नोटबंदी के 30 दिन : विपक्ष ने मनाया ब्लैक-डे, संसद की कार्यवाही ठप
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की घोषणा के एक महीने पूरे होने पर विपक्ष ने इसे काला दिवस की संज्ञा दिया। इस दौरान विपक्षी दलों के सांसदों ने गुरुवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास एकत्र होकर काली पट्टी बांधकर मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध जताया। दूसरी ओर दोनों सदन की कार्यवाही एक बार फिर शोरशराबे और नारेबाजी की भेंट चढ़ गई। नतीजतन राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी।
उधर, नोटबंदी के एक महीना पूरा होने पर विपक्षी दल संसद में बांहों में काली पट्टी बांधकर सदन में पहुंचे। नोटबंदी के मुद्दे पर राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी दलों के शांत न होने पर उपराष्ट्रपति ने सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। लोकसभा में भी हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे और फिर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा कि ये पीएम मोदी का बोल्ड नहीं मूर्खतापूर्ण निर्णय था, जिसके कारण देशभर में 100 से ज्यादा लोग मारे गए। इसके पीछे मोदी जी का अहंकार है। उन्होंने ये भी कहा कि आज सरकार पेटीएम को बढ़ावा दे रही है। दरअसल PayTm का मतलब है पे टू मोदी।
मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, पीएम मोदी का नोटबंदी का फैसला मूर्खतापूर्ण था। एक महीने पहले उन्होंने इस वित्तीय प्रयोग को बिना किसी से राय मशविरा किए किया। इसका सबसे ज्यादा नुकसान गरीब, किसानों को हुआ। एल एंड टी ने एक लाख लोगों को नौकरी से निकाल दिया, बेरोजगारी बढ़ रही है। ये बोल्ड नहीं मूर्खतापूर्ण निर्णय है। पीएम पहले देश से कालाधन निकालने की बात कर रहे थे, कहते थे कि वो आएगा तो किसानों को देंगे। अब ये बात नहीं करते।
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री एक के बाद एक बहाने से भाग रहे हैं। लेकिन हम उन्हें भागने नहीं देंगे, उन्हें समझाएंगे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के इस आइडिया से पीएम मोदी का लक्ष्य सिर्फ कुछ लोगों को फायदा पहुंचाना है। इससे देश को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा, वे हंस रहे हैं और यहां देश के लेाग परेशानी झेल रहे हैं। लोकसभा में अगर मुझे बोलने दिया जाए तो मैं सबको बता दूंगा कि पेटीएम का मतलब पे टू मोदी होता है।
इसके बाद संसद की कार्यवाही शुरू होने पर अन्य दिनों की तरह राज्यसभा में जोरदार हंगामा जारी है। कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नोटबंदी के फैसले के बाद अब तक 100 लोगों की जान जा चुकी है लेकिन सत्ता पक्ष इन्हें श्रद्धांजलि देने से मना कर दिया। आज विपक्ष ने गांधी प्रतिमा के समक्ष 'ब्लैक डे' मनाया। सरकार के लिए यह शर्म की बात है। जनता के मर्म पर आप नमक छिड़क रहे हैं। बेर्शमी की भी हद होती है।
सरकार पर आजाद के इस प्रहार का जवाब देते हुए भाजपा सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विपक्ष फौरन चर्चा करे जैसा की वह चाह रहा है। नोटबंदी के फैसले से लोग खुश हैं। इससे विकास को नई रफ्तार मिलेगी। विपक्ष के जोरदार हंगामे के कारण स्पीकर ने राज्यसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे, फिर 2 बजे और अंततः पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
इसी तरह लोकसभा में नोटबंदी पर विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि हमारी कोशिश है कि हमारी ज्यादा से ज्यादा अर्थव्यवस्था कैशलेस हो। यूपीए की सरकार के समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर समझा जाता था और आज मजबूत समझा जाता है।
जेटली ने कहा कि वह कांग्रेस को चुनौती देना चाहते हैं कि वह बताए कि 10 सालों में उनकी सरकार ने कालेधन के खिलाफ एक भी कदम उठाया हो। उन्होंने कहा कि मैं यहां साफ कर देना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम 30 दिसम्बर तक लोगों के सामने आ रही कठिनाइयों को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। जब वित्त मंत्री बोल रहे थे उस समय सदन में 'झूठे सपने बंद करो' और 'देश को लूटना बंद करो' के नारे लगाए जा रहे थे। जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।