'भय का माहौल तैयार कर विरोधी स्वर को दबा रही है मोदी सरकार'
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर जम्मू-कश्मीर में विफल रहने, भय, असहिष्णुता तथा विभाजनकारी नीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि तीन साल में इस सरकार ने सामाजिक तथा आर्थिक विकास के ढांचे को ध्वस्त कर दिया है। सोनिया ने कहा कि एनडीए सरकार की जो भी उपलब्धियां हैं वो यूपीए सरकार की देन हैं। जिन योजनाओं का सरकार ढिंढोरा पीट रही है वो यूपीए सरकार में शुरू की गईं थीं।
महिलाओं, दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लिए किए गए वादों को पूरा करने में नरेन्द्र मोदी सरकार के बुरी तरह विफल रहने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस की शीर्ष निकाय सीडब्ल्यूसी ने देश में ‘भय का माहौल तैयार होने पर’ पर गहरी चिंता जताई। सोनिया गांधी ने कहा, हमें भारत के सार और विचार की रक्षा करने के लिए तैयार रहना होगा, जिसे यह सरकार खत्म करने की कोशिश कर रही है। वहीं कश्मीर में पहले शांति थी लेकिन अब टकराव, तनाव और डर लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां पहले आर्थिक संभावना थी, वहीं आज विकासहीनता है। इतना ही नहीं, जम्मू-कश्मीर में संकट सरकार की घोर नाकामी को दिखाती है।
बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया ने कहा, ‘सबसे बुरी बात है कि महिलाएं, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक एवं अन्य उत्पीड़ित वर्ग संकटपूर्ण समय का सामना कर रहे हैं। विभाजनकारी मुद्दों को हवा दी जा रही है तथा जो लोग अन्य मत या विचार रखते हैं उनके जीवनयापन एवं खानपान की आदतों पर हमला किया जा रहा है।’
सोनिया ने कहा, ‘यह सरकार उन लोगों की आवाज दबाने के लिए राज्य की शक्ति का प्रयोग कर रहे हैं जो अलग विचार व्यक्त कर रहे हैं या वैकल्पिक नीतियां एवं दर्शन की बात कर रहे हैं। भले ही वे राजनीतिक नेता, संस्थान, छात्र, सिविल सोसाइटी हो या मीडिया हो, असहिष्णुता बढ़ रही है तथा कानून की खुलेआम अनदेखी कर अलग स्वरों में बोलने वाले लोगों को पीड़ित किया जा रहा है।’ सोनिया ने कहा कि भीड़ द्वारा पीट पीटकर मार देने वाली घटनाओं का बढऩा बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का संकट इस सरकार की भारी विफलता का परिणाम है। सीमापार आतंकवाद में वृद्धि हो रही है। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संवेदनहीन ढंग से स्थिति से निबटने के कारण स्थानीय आबादी विशेषकर युवक अलग- थलग महसूस कर रहे हैं।
देश के आर्थिक विकास में आई है भारी गिरावट : मनमोहन सिंह
सीडब्ल्यूसी बैठक को संबोधित करते हुए मनमोहन ने कहा कि नोटबंदी के कारण भारत के आर्थिक विकास में भारी गिरावट आई है। मनमोहन ने कहा, ‘भारत के गत वित्त वर्ष की चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष 2016-17 के जीडीपी आंकड़े कुछ दिन पहले जारी किए गए। भारत के आर्थिक विकास में भारी गिरावट आई है, मुख्यत: नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी घोषणा के कारण।’
उन्होंने कहा, ‘आर्थिक गतिविधियों को बताने वाला वास्तविक उप माप सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में भारी और निरंतर कमी आई है। निजी क्षेत्र का निवेश ध्वस्त हो गया है तथा अर्थव्यवस्था एकमात्र सार्वजनिक व्यय से चल रही है। उद्योगों का जीवीए जो मार्च 2016 में 10.7 प्रतिशत था वह मार्च 2017 में घटकर 3.8 प्रतिशत रह गया। इसमें करीब सात प्रतिशत की गिरावट आई।’
पूर्व प्रधानमंत्री ने रोजगार सृजन को सबसे चिंताजनक पहलु बताया। उन्होंने कहा, ‘इसमें सबसे चिंताजनक बात रोजगार सृजन का प्रभाव है। देश के युवाओं के लिए रोजगार मिलना बहुत कठिन हो गया है। देश में सबसे अधिक रोजगार सृजन करने वाला निर्माण उद्योग सिकुड़ रहा है। इसका मतलब है कि देश में लाखों नौकरियां खत्म हो रही हैं।’
मोदी सरकार टीवी पर हीरो, जमीन पर जीरो दिखती है : आजाद
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल को दिखावे और नारों की सरकार बताया। आजाद ने कहा, 'यह सिर्फ नारों और पब्लिसिटी की सरकार है जो टीवी पर तो हीरो दिखती है लेकिन जमीनी कामों में जीरो है।' मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल को निशाना बनाते हुए आजाद ने कहा कि एनडीए चाहे कितनी ही खुशियां मनाए, कितना ही सरकारी बजट इस्तेमाल करे लेकिन देश के लिए यह तीन साल निराशाजनक रहे हैं। इसरो के तरफ से जीएसएली 3 का सफल प्रक्षेपण किए जाने को लेकर कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इसरो के लिए जो सपना देखा था वह साकार होता दिख रहा है।
आजाद ने कहा कि बैठक में राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनावों को लेकर भी चर्चा हुई। कांग्रेस अध्यक्ष की इस बारे में विपक्ष के विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बैठक हुई थी। विपक्षी नेताओं का मानना है कि राष्ट्रपति पद पर ऐसे व्यक्ति को बैठना चाहिए जो संविधान की रक्षा कर सके। आजाद ने बताया कि राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनावों के बारे में विचार के लिए एक उप समूह बनाया गया है। इस समूह की अगले सप्ताह बैठक होगी। सीडब्ल्यूसी की बैठक में संगठनात्मक चुनावों के कार्यक्रम को भी मंजूरी दी गई। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं को 2019 के आम चुनावों के लिए सतर्क रहने को कहा। उन्होंने कहा, ‘हम 2019 के चुनावों से बहुत दूर नहीं हैं। हमें भारत की मूल आत्मा और विचार की रक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए जिसे यह सरकार मिटाने का प्रयास कर रही है।’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा एके एंटनी, पी. चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, जनार्दन द्विवेदी और सीडब्ल्यूसी के अन्य सदस्य मौजूद रहे। बैठक में देश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर और विपक्ष को बड़े पैमाने पर एकजुट करने के मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई।