सरदार सरोवर बांध का PM मोदी ने किया उद्घाटन, बोले- खूब हुईं साजिशें
सत्ता विमर्श ब्यूरो
दभोई (गुजरात) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर रविवार को नर्मदा जिले के केवड़िया में सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना का उद्घाटन किया। इस बांध परियोजना और इस पर बनी बिजली परियोजना से चार राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश को लाभ मिलेगा। यह देश का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नर्मदा महोत्सव समापन समारोह में हिस्सा लिया और एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरदार सरोवर बांध को इंजीनियरिंग का अनूठा नमूना बनाते देश के लिए बड़ा सौगात बताया। पीएम ने कहा कि विश्वकर्मा जयंती के दिन इस बांध को देश को समर्पित करना बांध का निर्माण करने वालों का स्मरण भी है। पीएम मोदी ने कहा कि अगर सरदार बल्लभ भाई पटेल और भीमराव अंबेडकर अगर कुछ दिन और जीवित रहते तो यह बांध 60-70 के दशक में ही बनकर तैयार हो जाता। उन्होंने कहा कि इस बांध के निर्माण में अडंगा लगाने के लिए कई साजिशें रची गईं, लेकिन हम इसे पूरा करने में सफल रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बांध के खुलने के बाद नागरिकों और किसानों को बहुत फायदा मिलेगा और करोड़ों किसानों का भाग्य बदल देगा। पीएम मोदी ने सरदार सरोवर डैम का फायदा गिनाते हुए कहा कि इससे किसानों का भला होगा। पीने का पानी मिलेगा और आर्थिक क्रांति आएगी। पीएम मोदी ने कहा यह बांध पूरे देश को समर्पित करता हूं। मां नर्मदा और इस योजना को बहुत सारी मुसीबतें झेलनी पड़ी। दुनिया की हर ताकत ने इस बांध के रास्ते में रुकावट पैदा की। वर्ल्ड बैंक ने इस योजना के लिए पैसे देने से मना कर दिया था लेकिन हमने भी ठान लिया था कि हम भारतवासियों के पसीने से इस बांध को बना के रहेंगे। दुनिया की हर चुनौती को चुनौती देने का सामर्थ्य यह देश रखता है।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया की हर चुनौती को चुनौती देने का सामर्थ्य यह देश रखता है। विकास के अंदर कोई सबसे बड़ा रुकावट बना है तो वह पानी बना है। मैं जब एक बार बीएसएफ के जवानों के साथ बैठा तो पता चला इस रेगिस्तान में सैकड़ों मील दूर से जवान पानी लेकर आते थे तो जवानों को पीने का पानी मिलता था। जिस दिन मैं नर्मदा का पानी लेकर वहां पहुंचा तो मैंने बीएसएफ के जवानों तके चेहरे पर एक खुशी देखी थी। उन्होंने ये भी कहा कि विश्वकर्मा जयंती पर जिन जिन लोगों ने इस सरदार सरोवर बांध का निर्माण किया है उनको देश को सरदार सरोवर बांध के रूप में एक सौगात देने का सौभाग्य मिला। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए मैं आभार प्रकट करता हूं।
पीएम ने कहा कि मैं जिउंगा आपके सपने के लिए। यह सरदार सरोवर डैम सरदार वल्लभ भाई पटेल की आत्मा जहां भी होगी वह आज हम पर आशीर्वाद बरसा रही होगी। मेरे और कईयों के जन्म से पहले सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस बांध का सपना देखा था। अगर वह कुछ और साल जीते तो यह सरदार सरोवर बांध बन चुका होता। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के जीवन को एक नर्मदा नदी कैसे बदल सकती है यह सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सोचा।
पीएम ने कहा, 'सरदार सरोवर बांध का निर्माण रोकने के लिए बड़े-बड़े षडयंत्र हुए हैं। दुनिया की कोई ऐसी ताकत नहीं थी जिसने इसमें रुकावटें पैदा नहीं की हों। विश्व बैंक ने इस डैम के लिए पैसा नहीं दिया। अफवाह फैलाने वालों ने खूब झूठ फैलाया। यह डैम एक करिश्मा है। कई बार अनाप-शनाप आरोप लगाए गए। हमने इसे राजनीतिक विवाद का विषय नहीं बनने दिया। यह योजना 21वीं सदी के पीढ़ी का भाग्य का निर्माण करने वाला है। बड़ी मुसीबतें आईं, मेरे पास सबका कच्चा चिट्ठा है, लेकिन मुझे इसपर राजनीति नहीं करनी है। गुजरात के संतों ने इसके लिए लड़ाई लड़ी। गुजरात के मंदिरों से भी डैम बनाने के लिए पैसे आए। यह किसी दल या सरकार का कार्यक्रम नहीं है। पानी के तरसते लोगों के लिए संकल्प का कार्यक्रम है।'
पीएम ने इस अवसर पर स्वतंत्रता आंदोलन में बलिदान देने वाले आदिवासियों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि कुछ मुट्ठीभर लोगों ने ही देश की आजादी के लिए बलिदान दिया है, लेकिन आदिवासियों के बलिदान को भुला दिया गया है। पीएम ने कहा कि आजादी में आदिवासियों और भुला दिए गए योद्धाओं के योगदान को रेखांकित करने के लिए पूरे देश में म्यूजियम बनना चाहिए। उन्होंने कहा, 'गुजरात में एक ऐसे ही म्यूजियम को शिलान्यास करने का अवसर मुझे आज मिला है। आदिवासियों ने सरदार सरोवर बांध के लिए अपनी जमीनें दीं, अपने हित त्यागे। उन सभी को मेरा नमन है।' उन्होंने कहा, 'आदिवासी जनता का धन्यवाद, सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के सिद्धांत के तहत अगर उन्हें कुछ छोड़ना पड़ा तो छोड़ दिया। जिनके त्याग के कारण आज भारत मां नर्मदा के जल से पुष्पित होने जा रही है।'
पीएम मोदी ने सरदार सरोवर बांध को एक करिश्मा बताते हुए कहा कि इससे गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के करोड़ों लोगों का भाग्य बदलेगा। विकास में रुकावट पानी के अभाव के कारण हुआ। कभी किसी ने पानी के अभाव वाली दर्दनाक जिंदगी की कल्पना नहीं की है। पाकिस्तान की सीमा पर बीएसएफ जवानों को पानी की किल्लत मैंने देखी थी। यह पानी पानी नहीं बल्कि पारस है। लोगों को इस बांध के कारण कई समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। पशुओं, मनुष्यों को पीने का पानी मिलेगा। उन्होंने कहा, 'लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की आत्मा आज जहां भी होगी वह हमपर ढेर सारे आशीर्वाद बरसा रही होगी। हममे से कई लोगों के जन्म से पहले इस डैम का सपना देखा गया था। अगर सरदार पटेल और भीमराव आंबेडकर कुछ दिन और जीवित रहते यह डैम 60-70 के दशक में ही तैयार हो गया होता और पश्चिम के सारे राज्य सुजलाम-सुफलाम बन गए होते।'