राष्ट्रपति ने माना, PM मोदी से रहे वैचारिक मतभेद लेकिन उसे अपने पास ही रखा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को पहली बार इस बात का खुलासा किया कि उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कुछ वैचारिक मतभेद रहे हैं, लेकिन दोनों ने अपने-अपने मतभेद अपने पास रखे और सरकार के कामकाज को प्रभावित नहीं होने दिया।
प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में अपने जीवन पर ‘प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी- ए स्टेट्समैन’ नामक किताब विमोचन के अवसर पर कहा, हमने मिलकर काम किया। निश्चित रूप से वैचारिक मतभेद रहे हैं। लेकिन हमने उन मतभेदों को अपने पास ही रखा। मैंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के रिश्ते को प्रभावित नहीं किया। 13वें राष्ट्रपति के रूप में मुखर्जी के जीवन की चित्रमय यात्रा वाली इस किताब का प्रकाशन स्टेटमैन समूह ने किया है, जिसका विमोचन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और उसकी पहली प्रति राष्ट्रपति को भेंट की।
वित्तमंत्री अरुण जेटली की तरफ देखते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वह खास मुद्दों के बारे में जानकारी के लिए जेटली को अक्सर फोन किया करते थे और जेटली एक सक्षम व प्रभावी वकील की तरह हमेशा उन्हें समझाते थे। मुखर्जी ने कहा, मुझे नहीं पता कि मैंने कितनी बार वित्तमंत्री को फोन कर के परेशान किया और उनसे चर्चा की कि ऐसा क्यों और ऐसा क्यों नहीं? लेकिन उन्होंने मुझे एक सक्षम और प्रभावी वकील की तरह समझाया और मैं उनके तर्को से सहमत हुआ। सरकार का कामकाज कभी प्रभावित नहीं हुआ, कभी रुका नहीं और कभी लटका नहीं।