5 राज्यों में 4 अप्रैल से 16 मई के बीच मतदान
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु समेत 4 राज्यों और 1 केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने चुनाव आयोग मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी दी। पांच राज्यों में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु के अलावा केरल, असम, केन्द्र शासित क्षेत्र पुड्डुचेरी शामिल हैं। इन पांचों राज्यों में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। 4 अप्रैल से शुरू होने वाल चुनाव 16 मई को समाप्त होगा। 19 मई को नतीजों की घोषणा की जाएगी।
इससे पहले केंद्रीय चुनाव आयोग की संपूर्ण पीठ की बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई। पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी सुनील गुप्ता को केंद्रीय चुनाव आयोग ने पहले ही दिल्ली तलब किया था। गुरुवार को उनके साथ कई चरणों में वरिष्ठ चुनाव अधिकारियों ने बैठक भी की।
चुनाव घोषणा से पहले केंद्रीय चुनाव आयोग यहां के कानून-व्यवस्था को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं, चुनाव घोषणा के पहले ही यहां 100 कंपनी केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों काको तैनात किया गया है। सात मार्च के बाद यहां और 100 कंपनियां आयेंगी. चुनाव आयोग यहां भयमुक्त व पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने के लिए हर महत्वपूर्ण व्यवस्था करने को तैयार है1 चुनाव आयोग बिहार मॉडल पर बंगाल में चुनाव कराना चाहती है। बंगाल में पांच या छह चरणों में चुनाव कराने की संभावना है1
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में 4, 11, 17, 21, 25, 30 अप्रैल और 5 मई को वोट डाले जाएंगे। असम में दो दौर में 4 और 11 अप्रैल को वोटिंग होगी। जबकि तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक साथ 16 मई को वोटिंग होगी। इन सभी राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 22 मई से 5 जून के बीच खत्म हो रहा है। इस समय सभी की निगाहें पश्चिम बंगाल पर टिकी हैं। यहां 294 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। इस समय बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी सत्ता में हैं। जिन्होंने शुक्रवार को ही पार्टी प्रत्याशियों की सूची जारी की। इसमें पूर्व फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया, सैयद रहीम नबी, क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला का भी नाम है। ममता की पार्टी को 2011 विधानसभा चुनाव में 184 सीटें मिली थीं।
तमिलनाडु
दक्षिण भारतीय राज्य में कांटे की टक्कर सीएम जयललिता की AIADMK और मुख्य विपक्षी दल डीएमके की बीच होने की संभावना जतायी जा रही है। 2011 में एआईएडीएमके की जे. जयललिता 234 में से 150 सीटें जीतकर सत्ता में आई थीं। पिछले पांच साल में कई बार वो सुर्खियों में रहीं। यहां तक की उन्हें जेल जाना पड़ा और सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी। उनका मुकाबला करुणानिधि की पार्टी डीएमके से है। डीएमके को पिछले विधानसभा चुनाव में 23 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। वहीं, लोकसभा चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित भाजपा भी यहां अपने लिए संभावनाएं तलाश रही है।
असम
असम में भाजपा एंटी-इन्कमबेन्सी की फायदा उठाने की जुगत में है। यहां कांग्रेस के हाथ में सत्ता है। वहीं, 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा को 5 सीटें मिली थीं। हाल ही में उसने असम गण परिषद से हाथ मिलाया है। मोदी कैबिनेट में खेल मंत्री रहे सर्बानंद सोनोवाल को पार्टी पहले ही सीएम उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।
केरल
land of coconut trees के तौर पर पहचाने जाने वाले केरल में कुल 140 विधानसभा सीटों के लिए मतदान किया जाएगा। यहां दो बड़े राजनीतिक गठबंधन देखने को मिलता है। यूडीएफ और लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) । 2011 में इंडियन नेशनल कांग्रेस गठबंधन वाले युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) की सरकार बनी। ओमान चण्डी प्रदेश के सीएम निर्वाचित किए गए। दोनों गठबंधनों के बीच टक्कर कांटें की थी। यूडीएफ को जहां 72 सीटें मिली वहीं एलडीएफ को 68 सीटों से संतोष करना पड़ा।
पुडुचेरी
यहां की एकमात्र लोकसभा सीट पर एआईएनआरसी का कब्जा है।
नोटा का चिन्ह
इस बार नोटा के लिए भी खास चिन्ह होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि इस बार नोटा के लिए एक चिन्ह (साइन) होगा। ये कैंडिडेट्स के नामों के बाद दिया जाएगा।