस्ट्री ऑफ पार्लियामेंट्री अफेयर्स और मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग की जिम्मेदारी दी गई थी। प्रियरंजन दासमुंशी 20 साल तक ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के प्रेसिडेंट रहे। उनके कार्यकाल में हीनेशनल फुटबॉल लीग की शुरूआत 1996 में हुई थी।