सरदार पटेल की विरासत पर जंग हुई तेज
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच सरदार वल्लभ भाई पटेल की विरासत को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्मृति में संग्रहालय के उद्घाटन समारोह में नरेंद्र मोदी ने कहा, 'काश, सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते।' जवाब में मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें गर्व है कि पटेल उसी पार्टी के नेता थे, जिसके वे सदस्य हैं। अहमदाबाद में मंच पर मंगलवार को नरेंद्र मोदी और मनमोहन सिंह अगल-बगल बैठे थे।
अपने चुनावी भाषणों में नरेंद्र मोदी लगातार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर राजनीतिक हमले करते रहे हैं। इस समारोह में भी अपने भाषण में मोदी ने गुजरात से आगे बढ़ कर पूरे भारत की समस्याओं और दूसरे राज्यों का भी हवाला दिया और और सरदार पटेल के आदर्शों का जिक्र किया। मोदी ने कहा, 'कई लोगों ये गिला रहेगा कि सरदार पटेल भारत पहले प्रधानमंत्री नहीं हुए।' नरेंद्र मोदी ने कहा, 'काश सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो देश की तस्वीर ही कुछ और होती।'
जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भाषण देने पहुंचे, तो कुछ कुछ लोगों ने नारे लगाए, 'मनमोहन सिंह आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं।' मनमोहन सिंह ने कहा कि दुनिया जिस अखंड भारत को जानती है उसकी बुनियाद रखने में सरदार पटेल का बहुत बड़ा योगदान था। अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल का नजरिया पूरी तरह से सेक्युलर था। उन्होंने कहा था कि पूरा भारत उनका गांव है और सभी संप्रदाय के लोग उनके दोस्त और रिश्तेदार हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा, 'मुझे इस बात का गर्व है कि सरदार पटेल का संबंध जिस पार्टी से था, मैं भी उसी राजनीतिक दल का सदस्य हूं।' मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में नेहरू-पटेल रिश्तों पर भी बात की। नेहरू से संबंधों पर सरदार पटेल का हवाला देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, 'हमने हमेशा एक दूसरे की सलाह का सम्मान किया है और ऐसा वह लोग ही कर सकते हैं जिन्हें एक दूसरे के ऊपर भरोसा हो।'
इसके बाद केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने नरेंद्र मोदी पर उनके उस बयान को लेकर जवाबी हमला बोला जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो देश की तकदीर अलग होती। तिवारी ने कहा कि अगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पटेल से किया गया वादा निभाया होता तो साल 2013 में भाजपा का पीएम पद का उम्मीदवार कोई और होता।
तिवारी ने ट्विटर पर लिखा, 'अगर संघ ने महात्मा गांधी की हत्या के बाद प्रतिबंध समाप्ति के लिए सरदार पटेल से किये गए वादे का सम्मान किया होता तो 2013 में बीजेपी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार अलग होता।' तिवारी शायद उस कथित दावे का जिक्र कर रहे हैं जिसके मुताबिक संघ ने पटेल से वादा किया था कि वह गैर राजनीतिक रहेगा, इसके बाद उससे प्रतिबंध हटाया गया था।