रोहिंग्या पर वरुण ने PM मोदी को याद दिलाई अतिथि देवो भव: की परंपरा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : सुल्तानपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने रोहिंग्या शरणार्थियों के मसले पर मोदी सरकार को अतिथि देवो भव: की भारतीय परंपरा याद दिलाई है। वरुण ने एक लेख में लिखा है कि भारत को रोहिंग्या की मदद करनी चाहिए। वरुण के इस नजरिये की केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने आलोचना करते हुए कहा कि जो लोग राष्ट्रहित को ध्यान में रखतें हों, उन्हें इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए।
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने मंगलवार को नवभारत टाइम्स में प्रकाशित अपने लेख में लिखा है कि हमें म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थी को शरण देनी चाहिए, लेकिन उससे पहले वैध सुरक्षा चिंताओं का आंकलन भी करना चाहिए। वरुण गांधी की यह लाइन सरकार के रुख से बिल्कुल अलग है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में रोहिंग्या मुस्लिमों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बता चुकी है।
My recent piece focused primarily on defining India's asylum policy, with clear demarcations on how we would accept refugees.
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 26, 2017
वरुण ने लिखा कि हमें शांतिपूर्ण उपायों से अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए उन्हें स्वेच्छा से घर वापसी में मदद करनी चाहिए। आतिथ्य सत्कार और शरण देने की अपनी परंपरा का पालन करते हुए हमें उन्हें शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए। वरुण ने लिखा है, आजादी के बाद से करीब 4 करोड़ लोग भारत की सीमा लांघ चुके हैं अब और भी शरणार्थी आने की तैयारी में है। भारत ने शरणार्थियों को लेकर बहुत सी संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन इसके लिए कोई कानून नहीं बनाया है।
My article in NavBharat Times today. #RohingyaCrisis pic.twitter.com/XNMEchcDqs
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 26, 2017
रोहिंग्याओं पर वरुण गांधी की यह नरमी भाजपा और मोदी सरकार को रास नहीं आई। केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने तो वरुण की देशभक्ति पर ही सवाल उठा दिया है। अहीर ने कहा, 'जो देशभक्त होगा या जो देश के हित में सोचेगा वह इस तरह का बयान कभी नहीं देगा।' जाहिर है कि वरुण को अपनी इस लाइन के लिए पार्टी को जवाब देना पड़ सकता है। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि चूंकि पार्टी में अपनी कथित उपेक्षा से वरुण नाराज चल रहे हैं। शायद इसीलिए वरुण ने इस लेख में अपने विचारों के माध्यम से मोदी सरकार का विरोध किया है।
वरुण ने इस मुद्दे को लेकर कुछ सुझाव भी सरकार के सामने रखे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को एक राष्ट्रीय शरणार्थी नीति बनाने की जरूरत है जो उत्पीड़न से भागने वाले और गरीबी से भागने वाले शरणार्थी के बीच अंतर कर सके। साथ ही जिन इलाकों में बड़ी संख्या में शरणार्थी हों, वहां तनाव और भेदभाव कम करने के लिए स्थानीय निकायों को आगे बढ़ कर मकान मालिकों और स्थानीय संघों को संवेदनशील बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।