भाजपा हर चीज पर चाहती है अपना एकाधिकार, यहां तक कि हमारे मंदिर जाने पर भी: राहुल गांधी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनका मंदिर जाना सॉफ्ट हिंदुत्व नहीं है, लेकिन भाजपा को इससे परेशानी होती है क्योंकि भाजपा हर चीज पर अपना एकाधिकार चाहती है। यहां तक कि हमारे मंदिर जाने पर भी। राहुल ने कहा कि देश में इस समय वैचारिक युद्ध चल रहा है और आरएसएस के खिलाफ इस वैचारिक लड़ाई का केंद्र कांग्रेस है।
हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में राहुल गांधी ने मंदिर जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, यह दिलचस्प है। मैं मंदिर, गुरुद्वारा और मस्जिद 16 वर्षों से जा रहा हूं लेकिन गुजरात चुनाव से इसका प्रचार होने लगा है। मुझे लगता है कि इस तरह की चीजों से भाजपा को परेशानी होती है। उन्हें लगता है कि मंदिर पर सिर्फ उनका एकाधिकार है और सिर्फ वो ही मंदिर जा सकते हैं।
उन्होंने कहा, हिंदू धर्म और हिंदुत्व में अंतर है। हिंदू धर्म एक दर्शन है, लेकिन हिंदुत्व एक राजनीतिक विचारधारा है। मंदिर जाना सॉफ्ट हिंदुत्व नहीं है। मुझे समझ में नहीं आता कि मैं मंदिर क्यों नहीं जा सकता? मैं गुरुद्वारा, गिरिजाघर और मस्जिद क्यों नहीं जा सकता? अगर मुझे कोई आमंत्रित करता है और मैं नहीं जाता हूं तो यह धर्म विशेष के लोगों का अपमान होगा।
गांधी ने कहा, भाजपा को लगता है कि मंदिर जाना उनका एकाधिकार है। वे हर संस्थान पर अपना अधिकार चाहते हैं। यह भारत का स्वभाव नहीं है। भारत का स्वभाव 1.3 अरब लोगों की कल्पनाएं हैं और आप इन कल्पनाओं को दबा नहीं सकते। लेकिन भाजपा और आरएसएस के लोग इन 1.3 अरब कल्पनाओं को दबाना चाहते हैं और अपनी बड़ी कल्पना थोपना चाहते हैं।
आरएसएस पर बार-बार हमला किए जाने से जुड़े सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, देश में इस वक्त एक तरह से वैचारिक युद्ध चल रहा है। भाजपा की विचारधारा को जो परिभाषित करता वो आरएसएस है। भाजपा जिन मुख्य विचारों के लिए लड़ रही है, उनकी उन्हें समझ नहीं है। इनकी समझ आरएसएस को है क्योंकि ये उसके विचार हैं। दूसरी तरफ, कई नजरिए हैं और वे आरएसएस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इसका वैचारिक केंद्र है।
उन्होंने कहा, कांग्रेस अपने आप में खुद एक विचारधारा है। यह विचारधारा सबको जोड़ने, संवाद करने और सभी साथ लेकर चलने की है। यही विचार है जिससे अब तक भारत सफल रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस भी आरएसएस की तरह कैडर बनाना चाहती है तो गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी कभी भी ऐसे कैडर नहीं चाहती है और बनाना भी नहीं चाहिए। आरएसएस की कैडर व्यवस्था का मकसद भारत की संस्थाओ पर कब्जा करना है। हम ऐसा नहीं चाहते। अगर हम चाहें भी तो ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि हमारा विचार ऐसा नहीं है। हम सभी संस्थाओं को स्वतंत्र रखना चाहते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद अगर सहयोगी दल चाहेंगे तो वह जरूर प्रधानमंत्री बनेंगे। गांधी ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुत अधिक सीटें मिलेंगी.। गांधी ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, विपक्षी दलों के साथ बातचीत करने के बाद यह फैसला किया गया कि चुनाव में दो चरण की पक्रिया होगी। पहले चरण में हम मिलकर भाजपा को हराएंगे और चुनाव के बाद दूसरे चरण में हम प्रधानमंत्री के बारे में फैसला करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि अगर विपक्षी दल ओर सहयोगी दल चाहेंगे तो उनका रुख क्या होगा, इस पर गांधी ने कहा, अगर वे चाहेंगे तो मैं निश्चित तौर (प्रधानमंत्री) पर बनूंगा। सरकार बनने की स्थिति में अपनी योजना का उल्लेख करते हुए गांधी ने कहा, कांग्रेस सत्ता में आयी तो मैं तीन काम करूंगा। पहला काम छोटे और लघु उद्यमियों को मजबूत करूंगा, दूसरा- किसानों को यह अहसास दिलाऊंगा कि वे महत्वपूर्ण हैं।
गांधी ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की वही स्थिति हो सकती है जो आज तेल के क्षेत्र में सऊदी अरब की है। नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों पर प्रहार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, मुझे नहीं लगता है कि आप किसी एक वर्ग के बारे में सोचकर देश को विकसित कर सकते हैं। समस्या यह है कि आज विभिन्न समूहों के बीच बातचीत नहीं हो रही है। छोटे-मध्यम स्तर के कारोबारियों पर ध्यान देना होगा। हमें नौकरियां पैदा करनी होगी। सबके बीच संवाद स्थापित करना होगा।
गांधी ने कहा, कोई भी गंभीर अर्थशास्त्री नोटबंदी के पक्ष में नहीं होगा। यह अतार्किक और हास्यास्पद चीज थी। जीएसटी पर भी हमारी सोच अलग थी। हम जीएसटी का सरल स्वरूप चाहते थे। जीएसटी का मकसद लोगों को परेशान करना नहीं था। क्या हमारे छोटे और मझोले कारोबारी जीएसटी से खुश हैं? वे खुश नहीं हैं। वे कह रहे हैं कि इसे सरल बनाइए क्योंकि यह हमें खत्म कर रही है।
उन्होंने कहा, इस सरकार और हमारी सरकार में यह बुनियादी फर्क है कि हम भारत के लोगों पर विश्वास करते थे, लेकिन मौजूदा सरकार मानती है कि सारा ज्ञान उनके पास है और वे किसी से संवाद नहीं करना चाहते हैं। एनपीए को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, कांग्रेस के समय दो लाख करोड़ रुपये का एनपीए था। इनके समय में 12 लाख करोड़ रुपये का एनपीए है। सरकार को बताना चाहिए कि यह एनपीए इतना कैसे हुआ है?
मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल खड़े करते हुए गांधी ने कहा, पाकिस्तान एक अलग तरह का पड़ोसी है। उसके यहां ढांचागत दिक्कतें हैं। वहां चार-पांच केंद्र हैं और यह समझ नहीं आता कि किससे बात करनी है। पाकिस्तान हमारे यहां आतंकी गतिविधियां करवाता है। उसकी बात अलग है लेकिन दूसरे पड़ोसियों के साथ संवाद की बहुत संभावनाएं हैं। नेपाल एक मिसाल है। वह प्रधानमंत्री मोदी को पसंद करता था, लेकिन दो महीने में ही उन्हें नापंसद करने लगा। गांधी ने कहा कि भारत को अमेरिका और चीन के बीच अपनी जगह बनानी होगी और यह सामरिक विदेश नीति से हो सकता है।