पद्मावत पर SC के फैसले को नहीं मानती करणी सेना, प्रमुख लकवी की लोगों से अजब मांग!
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने संजय लीला भंसाली को बड़ी राहत देते हुए फिल्म पर लटकी विरोध की तलवार को रोकने की कोशिश की है। कोर्ट ने चार राज्यों में फिल्म पर बैन लगाने को असंवैधानिक करार देते हुए राज्यों से प्रतिबंध हटाने का आदेश जारी किया है। इस फैसले के बाद फिल्म के निर्माताओं के बीच ख़ुशी का माहौल है। वहीं, करणी सेना प्रमुख लोकेन्द्र कलवी ने सिनेमा दर्शकों से आग्रह किया है कि वो सिनेमाघरों में ना जाए और कर्फ्यू लगा दें।
दरअसल, हाल ही में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' को प्रोड्यूस कर रही कंपनी 'वायकॉम 18' ने चारों राज्यों में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसपर गुरुवार को चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया की बेंच ने निर्माता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्यों में क़ानून व्यवस्था बनाना राज्यों की जिम्मेदारी है। यह राज्यों का संवैधानिक दायित्व है। संविधान की आर्टिकल 21 के तहत लोगों को जीवन जीने और स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के नोटिफिकेशन को गलत बताते हुए कहा कि इस नोटिफिकेशन से आर्टिकल 21 के तहत मिलने वाले अधिकारों का हनन होता है। यह राज्यों का दायित्व है कि वह क़ानून व्यवस्था बनाए। राज्यों की यह भी जिम्मेदारी है कि फिल्म देखने जाने वाले लोगों को सुरक्षित माहौल मिले।
इस पर अटार्नी जनरल ने राज्यों का पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट से सोमवार का वक्त मांगा, लेकिन कोर्ट ने पहले ही फैसला जारी कर दिया। इससे पहले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने निर्माताओं का पक्ष रखते हुए कोर्ट में कहा कि सेंसर बोर्ड की ओर से पूरे देश में फ़िल्म के प्रदर्शन के लिए सर्टिफिकेट मिला है। ऐसे में राज्यों का प्रतिबंध असंवैधानिक है, राज्यों का प्रतिबंध लगाना सिनेमैटोग्राफी एक्ट के तहत संघीय ढांचे को तबाह करना है। राज्यों को इसका कोई हक नहीं है। लॉ एंड आर्डर की आड़ में राजनीतिक फायदा और नुकसान का खेल हो रहा है। राज्यों से प्रतिबंध हटाया जाए।
इस फैसले के बाद राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक बैठक बुलाई है, जिसमें अब राज्य के अगले कदम पर विचार किया जयेगा। गौरतलब है कि राज्यों में हिंसा फैलने का हवाला देते हुए राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दिया था, जिसको अब सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। राजपूत करणी सेना ने अदालत के फैसले के बाद भी अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया है। राजपूत करणी सेना के प्रमुख लोकेन्द्र सिंह कलवी ने कहा है कि किसी भी हालत में पद्मावत को रिलीज़ नहीं होने दिया जाएगा। वो जनता से आग्रह करेंगे कि वो सिनेमाघरों का रूख ना करें और कर्फ्यू लगा दें। राजस्थान में सिनेमाहाल मालिको ने लेटर के जरिये भरोसा दिलाया है कि वो इस बारे में करणी सेना से पूछेंगे।
सशर्त पास है पद्मावत
सेंसर बोर्ड ने दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर स्टारर इस फिल्म को 30 दिसंबर को यू/ए सर्टिफिकेट के साथ पास कर दिया था, लेकिन साथ में पांच शर्ते भी थीं, जिसमें फिल्म का नाम बदल कर पद्मावती से पद्मावत करना और डिस्क्लेमर लगाना शामिल था। दरअसल पद्मावती का विरोध, चित्तौड़ की महारानी रानी पद्मिनी के गलत चरित्र चित्रण को लेकर शुरू हुआ था और उसके बाद पूरे देश में फिल्म के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हुए।