राफेल डील : सुप्रीम कोर्ट में सरकार के बयान पर भड़के खड़गे, बोले, कैग और एजी को तलब करेगी पीएसी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। कोर्ट ने अपने फैसले में भले ही मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी हो, लेकिन कांग्रेस ने सीएजी की रिपोर्ट को आधार बनाकर हमले और तेज कर दिए हैं। संसद की लोक लेखा समिति (पब्लिक अकाउंट कमेटी-पीएसी) के चेयरमैन मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को आरोप लगाया कि सरकार ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला है और ऐसे में वह कैग और महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) को तलब करने जा रहे हैं।
संशोधन याचिका के साथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट पर ही उठा दिए सवाल
केंद्र ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर शीर्ष अदालत के फैसले में उस पैराग्राफ में संशोधन की मांग की है जिसमें नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) रिपोर्ट और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के संदर्भ में है। सूत्रों के अनुसार, एक विधि अधिकारी की मानें तो अदालत को अवगत कराने के लिए याचिका दायर की गई है कि कैग और पीएसी से जुड़े मुहरबंद दस्तावेज के मुद्दे पर अलग-अलग व्याख्या की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा था कि कैग के साथ कीमत के ब्योरे को साझा किया गया और कैग की रिपोर्ट पर पीएसी ने गौर किया। अब सरकार का यह कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैरा 25 में त्रुटि हुई है। राफेल की कीमत को लेकर हमने सीलबंद लिफाफे में जो जानकारी दी थी, उसमें हमने सीएजी की रिपोर्ट को पीएसी के पास भेजने की प्रक्रिया बताई थी। हमने यह नहीं कहा था कि सीएजी की रिपोर्ट पीएसी के साथ साझा की गई थी और रिपोर्ट को संसद के सामने रखा गया था। हमने सिर्फ प्रक्रिया बताई थी। लेकिन अदालत को समझने में गलतफहमी हुई है। अदालत ने फैसले में Is (है) को Has been (हो चुका) समझ कर लिख दिया। दुर्भाग्यवश सरकार के इस बयान का गलत अर्थ निकाला गया और इस कारण विवाद उत्पन्न हो गया। ऐसे में इस पैराग्राफ में बदलाव किया जाए और जरूरत पड़े तो इसके लिए आगे आदेश दिया जाए, ताकि विवाद पर विराम लग सके। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मामले को जल्दी से जल्दी देखने का आग्रह किया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने मीडिया से कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सही तथ्य पेश नहीं किए और अदालत में 'झूठ' बोला है। सरकार ने वहां दिखाया कि कैग रिपोर्ट को सदन और पीएसी में पेश किया गया है। उन्होंने अदालत में यह भी कहा कि पीएसी ने इसकी जांच की है। उन्होंने दावा किया कि रिपोर्ट सार्वजनिक (पब्लिक डोमेन में) है। लेकिन यह कहां है? क्या आपने इसे देखा है? मैं पीएसी के अन्य सदस्यों के समक्ष इस मामले को ले जाने वाला हूं।
खड़गे ने कहा कि हम महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) और कैग को भी तलब करेंगे। मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार ने धोखे से काम किया है। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन वह जांच एजेंसी नहीं है। ऐसे में हम राफेल डील पर जेपीसी की मांग पर अड़े हुए हैं। आपको बता दें कि एक दिन पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पर सरकार को घेरने की कोशिश की थी।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले में पेज नंबर 21 में कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने सीएजी के साथ राफेल की कीमतों का विवरण साझा किया है। सीएजी अपनी रिपोर्ट को पहले ही अंतिम रूप दे चुके हैं और उसे संसद की लोक लेखा समिति से साझा किया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा, 'कीमत से जुड़े विवरण सीएजी से साझा किए जा चुके हैं और सीएजी रिपोर्ट की जांच-परख संसद की लोक लेखा समिति कर चुकी है।'