भाजपा की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का ऐलान; नहीं लड़ूंगी अब चुनाव, लेकिन राजनीति करूंगी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली/इंदौर : केंद्रीय विदेश मंत्री और भाजपा की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज ने ऐलान किया है कि वह 2019 में होने वाले लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी। हालांकि एक ट्वीट के जवाब में उन्होंने लिखा, मैं राजनीति से रिटायर नहीं हो रही हूं। सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से 2019 का चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है। सुषमा स्वराज मध्य प्रदेश के विदिशा से लोकसभा सांसद हैं।
दरअसल, सुषमा स्वराज ने एक दिन मंगलवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा था कि वह 2019 का चुनाव नहीं लड़ेंगी। सुषमा स्वराज के इस फैसले पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, तमाम राजनीतिक मतभेदों के बावजूद मैं दुखी हूं कि सुषमा स्वराज राजनीति छोड़ रही हैं। विदेश मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष के नाते मुझे हमेशा उनका सहयोग मिलता रहा। इस पर स्वराज ने शशि थरूर को धन्यवाद देते हुए कहा, मैं आशा करती हूं कि हम दोनों अपने सम्मानित पदों पर काम करते रहें।
ट्वीटर पर यूं छलकी पति स्वराज कौशल की खुशी
सुषमा स्वराज ने जैसे ही अपने फैसले का ऐलान किया उनके पति स्वराज कौशल ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। उन्होंने लिखा, 'मैडम- आगे चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। मुझे याद है कि एक समय पर मिल्खा सिंह ने भी दौड़ना बंद कर दिया था।' उन्होंने साथ ही लिखा, 'यह मैराथन साल 1977 से जारी है, यानी 41 साल हो गए। आपने 11 चुनाव लड़े हैं। आपने 1977 से लेकर अभी तक सारे चुनाव लड़े हैं। केवल 1991 और 2004 के चुनाव पार्टी की मर्जी से नहीं लड़े। मैं भी पिछले 46 साल से आपके पीछे दौड़ रहा हूं। अब मैं भी 19 साल का नहीं रहा। प्लीज, अब मैं भी थक गया हूं।'
मोदी सरकार की तेज-तर्रार मंत्रियों में शुमार 66 वर्षीय सुषमा स्वराज ने कहा कि मैंने मन बनाया है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में मैं नहीं लड़ूंगी। रिपोर्ट की मानें तो उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। हालांकि, सुषमा स्वराज ने कहा कि फैसला पार्टी को लेना है, मगर उन्होंने अगला चुनाव नहीं लड़ने का मन बना लिया है। सुषमा स्वराज मध्य प्रदेश के विदिशा से लोकसभा सांसद हैं और भाजपा की प्रमुख चेहरों में से एक हैं। इससे पहले साल 2016 में बुखार और निमोनिया के लक्षण के साथ सीने में जकड़न की समस्या होने पर एम्स में उन्हें भर्ती कराया गया था। साल 2016 में 10 दिसंबर को एम्स में 50 डॉक्टरों की एक टीम ने सुषमा स्वराज का किडनी प्रत्यारोपण किया गया था।
प्रेस कांफ्रेंस में सुषमा ने कहा, विदिशा से वर्ष 2009 में लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद मैं सदन की नेता प्रतिपक्ष और इसके पश्चात विदेश मंत्री के अहम पदों पर आसीन होने के बावजूद आठ साल तक अपनी संसदीय सीट के आठों विधानसभा क्षेत्रों में हर महीने नियमित तौर पर जाती थी। लेकिन दिसंबर 2016 में गुर्दा प्रतिरोपण के बाद मुझे डॉक्टरों ने धूल से बचने की हिदायत दी है। इस कारण मैं पिछले एक साल से चुनावी सभाओं में भी भाग नहीं ले पा रही हूं। साथ ही उन्होंने कहा, मैं स्वास्थ्य कारणों से खुले स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो सकती हूं। मैं बंद सभागारों में ही कार्यक्रम कर सकती हूं। मैंने अपने नेतृत्व से भी कहा है कि अपने स्वास्थ्य को देखते हुए मुझे धूल से बचना है। मैं विदेश तो जा सकती हूं लेकिन धूल से बचने की डॉक्टरी हिदायत के कारण विदिशा नहीं जा सकी, क्योंकि कुछेक कस्बों को छोड़कर मेरा पूरा संसदीय क्षेत्र देहाती है।