पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को दी ऐसी चुनौती कि...
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पेट्रोल एवं डीजल की ऊंची कीमतों पर चुनौती दी और कहा कि यदि उन्होंने इनके मूल्यों में कमी नहीं की तो कांग्रेस देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करेगी।
राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, प्रिय प्रधानमंत्री, आपको 'आईएमवी कोहली' चुनौती को स्वीकार करते देख प्रसन्नता हुई। एक चुनौती मेरी ओर से भी। ईंधन की कीमतें कम कीजिए या कांग्रेस देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी और आपको ऐसा करने के लिए मजबूर करेगी। मुझे आपके जवाब की प्रतीक्षा रहेगी।
गांधी ने अपनी पोस्ट पर 'हैशटैग चैलेंजफ्यूल' लिखा है। इससे पहले कांग्रेस ने पेट्रोल तथा डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला 11वें दिन जारी रहने पर भी प्रधानमंत्री की चुप्पी पर हैरानी जतायी और कहा कि आम आदमी की आर्थिक सेहत के लिए कीमतों को कम किया जाना आवश्यक है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा तेल की कीमत लगातार 11वें दिन बढ़ी है लेकिन मोदीजी मौन है। उनके मंत्री धमकी दे रहे हैं कि तेल की कीमतें घटायी गयी तो कल्याणकारी योजनाएं प्रभावित होंगी। चार साल में पेट्रोल डीजल पर उत्पाद शुल्क 11 बार बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये बटोरे गए हैं। आम आदमी के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए इनकी कीमतें कम कीजिए।
केंद्र तेल की कीमतों को थामने के प्रयास में जुटी है : प्रधान
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने गुरुवार को कहा कि सरकार देश में पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए एक दीर्घकालिक समाधान पर काम कर रही है। प्रधान ने मीडियाकर्मियों से कहा, वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) को एक समाधान के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा कई अन्य अल्प और दीर्घकालिक समाधानों पर चर्चा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के पीछे कई कारण हैं, जिसमें तेल निर्यातक देशों और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में जारी अनिश्चितता की भी भूमिका है। उन्होंने कहा, कुछ तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण और कुछ डॉलर के खिलाफ रुपये में आई गिरावट के कारण है। केंद्र सरकार ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी रोकने की योजना पर काम कर रही है। प्रधान ने ओडिशा सरकार से पेट्रोल और डीजल पर वैट (मूल्य वर्धित कर) 26 फीसदी से कम करने का आह्वान किया।
मंत्री ने कहा, ईंधन कीमतों को नियंत्रित करने में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की भूमिका है। पिछले साल अक्टूबर में केंद्र सरकार ने उत्पाद कर में दो रुपये की कमी की थी। अब राज्य सरकार की बारी है कि वे वैट में कमी करे। अगर ओडिशा भी गोवा की तरह वैट में कटौती करता है तो कीमतें कम होंगी। ओडिशा में ईंधन पर 26 फीसदी वैट है, जबकि गोवा में केवल 12 फीसदी है।