उर्जित के इस्तीफे पर बोले रघुराम राजन; विरोध का प्रतीक होता है सरकारी कर्मचारी का इस्तीफा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे पर पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बयान दिया है। रघुराम राजन ने कहा कि उर्जित पटेल ने इस्तीफा देकर विरोध दर्ज कराया है। रॉयटर्स से बातचीत में राजन ने कहा, आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल द्वारा इस्तीफा देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है। एक सरकारी कर्मचारी द्वारा इस्तीफा देना विरोध का प्रतीक होता है। पूरे देश को इसको लेकर चिंतित होना चाहिए।
अभी बीते महीने ही रिजर्व बैंक और सरकार में बढ़ते टकराव को लेकर रघुराम राजन ने कहा था कि केंद्रीय बैंक किसी सरकार के लिए कार की सीट बेल्ट की तरह होता है जिसके बिना नुकसान हो सकता है। संस्थान के रूप में आरबीआई की स्वायत्तता का सम्मान किए जाने की जरूरत पर बल देते हुए पूर्व गवर्नर राजन ने कहा था कि सरकार अगर आरबीआई पर लचीला रुख अपनाने का दबाव डालती हो तो केंद्रीय बैंक के पास ‘ना’ कहने की आजादी है।
आरबीआई निदेशक मंडल की 19 नवंबर की बैठक के बारे में उन्होंने कहा था कि बोर्ड का लक्ष्य संस्था की रक्षा करना होना चाहिए न कि दूसरों के हितों की सुरक्षा। राजन ने सीएनबीसी टीवी18 से बातचीत में कहा था, आरबीआई सीट बेल्ट की तरह है। चालक सरकार है, चालक के रूप में हो सकता है कि वह सीट बेल्ट न पहने। पर हां यदि आप आप अपनी सीट बेल्ट नहीं पहनते हैं और दुर्घटना हो जाती है तो वह दुर्घटना अधिक गंभीर हो सकती है।
अतीत में आरबीआई और सरकार के बीच रिश्ता कुछ इसी प्रकार का रहा है- सरकार वृद्धि तेज करने की दिशा में काम करना चाहती है और वह आरबीआई द्वारा तय सीमा के तहत जो कुछ करना चाहती है करती है। आरबीआई ये सीमाएं वित्तीय स्थिरता को ध्यान में रखकर तय करता है। उन्होंने कहा, इसलिए सरकार आरबीआई पर अधिक उदार रुख अपनाने के लिए जोर देती है। राजन ने कहा कि केंद्रीय बैंक प्रस्ताव की ठीक ढंग से पड़ताल करता है और वित्तीय स्थिरता से जुड़े खतरों का आंकलन करता है। आरबीआई की जिम्मेदारी वित्तीय स्थिरता को बनाये रखना है और इसलिए हमारे पास ना कहने का अधिकार है।