शाह की टीम से स्मृति, हेमा, नजमा की छुट्टी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गुरूवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पुनर्गठन की घोषणा कर दी। इसका आकार छोटा रखा गया है। अमित शाह ने इस बार अपनी टीम से मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला और अभिनेत्री हेमा मालिनी को बाहर रखा है तो रेलमंत्री सुरेश प्रभु और केन्द्रीय मंत्री विरेन्द्र सिंह को शामिल किया है।
शाह ने कार्यकारिणी में सभी शीर्ष नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली और वेंकैया नायडू को बरकरार रखा है।
गौर करने वाली बात ये है कि इस बार पिछली कार्यकारिणी की तुलना में महिलाओं की हिस्सेदारी बहुत कम कर दी गई है। ऐन चुनाव के वक़्त पार्टी में आए नेताओं को जगह दी गई है। वंशवाद को लेकर कांग्रेस पर हमला करने वाली भाजपा ने नेता पुत्र-पुत्रियों को भी शामिल किया है। नई कार्यकारिणी की पहली बैठक तीन और चार अप्रैल को बैंगलुरु में होगी।
भाजपा के संविधान में व्यवस्था है कि कार्यकारिणी की बैठक हर तीन महीनों में होनी चाहिए। कार्यकारिणी की आख़िरी बैठक पिछले साल जनवरी में दिल्ली में हुई थी। यानी अब पूरे चौदह महीनों बाद ये बैठक बुलाई गई है। अमित शाह जुलाई में अध्यक्ष बने थे और तब से उनकी टीम में ख़ाली पड़े कई पदों को भी नहीं भरा गया है।
भाजपा संविधान में ये भी व्यवस्था है कि पदाधिकारियों में 33 फ़ीसदी पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। हालांकि कार्यकारिणी पर यह नियम लागू नहीं है मगर उसमें महिलाओं की कम हिस्सेदारी पर सवाल उठ रहे हैं। कार्यकारिणी के 111 सदस्यों में सिर्फ 8 महिलाएं हैं। स्थाई और विशेष आमंत्रित सदस्यों को मिला कर कुल संख्या 178 है जिनमें सिर्फ 13 महिलाओं को शामिल किया गया है।
ऐसी महिला नेता जो पहले कार्यकारिणी में थीं मगर अब शामिल नहीं की गईं, उनकी फ़ेहरिस्त लंबी है। स्मृति ईरानी, नजमा हेपतुल्ला, हेमा मालिनी, कुसुम राय, माया सिंह, पूनम आज़ाद, शाइना एनसी, पिंकी आनंद, कमला पटले, अनिता सिंह गूजर, संचिता मोहंती, सूरामा पाढी, शांता रेड्डी, सरोज कुमारी, रंजना बघेल, वीणा पांडे और सरवीन चौधरी इनमें शामिल हैं।
चुनाव से ठीक पहले भाजपा में आए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह, सुरेश प्रभु, राव इंद्रजीत सिंह, वी के सिंह आदि को कार्यकारिणी में शामिल किया गया है। वहीं भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों को भी जगह मिल गई है। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा कार्यकारिणी में हैं और उनके बेटे जयंत सिन्हा वित्त राज्य मंत्री हैं। मेनका गांधी और वरुण गांधी दोनों को जगह मिली है। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के बेटे दुष्यंत को कार्यकारिणी में शामिल किया गया है जबकि राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के बेटे राजबीर सिंह को सदस्य बनाया गया है।