जज बीएच लोया की मौत से जुड़े सभी केस सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर, हाईकोर्ट में सुनवाई पर लगी रोक
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : सीबीआई जज बृजमोहन हरकिशन लोया की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। इस केस से संबंधित सभी मामलों की सुनवाई अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट से इस मामले से संबंधित सभी केस सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिए हैं।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस मामले की सोमार को सुनवाई की। सीजेआई दीपक मिश्रा की पीठ ने यह फैसला लिया है कि अब जज लोया केस की कोई भी अर्जी हाईकोर्ट में दायर नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया के मामले से जुड़े सभी पक्षों से कहा है कि वह दस्तावेजों को कोर्ट के समक्ष पेश करें। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी को होगी।
2014 में हुई थी जज बृजमोहन हरकिशन लोया की मौत
दिसंबर 2014 में 48 साल के जज बृजमोहन हरकिशन लोया अपने साथी जज की बेटी की शादी में शरीक होने नागपुर गए थे जहां उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया। डॉक्टरों ने मौत की वजह हार्ट अटैक बताया। साल 2005 में गुजरात पुलिस ने हैदराबाद से सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी. को गिरफ्तार किया था। गुजरात पुलिस पर इन दोनों को फर्जी मुठभेड़ में मार डालने का आरोप है। 2006 में गुजरात पुलिस ने सोहराबुद्दीन शेख के साथी तुलसीराम प्रजापति को भी मार डाला गया। प्रजापति को सोहराबुद्दीन मुठभेड़ का गवाह माना जा रहा था। इस मामले को 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल को महाराष्ट्र में ट्रांसफर कर दिया और 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रजापति और सोहराबुद्दीन के केस को एक साथ जोड़ दिया। इस केस की सुनवाई शुरुआत में जज जेटी उत्पत कर रहे थे, लेकिन आरोपी अमित शाह के पेश नहीं होने को लेकर नाराजगी जाहिर करने पर अचानक उनका तबादला कर दिया गया। फिर केस की सुनवाई जज बीएच लोया ने शुरू की। लेकिन दिसंबर 2014 में नागपुर में उनकी मौत हो गई।
सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया मामले में आदेश दिया कि अब किसी भी हाईकोर्ट में मामले से जुड़ी सुनवाई नहीं होगी। बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित दो याचिकाओं को भी सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मामले की सुनवाई नियमानुसार होगी। मालूम हो कि महाराष्ट्र के एक पत्रकार बंधुराज संभाजी लोने और कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जज लोया की मौत की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी।