मोदी जी! आप गुजरात की आवाज को न तो दबा सकते हैं, न ही खरीद सकते हैं : राहुल गांधी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
गांधीनगर : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांघी ने गांधीनगर में आज एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गुजरात का युवा मोदी सरकार से तंग आ चुका है और वह अब शांत होने वाला नहीं है। गुजरात में 30 लाख बेरोजगार युवा हैं। देश में हर रोज 30 हजार युवा रोजगार ढूढने के लिए घर से निकलते हैं लेकिन मोदी सरकार 24 घंटे में सिर्फ 450 युवाओं को रोजगार दे पाती है।
मंच पर बैठे अल्पेश ठाकोर की तरफ इशारा करते हुए राहुल ने कहा कि आप इस जनता को शांत रहने के लिए कहते हैं लेकिन अब यह शांत नहीं होने वाला। राहुल गांधी ने कहा कि इस आवाज को न तो दबाया जा सकता है और न ही खरीदा जा सकता है। यह गुजरात की आवाज है इसे पूरी दुनिया के पैसे से भी नहीं खरीदा नहीं जा सकता है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि गांधी जी की आवाज को भी अंग्रेजों ने दबाने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने सुपरपावर को भगा दिया।
राहुल ने कहा कि मोदी जी मन की बात कहते हैं कि लेकिन आज मैं मोदी जी को गुजरात के दिल की बात कहना चाहता हूं कि गुजरात के युवा शिक्षा चाहते हैं। गुजरात के विश्वविद्यालयों को उद्योगपतियों के हाथों सौंप दिया है। गुजरात के युवा 10-15 लाख रुपए शिक्षा के लिए दे पाने की स्थिति में नहीं हैं। राहुल गांधी ने कहा कि टाटा को नैनो के लिए 35 हजार करोड़ रुपया दिया जिससे किसानों का कर्जा माफ हो सकता था। अब मोदी जी बताएं कि उन पैसों से कितनी नैनो बनीं। पिछले 22 साल में गुजरात की पूरी शिक्षा व्यवस्था 5-10 उद्योगपतियों के हाथों में चली गई है।
अमित शाह के बेटे का मुद्दा उठाते हुए राहुल ने कहा, पीएम मोदी ने अमित शाह के बेटे के बारे में एक भी शब्द नहीं बोला। पहले तो मोदी जी कहते थे कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा। अब तो खिलाना शुरू कर दिया है। देश में मेक इन इंडिया से लेकर स्टार्ट अप इंडिया तक सब फेल हो गया लेकिन शाहजादे जय शाह की कंपनी रॉकेट की तरह ऊपर चली गई। राहुल ने कहा कि साल 2014 के बाद 2-3 महीनों में जय शाह की कंपनी 50 हजार रुपए से शुरू होकर 80 करोड़ तक पहुंच गई। जय शाह इतना ज्यादा खा गया, बावजूद इसके मोदी जी के मुंह से एक शब्द नहीं निकला।
राहुल ने कहा, जेटली जी और मोदी जी कहते हैं कि जीएसटी को लेकर कांग्रेस की बात नहीं सुनेंगे। लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि इनका जो जीएसटी है यह जीएसटी नहीं, यह 'गब्बर सिंह टैक्स' है। पूरे देश की इकॉनमी को मोदी जी ने चौपट कर दिया है। दरअसल, जीएसटी कांग्रेस की सोच थी और कांग्रेस की जीएसटी में कारोबारियों की दिक्कतें दूर करने के सभी प्रावधान थे लेकिन मोदी सरकार ने हमारी एक बात नहीं मानी। कांग्रेस 18 फीसदी का कैप लगाना चाहती थी जिसे मोदी सरकार ने नहीं मानी। अब नतीजा ये हुआ कि कारोबारी जीएसटी से परेशान हुआ घूम रहा है। बिजनेस ठप हो गया है।