संसद में PM मोदी ने महागठबंधन पर कसा तंज, कहा- विपक्ष का यह गठजोड़ 'महा-मिलावट' है
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में विपक्षी दलों के महागठबंधन और कांग्रेस पार्टी पर ताबड़तोड़ हमले किए। उन्होंने विपक्ष के हर आरोप का जवाब देते हुए कांग्रेस के 55 साल और अपनी सरकार के 55 महीने के विकास की तुलना की। उन्होंने महागठबंधन की कोशिशों को 'महामिलावट' कहते हुए तंज कसा। चुनाव से ठीक पहले विपक्षी गठबंधन पर करारा प्रहार करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश ने 30 साल तक मिलावट की स्थिति देखी है। हेल्दी डेमोक्रेसी वाले लोग अब महामिलावट से दूर रहने वाले हैं।
पीएम मोदी ने कहा, 'कांग्रेस की आदत सभी संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करना है। गांधी जी पहले ही यह समझ चुके थे, इसीलिए उन्होंने कांग्रेस को भंग करने की बात कही थी। हम आज वही काम कर रहे हैं, गांधी जी के सपनों को पूरा कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथियों ने भी मिलावट कल्चर को स्वीकार कर लिया है। वंशवाद उनके लिए संस्कार और संस्कृति बन गई है इसीलिए महामिलावट का यह काम आसानी से किया जा सकता है क्योंकि इसमें सभी वंशवादी हैं और थोक के भाव में जमानत पर बाहर हैं।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'आशा और विश्वास की बात करने वाले ही कुछ कर पाते हैं। रोना रोने वाले को 5-10 लोग ही मिल पाते हैं। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि अतीत में जिस दौर से हमें गुजरना पड़ा, वे सब आवश्यक थे क्योंकि विनाश का जो कार्यकाल आया, उससे ही भविष्य का भारत आ रहा है, वह अंकुरित हो चुका है। उस विशालकाय वृक्ष का उगना शुरू हो चुका है।' पीएम ने कहा कि चुनौतियों को ही चुनौती देते हुए हम आम आदमी की आकांक्षाओं को पूरा करने में जुटे हुए हैं।
कांग्रेस पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा, 'जब हम इतिहास की बात करते हैं तो 1947 से 2014 की बात करते हैं। कांग्रेस में हमारे मित्र दो ही टाइम पीरियड देखते हैं। पहला बीसी जो उनके लिए Before Congress है- जब कुछ भी नहीं हुआ और दूसरा है एडी यानी After Dynasty- जब सब कुछ हुआ। साढ़े चार साल पहले क्या होता था और आज क्या है, सब दिखता है।'
पीएम मोदी ने कहा कि भारत साढ़े चार साल पहले 10वीं 11वीं अर्थव्यवस्था वाला देश होता था और आज छठे नंबर पर आ गया है। उस समय 11वें नंबर पर पहुंचने का गौरव किया था, मैं समझ नहीं पाता हूं कि उन्हें छठे पर पहुंचने की पीड़ा क्यों होती है? नए मतदाताओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं शताब्दी के उन करोड़ों युवाओं का मैं स्वागत करता हूं जो पहली बार संसदीय चुनाव के लिए वोट करने वाले हैं। वे एक प्रकार से नीति निर्धारक प्रक्रिया के हिस्सेदार बनने वाले हैं इसलिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।
राफेल के बहाने कांग्रेस पर गंभीर आरोप
प्रधानमंत्री मोदी ने राफेल डील पर विपक्ष के हमलों का करारा जवाब दिया। उन्होंने कांग्रेस पर तीखे वार करते हुए कहा, 'मैं यहां गंभीर आरोप लगा रहा हूं कि कांग्रेस नहीं चाहती है कि हमारी वायु सेना मजबूत हो।' उन्होंने कहा कि आप (कांग्रेस) चाहते हैं कि राफेल डील रद्द हो लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि आप किस कंपनी के लिए यह सौदा रद्द कराने पर तुले हुए हैं। आक्रामक लहजे में पीएम ने कहा कि राफेल पर लगाए गए एक-एक आरोप का जवाब निर्मला जी (रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण) ने दे दिया है। पीएम ने कहा, कौन लोग हैं, जिनके लिए आप देश की सेना के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं? इतिहास गवाह है कि कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकार रक्षा सौदों में दलाली के बिना काम करती ही नहीं थी। मैं सोचता था कि ये झूठ भी इतने आत्मविश्वास के साथ कैसे बोलते हैं? कोई चाचा, कोई मामा ....। पीएम ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आज सबके (विपक्ष खासतौर से कांग्रेस के नेताओं के) चेहरे उतरे हुए हैं क्योंकि तीन राजदार पकड़कर लाए गए हैं।
मोदी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की बात आई तो कांग्रेस ने कहा कि हमने भी की थी। प्रधानमंत्री ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, उस समय तो सेना को आपने (कांग्रेस सरकार) निहत्था बना दिया था और सर्जिकल स्ट्राइक की बातें करते हैं। वे दिन थे जब बुलट प्रूफ जैकेट, हेल्मेट, अच्छे जूते, संचार उपकरण ही नहीं होते थे। 2009 में सेना ने 1 लाख 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट मांगे थे लेकिन 2014 तक ये नहीं खरीदे गए। 2016 में और फिर 2018 में हमारी सरकार ने पूरे जैकेट खरीदकर दिए। पीएम ने कहा कि अगर 2014 में यूपीए की सरकार बनी होती तो देश का गौरव तेजस लड़ाकू विमान पार्किंग में ही खड़ा होता। कांग्रेस को जवाब देना होगा कि जवानों को लेकर इतनी संवेदनहीनता क्यों थी? पीएम ने सवाल खड़े करते हुए कहा, उस समय अगर हमारे दुश्मन देश ने कोई हरकत की होती तो आज देश कहां खड़ा होता। आज जरूरत है कि हमारी सेना का आधुनिकीकरण होना चाहिए। तीन दशक में नेक्स्ट जेनरेशन का फाइटर जेट हमने सेना को नहीं दिया। क्या यह देश के साथ विश्वासघात नहीं था?
कांग्रेस पर एक के बाद एक कई हमले
कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपक्ष का काम है विरोध करना, मोदी की बुराई की जानी चाहिए लेकिन मोदी-भाजपा की आलोचना करते-करते लोग देश की बुराई करने लग जाते हैं। पीएम ने कहा, हममें से किसी को भी देश की बुराई करने वाली बातें नहीं करनी चाहिए। कांग्रेस से सवाल पूछते हुए मोदी ने कहा कि लंदन में झूठी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आप देश की कौन सी इज्जत बढ़ा रहे थे? मोदी ने कहा कि अच्छा है...मैं अपनी मर्यादा में रहूं। उन्होंने कहा, 'आज खड़गे जी बता रहे थे कि मोदी जी जो बात पब्लिक में बोलते हैं, वही बात राष्ट्रपति जी बोल रहे थे।' पीएम ने चुटीले अंदाज में कहा कि सच बोलने वाले बाहर और अंदर एक ही बात बोलते हैं। इसे आपने मान भी लिया कि पीएम और राष्ट्रपति सच बोलते हैं। आपकी तो झूठ सुनने की आदत हो गई है।
पीएम मोदी पर विपक्ष संस्थाओं को बर्बाद करने का आरोप लगाता रहा है। इस पर पलटवार करते हुए मोदी ने कहा, 'कहा जा रहा है कि मोदी संस्थाओं को बर्बाद कर रहा है। एक कहावत है- उल्टा चोर कोतवाल को डाटे।' पीएम ने सवाल उठाते हुए कहा, 'देश में आपातकाल थोपा कांग्रेस ने, सेना को अपमानित किया कांग्रेस ने, सेनाध्यक्ष को गुंडा कहा कांग्रेस ने, कहानियां गढ़ी गईं तख्तापलट की... इन सबके बाद भी आप कहते हैं कि मोदी देश की संस्थाओं को बर्बाद कर रहे हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग दुनिया में हमारे गौरव का केंद्र है। छोटी-मोटी शिकायत के बाद भी पार्टियां उसके हिसाब से चल रही हैं, लेकिन आप अपनी विफलता ईवीएम पर फोड़ रहे हैं। आप इतने डरे हुए हैं...आपको क्या हो गया है? न्यायपालिका को कांग्रेस धमकाती है, पहले कभी नहीं हुआ। महाभियोग के नाम पर पूरी व्यवस्था को हिलाने की कोशिश की गई और आप हम पर सवाल उठा रहे हैं।'
पीएम ने याद दिलाते हुए कहा, 'कांग्रेस पार्टी के एक पूर्व पीएम ने ही योजना आयोग को जोकरों का समूह कहा था। धारा 356 का दुरुपयोग करीब 100 बार आपने (कांग्रेस) किया। चुनी हुई सरकारों को आपने बर्खास्त करने का काम किया। इंदिरा गांधी ने 50 बार ऐसा कदम उठाया। 1959 में जब नेहरू पीएम थे और इंदिरा गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष थीं....केरल की सरकार को बर्खास्त कर दिया गया। आपने कैबिनेट के फैसले प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाड़ दिए इसलिए कृपा करके मोदी पर उंगली उठाने से पहले आपको पता होना चाहिए कि चार उंगली आपकी तरफ होती है।
पीएम मोदी ने करीब दो घंटे के अपने भाषण में कई बार कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे का जिक्र किया। उन्होंने कहा, खड़गे जी डिसेंट व्यक्ति हैं लेकिन पता नहीं क्या मजबूरी है कि हर बार डिसेंट...हर बार डिसेंट। इस पर सदन में सत्तापक्ष के सदस्य ठहाका लगाते हुए हंस पड़े। पीएम ने आगे कहा कि इनकी परेशानी का सबसे बड़ा कारण यह है कि एक गरीब इंसान जिसने दिल्ली को देखा नहीं था, उसने दिल्ली की सल्तनत को चुनौती दे दी। इनके दिमाग से वह बात जाती नहीं है, वही नशा (सत्ता का) इन्हें परेशान कर रहा है।
2019 में फिर से बनेगी हमारी सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान यह भरोसा व्यक्त किया कि 2019 में एक बार फिर उनकी ही सरकार बनेगी। 2014 में जिस मंजिल को लेकर हम निकले, उसकी तरफ हम बढ़ते रहेंगे। 2018 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान देखा कि मेरी आवाज को दबाने का भरपूर प्रयास किया गया था। विपक्ष को शुभकामनाएं देता हूं कि 2023 में फिर से आपको अविश्वास प्रस्ताव लाने का मौका मिले। यह अहंकार नहीं, समर्पण भाव है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि आपके अहंकार का परिणाम है कि आप 400 से 40 हो गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर कर्जमाफी के नाम पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जो गरीब किसान कर्जमाफी के हकदार थे उनका कर्ज माफ नहीं हुआ, अपात्रों का कर्ज माफ हो गया। पीएम ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, '2009 का चुनाव जीतने के लिए आपने कर्जमाफी की घोषणा की। किसानों का कर्ज 6 लाख करोड़ रुपये था लेकिन आपने 52 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया। वह भी बैंक से कर्ज लेने वाले बड़े लोगों का माफ हुआ, गरीब किसानों का नहीं। उस समय भ्रष्टाचार के इतने बड़े-बड़े कारोबार चल रहे थे कि कई पर तो ध्यान ही नहीं जाता था। सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक उन 52 हजार में से 35 हजार तो ऐसे थे जो कर्जमाफी के हकदार ही नहीं थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिम बजट में छोटे किसानों के लिए 6 हजार रुपये सालाना वित्तीय मदद के प्रावधान का जिक्र करते हुए कहा कि हम सभी किसानों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। हम किसानों का सशक्तीकरण चाहते हैं। हम भी कर्जमाफी के रास्ते पर जा सकते थे, लेकिन हम उनका (किसानों का) सशक्तीकरण करना चाहते थे। 99 सिंचाईं परियोजनाएं लटकी पड़ी थी, उन्हें हजारों करोड़ से पूरा किया है। मेगा फूड पार्क बनाए हैं। हमने किसानों को 6 हजार रुपये वार्षिक देने का फैसला किया है, जिसका दूरगामी असर पड़ेगा। देश के 85 प्रतिशत किसानों को इसका लाभ मिलने वाला है। करीब 12 करोड़ किसानों को इसका सीधा फायदा मिलेगा, उनके खाते में पैसे आएंगे।
कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस पर पीएम मोदी का प्रहार यही नहीं रुका। उन्होंने आगे कहा, कर्नाटक सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया था। 43 लाख लोगों को इसका फायदा मिलना चाहिए था लेकिन सिर्फ 60 हजार किसानों का कर्ज माफ हुआ। मध्य प्रदेश और राजस्थान में 10 दिन में कर्जमाफी का दावा किया गया था लेकिन वहां अभी कागज ही तैयार नहीं है। आप 10 साल में 50-60 हजार करोड़ का कर्ज माफ करते हैं, जिसका सबको लाभ नहीं मिलता। हमने जो योजना शुरू की है, उसमें 10 सालों में किसानों के खाते में साढ़े 7 लाख रुपये जाएंगे।
महंगाई और कांग्रेस का अटूट नाता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि महंगाई आज नियंत्रण में है। आज यहां सदन में महंगाई को लेकर भी कुछ बातें हुईं, हकीकत से बिल्कुल परे, सच्चाई से एकदम परे। मैं उन सबको याद दिलाना चाहता हूं कि हमारे देश में दो गाने बहुत प्रसिद्ध हुए थे। एक था 'बाकी जो बचा था महंगाई मार गई', जो इंदिरा गांधी के दौर में लोकप्रिय हुआ था। उस वक्त इन्फ्लेशन 30 प्रतिशत था। दूसरा गाना लोकप्रिय हुआ था, 'महंगाई डायन खाए जात है'। यह गाना यूपीए शासनकाल में लोकप्रिय हुआ था, जब महंगाई दर 10 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई थी। आज हमने महंगाई दर को 4 प्रतिशत से नीचे रखा है। महंगाई और कांग्रेस का नाता अटूट है। पीएम ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि आपके 55 साल सत्ताभोग के थे, लेकिन हमारे 55 माह सेवाभाव के हैं। जीएसटी के बाद जरूरी सामानों को हमने टैक्स के दायरे से बाहर करने का काम किया था। कांग्रेस के समय औसत टैक्स 30 प्रतिशत होता था लेकिन हमने इसे कम किया है। 5 लाख रुपये तक की सालाना आय को हमने करमुक्त किया है।
रोजगार के मुद्दे पर भी बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार पर रोजगार के मोर्चे पर नाकामी के आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने आंकड़ों के जरिए यह साबित करने की कोशिश की कि उनकी सरकार के दौरान रोजगार के मौके बढ़े हैं, बेरोजगारी घटी है। पीएम मोदी ने कहा, '55 साल की सरकार में रोजगार का कोई एजेंडा ही नहीं था। रोजगार की प्रकृति बदल चुकी है। देश में असंगठित क्षेत्र 85 से 90 प्रतिशत नौकरियां देता है। संगठित क्षेत्र 10 से 15 प्रतिशत ही रोजगार देता है। जो सेक्टर नौकरियों का सिर्फ 10 प्रतिशत योगदान देता है, उसके आंकड़े देते हैं। सितंबर 2017 से नवंबर 2018 तक करीब एक करोड़ लोगों ने पहली बार पीएफ का पैसा कटाना शुरू किया। इनमें से 64 प्रतिशत की उम्र 28 साल से कम है। हमारे देश में मार्च 2014 में करीब 65 लाख लोगों को एनपीएस में रजिस्टर किया गया था। पिछले साल अक्टूबर में यह संख्या 1 करोड़ 20 लाख हो गई। यह भी क्या बिना नौकरी के हो गई। पिछले 4 सालों में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले नॉन-कॉर्पोरेट टैक्सपेयर की संख्या 6 लाख 35 हजार बढ़ी है। ये दूसरों को अपने यहां काम पर रखते हैं।'
प्रधानमंत्री ने असंगठित क्षेत्र से जुड़े आंकड़ों को गिनाते हुए कहा, 'असंगठित क्षेत्र के आंकड़े देखिए। ट्रांसपोर्ट सेक्टर में बहुत ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है। बीते 4 सालों में करीब 36 लाख बड़े ट्रक या व्यावसायिक वाहन, डेढ़ करोड़ कमर्शल वीइकल बिके हैं। क्या ये पार्किंग के लिए खरीदी गई हैं। उन्हें कोई चलाने वाला नहीं होगा क्या, सर्विसिंग नहीं होती होगी क्या। एक अनुमान है कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर में ही बीते साढ़े 4 वर्षों में डेढ़ करोड़ लोगों को रोजगार मिली है। होटलों की संख्या में 50 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। देश में टैक्सी एग्रीगेटर सर्विस का विस्तार हो रहा है। उसमें भी कोई न कोई गाड़ी चलाता है, वह भी रोजगार है।' मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'इसके तहत पहली बार लोन पाने वालों की संख्या सवा 4 करोड़ से ज्यादा है। इन्होंने अपना काम शुरू किया है लेकिन ये लोग जॉब डेटा के अंदर नहीं होते हैं। डेढ़ लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर ग्रामीण इलाकों में खोले गए हैं। देश में दोगुनी गति से हाइवे बन रहे हैं, नए एयरपोर्ट बन रहे हैं, करोड़ों घर बन रहे हैं। क्या इसमें रोजगार नहीं मिल रहे हैं क्या। स्टार्टअप इंडिया जैसे स्वरोजगार के मजबूत पहलों से युवाओं को फायदा हुआ है।'
भ्रष्टाचार पर अपनी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा कि देश को लूटने वालों को मोदी डराकर रखेगा, उन्हें डरना ही होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, 'आप चिंता मत करें। देश को लूटने वालों को मोदी डरा कर रखेगा, देश ने मुझे इसीलिए बैठाकर रखा है। जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें डरना ही होगा। देश में चोर, लुटेरे, बदमाशों का डर खत्म हो गया था। उनके मन में डर बैठाने के लिए ही हमें यहां बैठाया गया है। देश ने मुझे यह काम सौंपा है, मुझे फिर यहां बैठाएगा।' उन्होंने अपने भाषण का समापन सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की इस मशहूर कविता से की-
'सूरज जाएगा भी तो कहां,
उसे यहीं रहना होगा,
यहीं हमारी सांसों में,
हमारी रगों में,
हमारे संकल्पों में,
हमारे रतजगों में,
तुम उदास मत होओ,
अब मैं किसी भी सूरज को नहीं डूबने दूंगा।'