सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को दिया झटका, पूछा- मीट को क्यों नहीं खा सकता आम आदमी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा नीत एनडीए सरकार को गोहत्या के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने एक और झटका दिया है। दरअसल कोर्ट ने सरकार के उस अध्यादेश पर रोक लगा दी है जिसके तहत गोहत्या पर रोक लगाने की बात की गई थी। सरकार के अध्यादेश पर रोक लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि कोई व्यक्ति जानवरों को काटकर क्यों नहीं खा सकता है।
मालूम हो कि मोदी सरकार ने इससे संबंधित अधिसूचना 23 मई को जारी किया था, जिसपर मद्रास हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाई गई थी और अब इसमें हस्तक्षेप करने से सुप्रीम कोर्ट ने भी इनकार कर दिया है। मद्रास हाईकोर्ट ने दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार की नई अधिसूचना पर चार हफ्ते के लिए रोक लगा दी थी।
हाईकोर्ट में दायर की गई याचिकाओं में कहा गया था कि सरकार द्वार लाए गए नए नियम संघीय ढांचे के विपरीत होने के साथ-साथ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के भी खिलाफ है। इस नए नियम को लेकर केरल, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी के अलावा कुछ अन्य राज्यों में जमकर विरोध हुआ और फिर कई राज्यों के हाईकोर्ट में इससे संबंधिक याचिकाएं भी दायर की गई।
सुप्रीम कोर्ट के इस नए आदेश से केंद्र की मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है, जबकि इसका कुछ फायदा उन लोगों को मिलेगा जो लोग मीट का कारोबार करतें हैं क्योंकि सरकार द्वारा रोक लगाए जाने के बाद से भैंस और अन्य गोवंश की बिक्री में कमी देखी गई थी। इस दौरान सरकार के आदेश के खिलाफ मीट कारोबारियों ने कोर्ट में अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि इस फैसले से उनकी आजीविका पर असर होगा।
गौर हो कि केंद्र सरकार ने यह कानून सुप्रीम कोर्ट से फटकार मिलने के बाद अमल में लाने का फैसला किया था, जिसके तहत मवेशियों की तस्करी को रोकने से संबंधित कानून बनाए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के फैसले में संशोधन करते हुए पशु क्रूरता निषेध कानून से रोक हटा ली है। अदालत के इस फैसले के बाद अब पशु बाजार के नियम 22 के लागू होने का रास्ता लगभग साफ हो चुका है, जिसपर मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने रोक लगाई थी।