'कालाधन का पाई-पाई लाएंगे, भरोसा रखिए'
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: रेडियो के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को फिर मन की बात करी। दूसरी बार रेडियो के माध्यम से देश के करोड़ों लोगों तक मोदी ने अपनी बात पहुंचाई। इस दौरान उन्होंने पीएम बनने के बाद पहली बार विदेशों में जमा कालेधन पर राय जाहिर की। कालेधन को वापिस लाने की प्रतिबद्धता के साथ पीएम ने लोगों से अपील की कि वो अपने प्रधानसेवक पर भरोसा जताए वो विश्वास दिलाते हैं कि गरीबों के पैसे की पाई-पाई वापस लायी जायेगी।
मोदी ने कहा कि जहां तक कालेधन का सवाल है, मेरे देशवाशियों को इस प्रधान सेवक पर भरोसा है। भारत के गरीब का पैसा जो बाहर गया है, वह पाई-पाई वापस आएगा। यह मेरी प्रतिबद्धता है। इसके रास्ते क्या होंगे, तरीके क्या होंगे इस पर मतभिन्नता हो सकती है। लोकतंत्र में ऐसा होता है।
उन्होंने कहा, और मैं सच में मन से करना चाहता हूं। यह मेरे मन की बात है। मेरी जितनी समझ है, मैं इस बारे में सही रास्ते पर हूं। प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि देश वासियों को मेरे शब्दों पर भरोसा है, मेरे इरादों पर भरोसा है। लेकिन एक बार मैं फिर अपनी तरफ से दोहराना चाहता हूं। यह मेरे लिए आर्टिकल ऑफ फेथ है।
मोदी ने कहा कि कालाधन कितना है, इसके बारे में न मुझे मालूम है, न सरकार को मालूम है, किसी को पता नहीं है। पिछली सरकार को भी इसकी जानकारी नहीं थी। मैं आंकड़ों में नहीं उलझना चाहता कि यह एक रुपया है, लाख है, करोड़ है या अरब रुपए है। बस कालाधन वापस आना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे प्रयासों में कोई कमी नहीं होगी, कोई कोताही नहीं बरती जायेगी। आपके लिए जो भी, जब भी करना पड़े, जरूर करूंगा।
प्रधानमंत्री ने बहुचर्चित स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का ज़िक्र भी किया। उन्होंने कहा कि लोगों में अब बदलाव दिखता है। लोग अब इस पर ज्यादा जिम्मेदारी से बात करते हैं। अब ट्रेनों में भी सफाई का ध्यान दे रहे हैं, यात्री अब उसमें गंदगी नहीं फैलाते। सामान्य लोगों को भी लगने लगा है कि अब गंदगी का सफाया करना है। इस सफाई अभियान से गरीबों का ज्यादा भला होगा, क्योंकि स्वच्छता से बीमारी नहीं फैलेगी।
मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन पर विशेष ध्यान देने का लाभ गरीबों को मिलेगा। ये अमीर नहीं बल्कि गरीब लोग हैं, जो उनके आसपास फैली गंदगी से प्रभावित होते हैं। मोदी ने दो अक्टूबर को ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि आसपास का माहौल स्वच्छ रहता है, तो यह गरीबों की ही सेवा होगी। मोदी ने कहा, ‘‘मैं इसका बड़ा प्रभाव बच्चों पर भी देख रहा हूं। माता पिता अब कहते हैं कि उनके बच्चे चॉकलेट के रैपर सड़क पर नहीं फेंकते।’’
मोदी ने स्वच्छता अभियान की सफलता के लिये मीडिया की भी सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खादी की लोकप्रियता पर भी विचार रखे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि खादी की बिक्री 125 फीसदी तक बढ़ी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिछली बार लोगों से खादी के उत्पाद खरीदने का आग्रह किया था। मैंने यह कभी नहीं कहा कि खादीवादी बन जाएं, लेकिन खादी का कुछ सामान खरीदें।’’
प्रधानमंत्री ने मन की बात कहने का सिलसिला पिछले माह तीन अक्टूबर को शुरू किया था। उस दिन उन्होंने कहा था कि बातचीत का यह क्रम वह आगे भी जारी रखेंगे और हर महीने दो या कम से कम एक बार इसके लिए समय निकालने की कोशिश करेंगे। आकाशवाणी के सभी चैनलों तथा विभिन्न निजी रेडियो चैनलों ने "मन की बात" का प्रसारण किया था। मोदी ने लोगों से सुशासन और अन्य मुद्दों पर उनके विचार भी मांगे थे और कहा था कि उनमें से कुछ को वह अगले कार्यक्रम में साझा भी करेंगे।
प्रधानमंत्री ने उसके बाद मिले सुझावों तथा टिप्पणियों की सराहना की है। उन्होंने गत बुधवार को इस संबंध में कहा था कि आपके द्वारा साझा किये गये विचारों, गहन सोच और दिलचस्प किस्सों को पढ़कर काफी खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन कृषि, सिंचाई के मुद्दे, महिला सशक्तिकरण और कौशलपूर्ण भारत समेत विभिन्न मुद्दों पर उन्हें लोगों के कई तरह के विचार मिले हैं।
मोदी ने देशवासियों से मुखातिब होते हुए कहा कि अगली मन की बात में वो नशाखोरी विषय पर अपने विचार रखेंगे। मोदी ने कहा कि ये नशाखोरी, ये ड्रग्ज, ये ड्रग माफिया और उसके कारण भारत के युवा धन को कितना बड़ा संकट आ सकता है इस पर वह अपने विचार रखेंगे। उन्होंने कहा कि इस बारे में किसी के भी जो भी अनुभव हों या विचार हों इसकी जानकारी दें वह इन्हें देशवासियों तक पहुंचायेंगे और सब मिलकर देश में अच्छा माहौल बनायेंगे। मोदी ने कहा कि हम सब मिलकर हर परिवार में एक माहौल बनायेंगे कि फ्रस्टेशन के कारण कोई बच्चा इस रास्ते पर न चला जाये।
इस सिलसिले को धार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिन लोगों की इंटरनेट और सोशल मीडिया तक पहुंच नहीं हैं, वे उन्हें विभिन्न मुद्दों पर अपने सुझावों को लेकर उन्हें चिट्ठी लिख सकते हैं।प्रधानमंत्री ने देशवासियों से कहा कि उन्हें बताया गया है कि कई लोगों के पास ई-मेल, फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट की सुविधा मौजूद नहीं है।
मोदी ने कहा, ‘‘जिन लोगों के पास ‘मन की बात’ कार्यक्रम के संबंध में कोई सुझाव है और मुझे अवगत कराना चाहते हैं, वे मन की बात, आकाशवाणी, संसद मार्ग, नई दिल्ली के पते पर मुझे चिट्ठी लिख सकते हैं। चिट्ठी मुझ तक पहुंच जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी चिट्ठियों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा, क्योंकि चिट्ठी यह साबित करती है कि लोग देश से जुड़े मुद्दों को लेकर सजग हैं।’’