CBI में घमासान पर बोले राहुल गांधी- पीएम नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार में लिप्त, उन्हें खुलासे का है डर
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस इसे राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार से जोड़ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री मोदी पर राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े अहम सबूतों को नष्ट करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीबीआई निदेशक को रात के 2.00 बजे हटाया गया, जिसकी मुख्य वजह राफेल डील में 'भ्रष्टाचार' है।
राहुल गांधी ने कहा कि सीबीआई निदेशक की नियुक्ति तीन लोगों की समिति करती है- पीएम, नेता प्रतिपक्ष और सीजेआई। उन्होंने कहा, 'सीबीआई डायरेक्टर को प्रधानमंत्री ने रात के 2 बजे हटाया। यह भारत के संविधान, सीजेआई, विपक्ष के नेता और भारत के लोगों का अपमान है। यह गैरकानूनी और आपराधिक है। उन्होंने एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाए जाने पर भी सवाल उठाए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने वर्मा को छुट्टी पर भेज जाने को राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश बताते हुए कहा, 'सीबीआई राफेल डील में प्रधानमंत्री की भूमिका और कथित भ्रष्टाचार की जांच करने जा रही थी। इसीलिए रात 2.00 बजे सीबीआई निदेशक को प्रधानमंत्री ने निकाल दिया। अगर राफेल में जांच हो गई तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। देश को पता चल जाएगा कि प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के जरिए अनिल अंबानी को कितना फायदा पहुंचाया। अंबानी की जेब में कितने पैसे डाले। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने घबराकर डायरेक्टर को हटाने का कदम उठाया क्योंकि वह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और उन्हें इसके खुलासे का डर है।
राहुल गांधी से जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया कि उन्हें कैसे जानकारी मिली कि सीबीआई निदेशक राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार की जांच करने वाले थे तो उन्होंने कहा कि यह बात तो सबको पता है, इसी तरह मुझे भी इसकी जानकारी मिली। गांधी ने कहा, 'सीबीआई निदेशक के कमरे को सील किया गया है। कई अहम दस्तावेज लिए गए इसीलिए रात के 2.00 बजे ऐसा किया गया। सबूतों को दबाने की कोशिश की जा रही है। और अब तो जासूसी की कोशिश हो रही है।
मालूम हो कि गुरुवार सुबह आलोक वर्मा के घर के पास कथित जासूसी के आरोप में हिरासत में लिए गए चार लोगों की खबर आई। इस खबर के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया। हालांकि हिरासत में लिए गए लोगों के बारे में बाद में सरकार ने सफाई दी और उन्हें इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) का अधिकारी बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'एचएएल से कॉन्ट्रैक्ट छीनकर 30 हजार करोड़ रुपये छीनकर अंबानी की जेब में डाले गए। उसी भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए एक के बाद एक कई गलत कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन आखिर में चोरी पकड़ी जाएगी। देश पूरी बात समझ रहा है। देश के चौकीदार ने चोरी की और नरेंद्र मोदी आखिर में पकड़े जाएंगे।' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को पता है कि राफेल डील की जैसे ही जांच हुई, वैसे ही वह खत्म हो जाएंगे।