थरूर को बेल पर स्वामी के बिगड़े बोल, कहा- गर्लफ्रेंड से मिलने नहीं जा पाएंगे विदेश
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: सुनंदा पुष्कर केस में शशि थरूर को दिल्ली की कोर्ट से राहत मिल गई है। उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को अदालत ने मंजूर कर लिया है। साथ ही उन्हें विदेश ना जाने का निर्देश भी दिया है। अदालत के फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी के सासंद सुब्रह्मण्यन स्वामी ने अपने चिर परिचित अंदाज पर थरूर पर तंज कसा है। उनके लपेटे में सोनिया गांधी और राहुल भी आए हैं।
स्वामी के तंज की जद में हमेशा की तरह कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी आए। उन्होंने कहा- थरूर के लिए यह उत्सव मनाने का समय नहीं है। बस इतना हुआ है कि वो तिहाड़ जाने से बच गए हैं। अब वो सोनिया और राहुल के साथ बैठ सकते हैं। क्योंकि ये दोनों भी बेल-वाले हैं।
स्वामी यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा- जमानत मिलने पर थरूर ज्यादा खुश ना हों क्योंकि अदालत ने इसके साथ ही उन्हें ये भी निर्देश दिया है कि वो विदेश नहीं जा सकते। यानी अब वो विभिन्न देशों में बसी अपनी गर्ल फ्रेंड्स से मुलाकात नहीं कर पायेंगे।
इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध मौत मामले में थरूर को अग्रिम जमानत दे दी। हालांकि, कोर्ट ने शशि थरूर को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर यह जमानत दी है। यानी शशि थरूर को एक लाख रूपये कोर्ट के समक्ष जमा करने होंगे। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि शशि थरूर बिना कोर्ट की इजाजत के देश से बाहर नहीं जा सकते। बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में अग्रिम जमानत के लिए मंगलवार को अर्जी दाखिल की थी। बुधवार को कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था और जांच एजेंसी ने इस याचिका का विरोध किया था।
इस मामले मे थरूर को पहले ही बतौर आरोपी समन किया जा चुका है। मजिस्ट्रेट अदालत आत्महत्या के लिए उकसाने और सुनंदा पुष्कर को प्रताड़ित करने के कथित अपराधों में बतौर आरोपी थरूर को समन कर चुकी है। अदालत ने पांच जून को थरूर को समन जारी कर उन्हें सात जुलाई को पेश होने को कहा था। सुनंदा 17 जुलाई 2014 को दिल्ली के एक आलीशान होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं। थरूर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए (पति या रिश्तेदार के हाथों महिला की प्रताड़ना) और 306 (आत्महत्या क लिए उकसाना) के तहत आरोप लगाये गये हैं।
शशि थरूर ने वकील विकास पाहवा के माध्यम से दायर अर्जी में कहा था कि गिरफ्तारी के बिना ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है तथा एसआईटी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जांच पूरी हो गयी है और हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है। पाहवा ने कहा- कानून एकदम स्पष्ट है, यदि गिरफ्तारी के बिना आरोपपत्र दाखिल हो गया है तो जमानत मिलनी चाहिए। हमने सिर्फ संरक्षण की मांग की है ताकि वह सात जुलाई को अदालत में पेश हो सकें।