कांग्रेस मुख्यालय में जुटे बिहार महागठबंधन के दिग्गज, यूपीए में शामिल हुए उपेंद्र कुशवाहा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : केंद्र एवं बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने के बाद राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) औपचारिक रूप से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का हिस्सा बन गई। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी यूपीए की चेयरपर्सन हैं।
गुरुवार को एआईसीसी मुख्यालय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी का यूपीए में स्वागत करते हुए संवाददाताओं से कहा, बिहार में पहले से गठबंधन था और आज उसमें उपेंद्र कुशवाहा शामिल हुए हैं। हम उनका स्वागत करते हैं। कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, बिहार और देश की चिंता करते हुए कुशवाहा ने राजग से नाता तोड़ा और आज हमारे साथ जुड़ रहे हैं। उन्होंने बिहार और पिछड़े एवं अति पिछड़े वर्ग के लोगों के हित में यह फैसला किया है। हम अपने परिवार में तहेदिल से उनका स्वागत करते हैं।
गोहिल ने कहा कि ये विचारधारा से जुड़ा हुआ गठबंधन है और इसलिए हम पहले से आपको कहते आए हैं कि यहां पर हमें सीट बंटवारे को लेकर या आगे साथ काम करने में कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकि ये हम जो मिले हैं, वो किसी कुर्सी या खुदगर्जी के लिए नहीं, ये मेल एक विचारधारा का मेल है। हमने तो पहले से कहा था कि सही वक्त आएगा तो हम सीटों का बंटवारा भी बड़े ही प्यार से, आपस में बैठकर कर लेंगे। बार-बार एनडीए की ओर से ये कहा जाता था कि बीस ये लड़ेंगे, बीस वो लड़ेंगे, इसको ये काटेंगे, इसको वो देंगे, जो आज तक तय नहीं कर पाए हैं। सही वक्त पर हम सही फैसला कर लेंगे।
इस मौके पर अहमद पटेल, शक्ति सिंह गोहिल, लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) नेता शरद यादव, राजद नेता तेजस्वी यादव और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मौजूद थे। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कुशवाहा को बधाई देते हुए कहा कि सभी दल देश और संविधान बचाने के लिए एकजुट हुए हैं। हम मौजूदा भाजपा-जेडीयू गठबंधन को करारा जवाब देंगे। मौजूदा सरकार और भाजपा ने बिहार के लोगों को ठगा है। हमारा गठबंधन दलों का नहीं, बल्कि जनता के दिलों का है। यह देश को बचाने की लड़ाई है। भाजपा तानाशाही रवैया अपना रही है। एनडीए में शामिल दलों को दबाया जा रहा है। आरबीआई, सीबीआई और ईडी जैसी संवैधानिक संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। भाजपा सरकार कुछ लोगों के हित के लिए काम कर रही है। किसान परेशान हैं। देश भर में अघोषित इमरजेंसी लागू है।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, एनडीए में मेरा अपमान हो रहा था। दूसरी तरफ महागठबंधन के लोग मेरा स्वागत करने के लिए बाहें फैलाए हुए थे। जाहिर सी बात है, मुझे यहां अपनापन मिला है। लालू यादव और राहुल गांधी ने उदारता दिखाई। मैं जनता की भावना की कद्र करते हुए महागठबंधन में आया हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के चुनाव में बिहार की जनता से वादा किया था कि उन्हें कमाने के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। बिहार में तीन चीजों की दिक्कत है- पढ़ाई, दवाई और कमाई। पीएम ने जनता से किए ये तीनों वादे पूरे नहीं किए। मेरी पार्टी की सीटों की संख्या घटाई गई। मेरी पार्टी को तोड़ा गया। नीतीश ने मेरी पार्टी को बर्बाद करने की कसम खाई है। तो इन सब बातों से एनडीए में मेरा दम घुट रहा था।
रालोसपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने हाल ही में नरेंद्र मोदी सरकार से इस्तीफ़ा दिया था और अपनी पार्टी के राजग से अलग होने की घोषणा की थी। राजग से अलग होते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि मोदी सरकार ओबीसी समुदाय के हितों की अनदेखी कर रही है और संघ के एजेंडे को लागू किया जा रहा है। देश के शिक्षण संस्थानों में संघ के लोगों की भर्ती की जा रही है।