युवाओं को रोजगार देने में विफल मोदी सरकार पर राहुल ने साधा निशाना
न्यूयॉर्क : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया भर में तेजी से बढ़ती बेरोजगारी से परेशान लोग नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प जैसे नेताओं को चुन रहे हैं। राहुल ने साथ ही इस बात को स्वीकार किया कि उनकी पार्टी जब सत्ता में थी तो पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर पैदा नहीं कर सकी और यही 2014 में कांग्रेस की हार का कारण बना।
करीब 15 दिनों की अमेरिका यात्रा पर आए 47 वर्षीय राहलु गांधी ने प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में छात्रों से बातचीत में कहा कि रोजगार लोगों को जीवन में सशक्त करने, अधिकार संपन्न करने और राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में शामिल करने का एक समावेशी माध्यम है। कभी-कभी मैं सोचता हूं नरेंद्र मोदी कैसे उभरे और एक हद तक ट्रम्प कैसे सत्ता में आए।
दरअसल, अमेरिका और भारत दोनों ही देशों में रोजगार एक महत्वपूर्ण सवाल है। हमारे देश की आबादी के एक बड़े हिस्से के पास कोई नौकरी नहीं है और उन्हें अपना कोई भविष्य दिखाई नहीं दे रहा है। इसलिए वह परेशान हैं और नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं को समर्थन दिया। इन बेरोजगार युवाओं में मोदी ने उम्मीद जगाई कि उनकी सरकार नौकरी पैदा करेगी। लोगों ने उनपर भरोसा किया। लेकिन आज मोदी और उनकी सरकार इस बात को मान ही नहीं रही कि बेरोजगारी कोई समस्या है।
राहुल ने कहा, मैं ट्रंप को नहीं जानता। मैं उस बारे में बात नहीं करूंगा। लेकिन, निश्चित तौर पर हमारे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा पा रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अमेरिका में विशेषज्ञों, प्रमुख कारोबारियों और सांसदों के साथ अपनी बैठक में भारत में बेरोजगारी का मामला बार-बार उठाया। राहुल ने कहा कि भारत को चीन के साथ मुकाबला करने के लिए खुद को रूपांतरित करने की जरूरत है और इसके लिए देश के लोगों को रोजगार की जरूरत है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा है कि भारत में रोजगार पैदा करने में नाकाम रहने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है। जिन लोगों ने 2014 में कांग्रेसनीत सरकार को सत्ता से हटाया था, वही 2019 में लोकसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रति अपना गुस्सा जाहिर करेंगे।
राहुल ने कहा कि भारत में हर रोज 30,000 युवा नौकरियों की तलाश में होते हैं, लेकिन सिर्फ 450 नौकरियां पैदा की जाती हैं। ऐसे में ये लोग मोदी सरकार से नाराज हैं क्योंकि वह 30,000 नौकरियां नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने माना कि मोदी से पहले कांग्रेसनीत संप्रग सरकार भी रोजगार के मामले में बेहतर काम नहीं कर सकी थी और इसी वजह से 2014 के आम चुनाव में भाजपा को जीत मिली। उन्होंने कहा कि उस वक्त जो लोग हमसे नाराज थे, आज वही मोदी से नाराज हैं। मूल मुद्दा इस समस्या (बेरोजगारी) के समाधान का है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, भारत में (मोदी सरकार के प्रति) गुस्सा बढ़ रहा है। हम इसे महसूस कर सकते हैं। इसलिए मेरे लिए चुनौती यह है कि लोकतांत्रिक माहौल में इस समस्या का समाधान कैसे किया जाए। राहुल गांधी ने कहा कि सभी को इस समस्या को स्वीकार करते हुए एकमत से इसे हल करने का प्रयास करना चाहिए। कांग्रेस नेता ने शक्ति व सत्ता के केंद्रीकरण के खिलाफ भी बोला और कहा कि भारत की वर्तमान राजनीतिक प्रणाली में कुछ लोग हद से ज्यादा नियंत्रण करने और वर्चस्व दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्रीकृत राजनीतिक प्रणाली में समस्या यह है कि मुख्यमंत्री यह फैसला करते हैं कि गांव की सड़क मामले में क्या हुआ, जबकि इस बारे में स्थानीय सरकार द्वारा फैसला किया जाना चाहिए। कानून बनाने की प्रक्रिया नौकरशाहों द्वारा की जाती है और मंत्री व संसद कानून को मंजूरी देते हैं। मैं लोकसभा और विधानसभा में बदलाव लाने पर जोर देने का प्रयास करूंगा। मैं सहज कानून निर्माण प्रक्रिया शुरू करना चाहूंगा। (एजेंसियां)