चिदंबरम ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर कसे तंज, कहा- चार टायरों में से तीन तो पंक्चर हो चुके
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार में देश की अर्थव्यवस्था की खराब हालत पर तंज कसते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था के चार टायरों में से तीन टायर- निर्यात, निजी निवेश और निजी उपभोग- पंक्चर हो चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ़ सरकारी ख़र्च रूपी टायर चल रहा है, लेकिन चालू खाता घाटे और वित्तीय घाटे की वजह से इस पर भी दबाव बढ़ रहा है।
नई दिल्ली के अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने आरोप लगाया कि यह स्थिति सरकार की नीतिगत गलतियों और गलत कदमों के कारण पैदा हुई है। चिदंबरम ने कृषि, जीडीपी, रोजगार सृजन, व्यापार और अर्थव्यवस्था के कुछ दूसरे मानकों के आधार पर सरकार को घेरा। चिदंबरम ने कहा कि जीएसटी को गलत ढंग से लागू करने की वजह से आज भी कारोबार प्रभावित हो रहे हैं।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, मई 2014 के बाद बहुत सारी बातें की गई, लेकिन अर्थव्यवस्था की हालत खराब होती चली गई। किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुताबिक उपज के दाम नहीं मिल रहे हैं। हर किसान जानता है कि लागत से 50 फीसदी से अधिक की बात जुमला है। रिज़र्व बैंक के सर्वेक्षण के मुताबिक, 48 फीसदी लोगों ने माना कि अर्थव्यवस्था की हालत खराब हुई है।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोल, डीज़ल और एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से आज देश में गुस्सा है। उन्होंने कहा कि अच्छे दिन के वादे के तहत हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था, लेकिन कुछ हज़ार नौकरियां ही पैदा की गईं। चिदंबरम ने सवाल उठाया कि आखिर श्रम ब्यूरो के सर्वेक्षण (अक्टूबर-दिसंबर, 2017) का डेटा जारी क्यों नहीं किया है?
चिदंबरम ने कहा कि विश्व स्तर पर अर्थव्यवस्था का असर कुछ हद तक देश की अर्थव्यवस्था पर होता है, लेकिन इन दिनों अमेरिका की अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही है। यूरोप में स्थिति ठीक है। भारत में हमारी नीतिगत गलतियों और कुछ गलत कदमों की वजह से अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब हुई है। उन्होंने कहा कि 2015-16 में विकास दर 8.2 फीसदी थी जो 2017-18 में घटकर 6.7 फीसदी हो गई। चिदंबरम ने कहा कि पिछले चार वर्षों में एनपीए 2,63,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,30,000 करोड़ रुपये हो गया तथा आगे और बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, तमिलनाडु सरकार ने आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि की कि 2017-18 में राज्य में 50,000 छोटे एवं मझोले कारोबार बंद हो गए, जिससे 5,00,000 नौकरियां ख़त्म हो गईं और एसएमई सेक्टर में पूंजी के निवेश में 11,000 करोड़ रुपये की कमी आई। यदि पूरे देश के लिए इन आंकड़ों की गणना की जाए, तो यह नुकसान कई गुना ज्यादा होगा। इससे नोटबंदी से हुए नुकसान का अनुमान लगाया जा सकता है।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, महंगाई (इन्फ्लेशन) बढ़ती जा रही है. कुछ दिन पहले रेपो रेट में की गई वृद्धि इसका प्रमाण है। अब ब्याज दरें बढ़ेंगी, जिससे उपभोक्ताओं और उत्पादकों के कंधों पर भार बढ़ेगा। उन्होंने दावा किया कि इस सरकार में सामाजिक सुरक्षा से जुड़े क़ानून और कार्यक्रमों की उपेक्षा की जा रही है।
चिदंबरम के आरोपों पर भाजपा का पलटवार
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के आरोपों को गैर-जिम्मेदाराना और बेबुनियाद क़रार देते हुए भाजपा ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार की अर्थनीति से भारत आज विश्व की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है, जबकि किसानों की समस्या कांग्रेस की विनाशकारी अर्थनीति की देन है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि अर्थव्यवस्था के बारे में पी. चिदंबरम का बयान ग़ैर-ज़िम्मेदाराना और बिना सिर पैर का है और हम इसे ख़ारिज करते हैं।
उन्होंने कहा, चिदंबरम ने भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में सवाल उठाए हैं। मैं उनको बताना चाहता हूं कि भारत आज विश्व की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। जब दुनिया में मंदी का दौर था तब भी भारत ने पिछले चार वर्षों में उच्च विकास दर को बनाए रखा। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को चिदंबरम द्वारा चुनावी जुमला बताये जाने पर पलटवार करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने किसानों को उत्पादों का लाभकारी मूल्य विषय पर आयोग का गठन किया था. आयोग ने 2008 में रिपोर्ट पेश कर दी लेकिन उस पर कांग्रेस सरकार ने अमल नहीं किया।
उन्होंने कहा कि अब मोदी सरकार किसानों को लागत के साथ 50 प्रतिशत एमएसपी देने का निर्णय किया है तो उसे चुनावी जुमला बताना ग़ैर-जिम्मेदाराना है। भाजपा नेता ने कहा, किसानों को एमएसपी प्लस 50 प्रतिशत देना यह न कोई जुमला है और न ही कोई नारा है बल्कि यह हमारा वादा है। हम जो कहते हैं, वह करते हैं। किसानों की स्थिति के बारे में सवाल पर जावड़ेकर ने कहा कि किसानों की आज जो स्थिति है, वह कांग्रेस की विनाशकारी अर्थनीति का परिणाम है। इसके कारण कांग्रेस के शासनकाल में ही उनका जीना मुहाल हो गया था।