नरेंद्र मोदी पर राहुल का बड़ा हमला, कहा- भारत का PM कमजोर है
सत्ता विमर्श डेस्क
नई दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी को एक ‘कमजोर प्रधानमंत्री’ कहा है। अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से राहुल ने दो तस्वीरें साझा की हैं जिनमें दो अलग-अलग खबरें हैं। राहुल ने अपने ट्वीट में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए लिखा कि पीएम मोदी ने अमेरिका दौरे पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से H1-B वीजा मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं की। इसके अलावा अमेरिका की ओर से कश्मीर को भारत प्रशासित कश्मीर कहने पर भी विदेश मंत्रालय ने इसे सही ठहराया था। इन्हीं दोनों खबरों के साथ राहुल गांधी ने कैप्शन में लिखा, ‘India has a weak PM’ (भारत के पास एक कमजोर प्रधानमंत्री है।)
India has a weak PM pic.twitter.com/NKbUO1iOHX
— Office of RG (@OfficeOfRG) July 5, 2017
कांग्रेस इन दोनों मुद्दों को लेकर पिछले सप्ताह से ही हमलावर थी। राहुल गांधी के बयान से विरोध और तीखा होने के आसार हैं। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी वीजा का दुरुपयोग रोकने के लिए वीजा जारी करने की प्रक्रिया को और सख्त कर दिया था। एच1बी वीजा की भारतीय कंपनियों व प्रोफेशनल्स के बीच भारी मांग हैं। इसके तहत किसी सामान्य कम्प्यूटर प्रोग्रामर को अब विशेषज्ञता-प्राप्त पेशेवर नहीं माना जाएगा जो एच1बी कार्य वीजा के मामले में एक अनिवार्य शर्त है। भारत की सात आईटी कंपनियों को 2016 में अमेरिका में इससे पिछले साल 2015 की तुलना में एच-1बी वीजा में 37 प्रतिशत की गिरावट आई है।
दूसरी खबर, जिसके आधार पर राहुल ने मोदी को ‘एक कमजोर प्रधानमंत्री’ कहा है, वह भी अमेरिका से ही जुड़ी हुई है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति से मोदी की मुलाकात के कुछ घंटे पहले ही अमेरिका ने हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को ‘विशेष वैश्विक आतंकी’ घोषित किया था। हालांकि जो बयान अमेरिका ने जारी किया, उसमें कहा गया था कि आतंकी संगठन (हिजबुल) ने ‘भारत अधिकृत जम्मू-कश्मीर’ में कई आतंकी हमले किए, जिनमें अप्रैल 2014 के धमाके भी शामिल हैं।
इस पर कांग्रेस का आरोप था कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, हमने कोई कब्जा नहीं किया है। इसपर विदेश मंत्रालय का कहना था कि भारत अधिकृत जम्मू-कश्मीर कहने से हमारी मजबूती और भी अधिक हो जाती है कि सैयद सलाहुद्दीन सीमा पार आतंकवाद में शामिल है और भारत के खिलाफ इसे फैलाता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि 2010-2013 के बीच में सीमा पार आतंकवाद में तेजी आई है, इस बात की पुष्टि उनकी खुद की रिपोर्ट करती है।